Fact Check: यह तस्वीर काबुल पर तालिबानियों के कब्जे के बाद की नहीं, 2012 में ईद-उल-अजहा के नमाज की है
अफगानिस्तान के जलालाबाद में वर्ष 2012 में ईद उल अजहा के मौके पर पढ़ी गई सामूहिक नमाज की तस्वीर को काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद का बताकर वायरल किया जा रहा है।
- By: Abhishek Parashar
- Published: Aug 19, 2021 at 05:24 PM
- Updated: Aug 19, 2021 at 07:14 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद सोशल मीडिया पर लगातार ऐसी कई तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनका मौजूदा घटनाक्रम से कोई संबंध नहीं है। ऐसी ही वायरल हो रही एक तस्वीर में एक बड़े समूह को साथ में नमाज पढ़ते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि काबुल पर कब्जा करने के बाद तालिबानियों ने एक साथ नमाज अदा की और यह तस्वीर उसी की है।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। वायरल हो रही तस्वीर वर्ष 2012 की है, जब जलालाबाद जिले में ईद-उल-अजहा के मौके पर अफगानी नागरिकों ने एक मस्जिद में नमाज अदा की थी।
क्या वायरल पोस्ट में?
फेसबुक यूजर ‘Md. Abubokor Siddek’ ने वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”আফগানিস্তানের কাবুল বিজয়ের পর
শুকরিয়া আদায় করে নামাজ পরছে।
মাশাআল্লাহ!” (अफगानिस्तान की काबुल जीत के बाद शुक्राना नमाज अदा करते हुए। माशाअल्लाह!)
सोशल मीडिया पर अनगिनत यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
पड़ताल
वायरल हो रही तस्वीर के साथ किए गए दावे की सच्चाई को जानने के लिए हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद ली। हमें यह तस्वीर अमेरिकी मैग्जीन द एटलांटिक डॉट कॉम की वेबसाइट पर
दो नवंबर 2012 को ‘Afghanistan: October 2012’ नाम से प्रकाशित रिपोर्ट में लगी मिली।
इस रिपोर्ट में तत्कालीन अफगानिस्तान की 40 तस्वीरों को शामिल किया गया है, जिसमें एक तस्वीर वह है, जिसे सोशल मीडिया पर अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।
तस्वीर की क्रेडिट लाइन में न्यूज एजेंसी एपी का इस्तेमाल किया गया है। सर्च में हमें यह तस्वीर एपी की फोटो गैलरी में लगी मिली।
एपी की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, ‘यह तस्वीर 26 अक्टूबर 2012 की है, जब ईद-उल-अजहा के मौके पर जलालाबाद की मस्जिद में अफगानी नागरिकों ने नमाज अदा की थी।’
न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक 15 अगस्त 2021 को तालिबान ने काबुल पर कब्जा किया था।
यानी वायरल हो रही तस्वीर अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद की नहीं, बल्कि कई वर्ष पुरानी है।
वायरल हो रही तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर बांग्लादेश के ढाका के रहने वाले हैं। इससे पहले भी कई तस्वीरें और वीडियो को तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान का बताकर वायरल किया गया है, जिसकी पड़ताल विश्वास न्यूज की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
निष्कर्ष: अफगानिस्तान के जलालाबाद में वर्ष 2012 में ईद-उल-अजहा के मौके पर पढ़ी गई सामूहिक नमाज की तस्वीर को काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद का बताकर वायरल किया जा रहा है।
- Claim Review : काबुल जीत के बाद तालिबानियों की नमाज
- Claimed By : FB User-Md. Abubokor Siddek
- Fact Check : झूठ
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