1963 में ओमिक्रॉन की उत्पत्ति के दावे के साथ वायरल हो रहा फिल्म का यह पोस्टर एडिटेड है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। कोरोना वायरस से नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के तेजी से फैलने के बीच सोशल मीडिया पर इससे जुड़ी भ्रामक जानकारियां भी साझा होने लगी है। सोशल मीडिया पर एक फिल्म का पुराना पोस्टर वायरल हो रहा है, जिसमें फिल्म का नाम ‘The OMICRON VARIANT’ लिखा हुआ नजर आ रहा है। दावा किया जा रहा है कि यह फिल्म 1963 में ही आ गई थी। वायरल पोस्ट के जरिए यह बताने की कोशिश की जा रही है कि कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन नया नहीं है, बल्कि इसके बारे में पहले से जानकारी मौजूद थी। कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर इस तरह के कई मैसेज पहले भी वायरल हो चुके हैं, जिसके जरिए इस वायरल की उत्पत्ति को लेकर साजिश के सिद्धांत की पुष्टि करने का दुष्प्रचार किया जाता है।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। वायरल हो रहा फिल्म का पोस्ट एडिटेड है। ऑरिजिनल पोस्टर एक इटालियन फिल्म का है, जिसे एडिट कर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
ट्विटर यूजर ‘Gautam Rode’ ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, ”What are the odds 😳… this movie released in 1963! OmicronVariant.”
फेसबुक यूजर ‘Vinz Paul Abiog’ ने भी वायरल पोस्टर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
कई अन्य यूजर्स ने इस पोस्ट को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
न्यूज सर्च में मिली जानकारी के मुताबिक 26 नवंबर 2021 को टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन वायरस इवोल्यूशन (TAG-VE) की अनुशंसा के आधार पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वेरिएंट B.1.1.529 को वैरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित किया था। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका और दुनिया के अन्य देशों के शोधकर्ता इस वैरिएंट के बारे में और अधिक जानने के लिए शोध कर रहे हैं।
cdc.gov की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, कोरोना वायरस के नए वैरिएंट B.1.1.529 का पहला मामला 11 नवंबर 2021 को बोत्सवाना और 14 नवंबर 2021 को दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था और इसके बाद 26 नवंबर को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे B.1.1.529 ओमिक्रॉन नाम देते हुए इस वैरिएंट को वैरिएंट ऑफ कंसर्न (वीओसी) घोषित कर दिया।
साफ है कि कोरोना वायरस (SARS-CoV-2) का नया वैरिएंट पहली बार 11 नवंबर 2021 को सामने आया, जबकि वायरल पोस्टर में इसके 1963 में सामने आने का दावा किया जा रहा है।
सर्च में हमें imdb.com की वेबसाइट पर ओमिक्रॉन (न कि द ओमिक्रॉन वेरिएंट, जैसा कि वायरल पोस्ट में दावा किया गया है) नाम की फिल्म का पोस्टर मिला, जो 1963 में बनी साइंस फिक्शन मूवी थी। साथ ही इस फिल्म का पोस्टर वायरल इमेज से बिल्कुल अलग है।
इसके बाद हमने वायरल तस्वीर के ऑरिजिनल सोर्स को खोजने की कोशिश की। गूगल रिवर्स इमेज सर्च किए जाने पर हमें यह तस्वीर फिल्म डायरेक्टर बेकी चीटर के ट्विटर प्रोफाइल पर लगी मिली। वायरल तस्वीर के साथ उन्होंने अन्य फिल्म के पोस्टर की तस्वीर को साझा करते हुए लिखा है कि उन्होंने ये तस्वीरें 70 के दशक में बनी साइंस फिक्शन की फिल्मों के पोस्टर को एडिट कर तैयार किया है।
इसके बाद हमने एक बार फिर से सर्च की मदद ली। सर्च में हमें कई रिपोर्ट्स में वह ऑरिजिनल पोस्टर मिला, जिसे एडिट कर वायरल तस्वीर को तैयार किया गया है। नीचे दिए गए कोलाज में इन दोनों तस्वीरों के बीच के अंतर को साफ देखा जा सकता है। मूल तस्वीर साइंस फिक्शन मूवी IV FASE की है।
ओमिक्रॉन को लेकर हमने आएएमएल के डॉक्टर गौतम शर्मा से बात की। उन्होंने बताया, ‘यह बिलकुल नया वैरिएंट है और अभी तक की उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, इसके फैलने की रफ्तार काफी अधिक है। इस वैरिएंट को लेकर अलग-अलग देशों में शोध का सिलसिला जारी है।’
वायरल तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल को ट्विटर पर करीब डेढ़ मिलियन से अधिक लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: वर्ष 1963 में ओमिक्रॉन की उत्पत्ति के दावे के साथ वायरल हो रहा फिल्म का यह पोस्टर एडिटेड है। 1963 में ‘ओमिक्रॉन’ नाम से बनी साइंस फिक्शन मूवी रिलीज हुई थी, जो एक एलियन के मानव शरीर में प्रवेश करने की कहानी पर आधारित है और इसका कोरोना वायरस के नए वैरिएंट से कोई लेना-देना नहीं है। इस दावे के साथ वायरल हो रहा पोस्ट भी एडिटेड है, जिसे 1974 में बनी फिल्म IV PHASE के पोस्ट को एडिट कर तैयार किया गया है।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।