काशी कॉरिडोर के लोकार्पण के बाद ज्ञानवापी मस्जिद के ढक जाने के कारण एक मुस्लिम युवक के रोने की तस्वीर को ज्ञानवापी मस्जिद में हुए सर्वे के दौरान शिवलिंग मिलने के दावे से जोड़कर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक तस्वीर में एक मुस्लिम युवक को हताश और रोते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद में कथित रूप से शिवलिंग मिलने के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान इस मुस्लिम लड़के ने रोना शुरू कर दिया।
विश्वास न्यूज की जांच यह दावा भ्रामक निकला। वायरल हो रही तस्वीर दिसंबर 2021 की घटना से संबंधित है, जब काशी विश्ववनाथ कॉरिडोर की शुरुआत के बाद पश्चिम बंगाल से वाराणसी पहुंचा नौशाद नाम का मुस्लिम युवक मीडिया से बातचीत के दौरान यह कहते हुए रो पड़ा था कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की वजह से मस्जिद ढक दी गई है।
ट्विटर यूजर ‘Hindu Monk’ ने वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”A beautiful demonstration of secularism. Tears of joy by Abdul after Shivling is found in #GyanvapiMosque
फेसबुक पर कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर कई पुरानी रिपोर्ट्स मिली, जिसमें वायरल तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। ucnewshindi.com की वेबसाइट पर 17 दिसंबर 2021 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, ‘सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में एक मुस्लिम युवक है, वीडियो में युवक काशी विश्वनाथ मंदिर के भव्य निर्माण के चलते मस्जिद के ढक जाने पर अपना दर्द बयां करते हुए दिख रहा है। इस दौरान युवक यह भी कहता है कि ये बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। युवक ने मस्जिद ढक जाने पर नाराजगी जाहिर की। युवक वीडियो में कहता है कि एक तरफ तो मंदिर को इतना विशाल रूप दे दिया गया है, जबकि दूसरी तरफ मस्जिद को ढक दिया गया है। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि आप कैसे किसी के राइट को इस तरह दबा सकते है।’
वायरल तस्वीर में युवक को यूपी तक की रिपोर्टर से बात करने के दौरान रोते हुए देखा जा सकता है। यूट्यूब सर्च में यूपी तक के वेरिफाइड यूट्यूब चैनल पर इस घटना से संबंधित वीडियो मिला।
15 दिसंबर 2021 को अपलोड किए गए वीडियो में मीडियाकर्मी से बातचीत करने के दौरान एक मुस्लिम युवक यह कहते हुए रो पड़ा कि मंदिर के विशाल निर्माण से मंदिर के पास मौजूद मस्जिद ढक गई है। बातचीत के दौरान युवक अपना नाम नौशाद आलम बताते हुए कहता है- वह कोलकाता से वाराणसी आया है। मंदिर की वजह से मस्जिद पूरी ढक गई है और यह कहते हुए वह रो पड़ता है।
स्पष्ट है कि वायरल हो रहा वीडियो ज्ञानवापी मस्जिद में हुए सर्वे से संबंधित नहीं है, बल्कि 2021 का है। वायरल वीडियो को लेकर हमने यूपी तक में काम करने वाले जर्नलिस्ट से संपर्क किया। उन्होंने कहा, ‘यह तस्वीर काशी कॉरिडोर की शुरुआत के बाद की है, जब पश्चिम बंगाल से आया एक युवा यह कहते हुए रो पड़ा कि मंदिर की वजह से मस्जिद अब दिखाई तक नहीं दे रहा है।’
दैनिक जागरण के वाराणसी के आउटपुट हेड शाश्वत मिश्रा ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि यह घटना काशी कॉरिडोर के लोकार्पण के समय की ही है।
वायरल तस्वीर को शेयर करने वाले यूजर ने अपनी प्रोफाइल में स्वयं को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्यकर्ता बताया है और उनकी प्रोफाइल को ट्विटर पर करीब तीन सौ लोग फॉलो करते हैं।
गौरतलब है कि 16 मई को उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में तीसरे दिन कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे-वीडियोग्राफी कार्य पूरा हो गया। पीटीआई भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वे के लिए गठित आयोग को संपूर्ण परिसर की वीडियोग्राफी कर अपनी रिपोर्ट 17 मई तक पेश करने के निर्देश दिए गए थे। यह काम पूरा होने के बाद से सोशल मीडिया पर कई तस्वीरों को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि ये सर्वे के दौरान परिसर में मिले शिवलिंग या उससे संबंधित तस्वीरें हैं।
कोर्ट की तरफ से गोपनीयता को लेकर सख्त हिदायत की वजह से सर्वे में क्या सामने आया, इसके बारे में कोई आधिकारिक या पुष्ट जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया गया है। इसलिए विश्वास न्यूज सर्वे को लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्षों के किए गए दावों की न तो पुष्टि करता है और न ही खंडन।
निष्कर्ष: काशी कॉरिडोर के लोकार्पण के बाद ज्ञानवापी मस्जिद के ढक जाने के कारण एक मुस्लिम युवक के रोने की तस्वीर को ज्ञानवापी मस्जिद में हुए सर्वे के दौरान शिवलिंग मिलने के दावे से जोड़कर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
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