Fact Check: उत्तराखंड की यह तस्वीर 2013 में आई बाढ़ से संबंधित है, हाल का बताकर भ्रामक दावे से किया जा रहा है वायरल

उत्तराखंड में भारी बारिश की वजह से हुई तबाही के बीच सोशल मीडिया पर ऋषिकेश में गंगा नदी के किनारे स्थित भगवान शिव की मूर्ति की वायरल हो रही तस्वीर वर्ष 2013 में राज्य में आई बाढ़ के दौरान की है

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। उत्तराखंड में हुई भारी बारिश की वजह से मची तबाही के बीच सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक तस्वीर को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह हाल की तस्वीर है। वायरल हो रही तस्वीर में ऋषिकेश में गंगा के किनारे बनी भगवान शिव की विशालकाय मूर्ति को देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक निकला। वायरल हो रही तस्वीर 2013 में उत्तराखंड में आई बाढ़ से संबंधित है, जब गंगा के जलस्तर में अप्रत्याशित रूप से इजाफा हुआ था और उसकी लहरें ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन आश्रम के निकट बनी गंगा किनारे बनी भगवान शिव की मूर्ति के ऊपरी हिस्से को छूने लगी थीं।

क्या है वायरल पोस्ट में?

सोशल मीडिया यूजर ‘Assem Atef’ने वायरल तस्वीर को अपनी प्रोफाइल से शेयर करते हुए लिखा है, ”ربنا المنتقم الجبار
امطار عنيفة في الهند
تسبب فيضانات عارمة وتشريد مئات الآلاف بما فيهم الإله “شيفا” إله الدمار لدى الهندوس
والذي يغرق في الفياضانات التي اجتاحت شمال الهند ولم يساعده احد!!” (” हमारे पराक्रमी भगवान प्रतिशोध के भारत में कठोर बारिश हिंदुओं के विनाश के देवता भगवान “शिव” सहित सैकड़ों हजारों लोगों की भारी बाढ़ और विस्थापन का कारण जो बाढ़ में डूबा जिसने उत्तर भारत को बहा दिया और किसी ने उसकी मदद नहीं की !!”)

सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें यह तस्वीर कई पुरानी रिपोर्ट्स में लगी मिली, जो 2013 में उत्तराखंड में आई विनाशकारी बाढ़ से संबंधित है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की वेबसाइट पर 20 जून 2013 को प्रकाशित रिपोर्ट में इस तस्वीर को देखा जा सकता है।


न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की वेबसाइट पर 20 जून 2013 को प्रकाशित रिपोर्ट में इस्तेमाल की गई तस्वीर

रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, ‘यह तस्वीर 17 जून 2013 को उत्तराखंड के ऋषिकेश में गंगा में आई बाढ़ की तस्वीर है, जिसकी वजह से भगवान शिव की मूर्ति पानी में आधी डूब गई।’

इकोनॉमिक टाइम्स की वेबसाइट पर 20 जून 2013 को प्रकाशित रिपोर्ट में भी न्यूज एजेंसी पीटीआई के हवाले से इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है।

कई अन्य रिपोर्ट में भी इस तस्वीर का इस्तेमाल अलग-अलग एजेंसियों के हवाले से किया गया है। फर्स्टपोस्ट की वेबसाइट पर 6 मई 2014 को प्रकाशित रिपोर्ट में न्यूज एजेंसी एएफपी के हवाले से इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है।


फर्स्टपोस्ट की वेबसाइट पर 6 मई 2014 को प्रकाशित रिपोर्ट में इस्तेमाल की गई समान तस्वीर

रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, ‘यह तस्वीर वर्ष 2013 में उत्तराखंड में आई बाढ़ से संबंधित है।’ अब तक की जांच से यह स्पष्ट है कि वायरल हो रही तस्वीर उत्तराखंड में हालिया बारिश की वजह से हुई तबाही से संबंधित नहीं है।

हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के हरिद्वार के विशेष संवाददाता अनूप कुमार ने भी इसकी पुष्टि करते हुए बताया, ‘वायरल हो रही तस्वीर 2013 में आई बाढ़ से संबंधित है, जब गंगा के जलस्तर ने रौद्र रूप धर लिया था और ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन के सामने गंगा में बनी भगवान शिव की यह विशालकाय मूर्ति लगभग डूब गई थी। इस बार तो गंगा का जलस्तरा काफी नीचे है।’

गौरतलब है कि उत्तराखंड में भारी बारिश की वजह से कई इलाकों में व्यापक तौर पर जान-माल का नुकसान हुआ है और इसकी वजह से अब तक 40 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 19 अक्टूबर को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, ‘उत्तराखंड में रविवार रात से हो रही बारिश ने भारी तबाही मचाई। कुमाऊं के छह जिलों में 40 लोगों की मौत हुई। प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति जानने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देर शाम कुमाऊं का दौरा किया। इस दौरान सीएम ने आपदा में मृत व्यक्तियों के स्वजन को चार-चार लाख रुपये और नुकसान झेलने वालों को 1.9 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।’

निष्कर्ष: उत्तराखंड में भारी बारिश की वजह से हुई तबाही के बीच सोशल मीडिया पर ऋषिकेश में गंगा नदी के किनारे स्थित भगवान शिव की मूर्ति की वायरल हो रही तस्वीर वर्ष 2013 में राज्य में आई बाढ़ के दौरान की है, जब गंगा के जलस्तर में भारी बढ़ोतरी हुई थी और इस वजह से भगवान शिव की मूर्ति पानी में लगभग डूब गई थी। इस पुरानी तस्वीर को हाल का बताकर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।


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