विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया की यह दोनों ही तस्वीर सेंटर में बीजेपी शासन आने के बाद की है। दोनों ही तस्वीरों की एक साथ तुलना करते हुए भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर दो तस्वीरें वायरल हो रही हैं। पहली तस्वीर में कुछ स्कूल की लड़कियों को पत्थरबाज़ी करते हुए देखा जा सकता है वहीं इस तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है की यह कश्मीर की तस्वीर तबकी है, जब कांग्रेस का शासन था। वायरल पोस्ट की दूसरी तस्वीर में कुछ बच्चों को तिरंगा लिए देखा जा सकता है और इस तस्वीर के साथ दावा है की यह सेंटर में बीजेपी रूल आने के बाद की फोटो है। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया की यह दोनों ही तस्वीर सेंटर में बीजेपी शासन आने के बाद की है। दोनों ही तस्वीरों की एक साथ तुलना करते हुए भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर विजय तिवारी ने वायरल पोस्ट को शेयर किया और पहली तस्वीर के साथ लिखा ‘कांग्रेस का कश्मीर’ वहीं दूसरी फोटो के साथ लिखा ‘भाजपा का कश्मीर’.
पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देखें।
अपनी पड़तला को शुरू करते हुए हमने सबसे पहले पहली तस्वीर यानी जिसमें कुछ स्कूली लड़कियों को पत्थर चलते देखा जा सकता है, को गूगल रिवर्स इमेज के ज़रिये सर्च किया। यह तस्वीर हमें देश और दुनिया की बहुत-सी प्रतिष्ठित न्यूज़ वेबसाइट पर मिली। 25 अप्रैल 2017 को इंडिया डॉट कॉम पर वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए कश्मीर के श्रीनगर का बताया गया। वॉशिंगटन पोस्ट पर वायरल तस्वीर से जुडी खबर को देख सकते हैं।
हम तस्वीर के मेन सोर्स यूरोपियन प्रेस फोटो एजेंसी ईपीए तक पहुंचे। वहां तस्वीर के साथ दी गयी जानकारी के मुताबिक, ‘कश्मीरी लड़कियों ने 24 अप्रैल 2017 को भारतीय कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में झड़पों के दौरान पुलिस पर पत्थर फेंके।”
अब तक की पड़ताल से यह तो साफ़ था की पहली तस्वीर 2017 की थी। यानी तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा गलत है कि यह कांग्रेस शासन के दौरान की है। बता दें की केंद्र में साल 2014 से बीजेपी की हुकूमत है। वहीँ जम्मू व कश्मीर में 2016 में हुए विधान सभा चुनाव में पीपल डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की सरकार बीजीपी के गठबंधन के साथ बनी थी। तो दोनों ही लिहाज़ से ना तो केंद्र में और ना ही स्टेट में कांग्रेस की सरकार नहीं थी।
अब बारी थी दूसरी तस्वीर की पड़ताल की। सबसे पहले हमने वायरल तस्वीर को गौर से देखा। तस्वीर में बच्चों के हाथों में तिरंगे है और वहीं, कुछ बच्चे मास्क लगाए हुए नज़र आ रहे हैं। बच्चों के पीछे एक बिल्डिंग नज़र आई, जिसमें गुडविल लिखा हुआ दिखा और उसके नीचे पोरा।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हम गुडविल स्कूल की वेबसाइट पर पहुंचे। वहां दी गयी स्कूल की ब्रांच में हमें खैरपुर बांदीपुरा का नाम भी नज़र आया। हमने पुष्टि के लिए बांदीपुरा स्कूल ब्रांच से सम्पर्क किया और वहां से हमें बताया गया की बच्चों की वायरल तस्वीर बांदीपुरा की है। यह तस्वीर इसी साल की गणतंत्र दिवस की है।
विश्वास न्यूज़ से अपनी पड़ताल के आखिरी चरण में वायरल पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर विजय तिवारी की सोशल स्कैनिंग में पाया की यूजर फेसबुक पर खासा एक्टिव है।
विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया की यह दोनों ही तस्वीर सेंटर में बीजेपी शासन आने के बाद की है। दोनों ही तस्वीरों की एक साथ तुलना करते हुए भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया की यह दोनों ही तस्वीर सेंटर में बीजेपी शासन आने के बाद की है। दोनों ही तस्वीरों की एक साथ तुलना करते हुए भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
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