Fact check: धर्म गुरुओं के हाथ में कांग्रेस का झंडा नहीं है, बल्कि भारत का तिरंगा है, तस्वीर फर्जी है

Fact check: धर्म गुरुओं के हाथ में कांग्रेस का झंडा नहीं है, बल्कि भारत का तिरंगा है, तस्वीर फर्जी है

नई दिल्ली ( विश्वास न्यूज़ ) सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमे पांच अलग-अलग धर्मो के गुरु कांग्रेस का झंडा लिए हुए नज़र आ रहे हैं। हमारी पूरी जाँच-पड़ताल में यह पाया गया कि ये तस्वीर फर्जी है। इस तस्वीर को फोटोशॉप के जरिए चेंज किया गया है। धर्मगुरुओ के हाथ में भारत का तिरंगा है न कि किसी पार्टी का झंडा|

 क्या हो रहा है वायरल : फेसबुक के एक पेज  60 years of Congress पर 5 अप्रैल को एक तस्वीर अपलोड की गयी, जिसे अभी तक करीब 6000 लोग शेयर कर चुके हैं.

दावा

इस पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि पांच अलग-अलग धर्मो के गुरु हाथ में कांग्रेस का झंडा लेकर चल रहे हैं।

क्या है वायरल तस्वीर में

तस्वीर में पांच धर्मो के गुरु कांग्रेस का झंडा लिए हुए नज़र आ रहे हैं और फोटो के साथ कैप्शन में लिखा गया है – ” कांग्रेस ही देश को जोड़े रख सकती है हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई सबके साथ कांग्रेस का हाथ “.  तस्वीर में दिखाई दे रहे पांच अलग-अलग धर्मगुरु जैन धर्मगुरु आचार्य लोकेश मुनि,  गोस्वामी सुशीलजी, इमाम इलियासी और स्वामी दीपांकर साफ़ तौर पर दिख रहे हैं |

पड़ताल

सबसे पहले इस तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने इस फोटो को गूगल रिवर्स सर्च में डालकर खोजा, तो विश्वास टीम के हाथ में अहम तथ्य लगे. आचार्य डॉक्टर लोकेश मुनि की एक गैलेरी का लिंक मिला जिसमें यह तस्वीर शामिल थी जिसका टाइटल था “Peace march at wagah border National event. ”

फोटो को रिवर्स सर्च करने पर यह भी हमें पता चला कि पिछले साल असली तस्वीर पर समाजवादी पार्टी का झंडा फोटोशॉप करके भी इसे शेयर किया गया था।उस वक़्त संत और सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी दीपांकर ने भी इस बात का खंडन किया था और साथ ही असली फोटो भी शेयर की थी। इस बात को स्वामी ने ट्वीट कर ये स्पष्ट किया था कि ये तस्वीर वाघा बॉर्डर की है जहां वो अन्य धर्मगुरुओं के साथ राष्ट्रीय ध्वज लेकर चले थे।

@swamidipankar वाघा बॉर्डर पर हम धर्मगुरु हाथों में राष्ट्रीय ध्वज लिए चले थे।@yadavakhilesh भैया आपके किसी नेता ने Photoshop से हमारे हाथों में तिरंगे को आपकी पार्टी का झंडा बना दिया।ये दुखद है गिरते राजनीतिक स्तर के लिए और असहनीय है मेरी पार्टी निरपेक्ष छवि के लिए तुरंत कार्रवाई करें।

जाँच-पड़ताल के दौरान हमारे हाथ में स्वामी दीपांकर का ट्वीट भी लगा जिसमें स्पष्ट तौर पर लिखा हुआ था कि ये तस्वीर कहाँ की है और किस मौके पर ली गयी थी | इसके बाद हमने उन पांचों धर्म गुरुओ का ट्विटर खंगालना शुरू किया और हमारे हाथ वो वीडियो लग गया जो करीब 18 सेकंड का था और जगह बाघा बॉर्डर थी | यह विडियो डॉक्टर इमाम उमर इलियासी ने अपने ट्वीटर हैंडल @imamiliyasi पर  शेयर किया था | साथ ही, जैन धर्मगुरु आचार्य लोकेश मुनि ने इस कार्यक्रम का वीडियो भी शेयर किया था।

@Munilokesh @imamilyasi @goswamisushilji @swamidipankar

@swamidipankar वाघा बॉर्डर पर हम धर्मगुरु हाथों में राष्ट्रीय ध्वज लिए चले थे। और उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा। @yadavakhilesh भैया आपके किसी नेता ने Photoshop से हमारे हाथों में तिरंगे को आपकी पार्टी का झंडा बना दिया। ये दुखद है गिरते राजनीतिक स्तर के लिए और असहनीय है मेरी पार्टी निरपेक्ष छवि के लिए तुरंत कार्रवाई करें।

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मुनि लोकेश ने भी अपने हैंडल पर इस मुद्दे पर लिखा @Munilokesh

उन्होंने लिखा,वाघा बॉर्डर पर @Munilokesh @imamilyasi @goswamisushilji @swamidipankar व #ParamjitSinghChandhok के हाथों में राष्ट्रीय ध्वज के फोटो के साथ छेड़छाड़ कर एक दल का झण्डा हमारे हाथों में लगा दिया इससे हमारी पार्टी निरपेक्ष छवि को ठेस पहुँची है पुलिस प्रशासन तुरन्त कार्रवाई करें @ANI pic.twitter.com/Wac9cai9A

तमाम तथ्यों के सामने आने के बाद इस पेज का सोशल स्कैनिंग किया गया तो दो महत्वपूर्ण बातें सामने आयी।

पहली – इस पेज को 4 अप्रैल 2018 बनाया गया | इसके 14,390  लाइक्स है और 15,214 फॉलोवर हैं |

दूसरा – समस्त पेज पर ज्यादातर राजनीतिक मुद्दो से जुडी पोस्ट है |

कांग्रेस के झंडे वाली फोटो को अगर ध्यान से देखें तो साफ़ समझ आता है कि इन झंडों को तस्वीर में अलग से जोड़ा गया है और क्लियरिटी ऑफ़ पिक्चर भी नहीं दिख रही है। मतलब साफ़ तौर पर कॉपी-पेस्ट नज़र आ रहा है |

विश्वास टीम ने जब इस विषय पर इमाम उमर अहमद इलियासी( जो इस तस्वीर में झंडा लेकर चल रही है ) से बात की तो उन्होंने इस तस्वीर का खंडन किया और साफ़ कर दिया की वो देश का झंडा लेकर चले थे और ये वाक्या करीब दो साल पहले का है जब वो अन्य धर्म गुरुओं के साथ बाघा बॉर्डर पर राष्ट्रीय झंडा लेकर चले थे और यह तस्वीर झूठी है और गलत तरह से अब वायरल हो रही है।

निष्कर्ष: यह तस्वीर फोटोशॉप्ड है। असली फोटो में धर्मगुरुओं ने अपने हाथ में भारत का राष्ट्रीय ध्वज लिया हुआ है न कि किसी पार्टी विशेष का झंडा |

पूरा सच जानें…

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False
Symbols that define nature of fake news
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