Fact Check: उन्नाव में अतिक्रमण हटाए जाने की यह तस्वीरें अखिलेश यादव के CM कार्यकाल की हैं

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। जिन तस्वीरों को हालिया बताकर सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है,असल में ये तस्वीरें 2016 से इंटरनेट पर मौजूद है और हाल-फिलहाल की नहीं है। उन्नाव में हुए अतिक्रमण हटाओ अभियान की यह तस्वीरें सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल की नहीं, बल्कि यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के कार्यकाल की हैं, जिन्हें अब वायरल कर लोगों को गुमराह किया जा रहा है।

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया के विभिन्न प्‍लेटफॉर्म पर चार तस्वीरों का एक कोलाज वायरल हो रहा है। तस्वीरों में टूटी हुई इमारतों को देखा जा सकता है। इस कोलाज को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है,  “ये तस्वीरें उन्नाव की हैं, जहां योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बुलडोजर चलाकर अतिक्रमण हटा दिया है।”  विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। जिन तस्वीरों को हालिया बताकर सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है, असल में ये तस्वीरें 2016 से इंटरनेट पर मौजूद है और हाल-फिलहाल की नहीं है। उन्नाव में हुए अतिक्रमण हटाओ अभियान की यह तस्वीरें सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल की नहीं, बल्कि यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के कार्यकाल की हैं, जिन्हें अब वायरल कर लोगों को गुमराह किया जा रहा है।

क्या हो रहा है वायरल

फेसबुक पेज “पन्ना खबर पत्रकार” ने 1 जून को चार तस्वीरों का एक कोलाज पोस्‍ट करते हुए दावा किया: “उन्नाव वाले आज खुश हैंआएगा तो बुलडोजर ही इन सड़कों से थोड़ा सा रामराज गुजरा है बस बधाई हो।।”

ट्विटर यूजर Haider ali KHAn ने भी इन तस्वीरों को ट्वीट किया है। 1 जून को किये इस ट्वीट में लिखा है ,”बुलडोजर का कहर बदला गया उन्नाव का नक्शा उजड़ गया उन्नाव का छोटा चौराहा”

फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट में लिखी गई बातों को यहां ज्यों का त्यों पेश किया गया है। इस पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर भी कई अन्य यूजर्स ने इसे समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी पड़ताल की शुरुआत रिवर्स इमेज सर्च से की। हमने एक-एक करके कोलाज की चारों तस्वीरों के बारे में सर्च करना शुरू किया। हमने कोलाज की पहली तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज टूल में डालकर सर्च किया। हमें वायरल तस्वीर से मिलती-जुलती तस्वीर अमर उजाला की वेबसाइट पर 27 मई 2016 को प्रकाशित खबर में मिली। खबर अनुसार, “उस दौरान व्यापारी व भवन स्वामी प्रशासनिक अफसरों के आगे गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन किसी की भी नहीं सुनी गई। दो पोक लैंड व चार जेसीबी मशीनों ने चिह्नित क्षेत्र में ध्वस्तीकरण की जद में आने वाले निर्माणों को जमींदोज कर दिया। अभियान के दौरान सिटी मजिस्ट्रेट, कई एसडीएम व कई क्षेत्र अधिकारियों के अलावा भारी पुलिस फोर्स तैनात रहा। प्रशासन के कड़े रुख से डरे-सहमे व्यापारी अभियान के दौरान अपने निर्माण स्वयं गिराते देखे गए। इस मौके पर छोटे व भारी वाहनों का रूट 100 मीटर पहले से ही डायवर्ट कर दिया गया था।

यहाँ से संकेत लेकर हमने फेसबुक पर उन्नाव अतिक्रमण, उन्नाव का छोटा चौराहा कीवर्ड से सर्च किया। फेसबुक पर कई यूजर्स ने इन तस्वीरों को पुराना बताया है। ऐसे ही एक यूजर Tahir Fancy Garments Mallawan ने इन तस्वीरों के एक स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए तस्वीरों को पुराना बताया है। स्क्रीनशॉट में (कवरेज शुभम निगम हिन्दुस्तान प्रेस) लिखा हुआ था।

जाँच को आगे बढ़ाते हुए हमने ((कवरेज शुभम निगम हिन्दुस्तान प्रेस) से सर्च किया। हमें फेसबुक यूजर Shubham Nigam के फेसबुक अकाउंट पर 26 मई 2016 को किये गए एक पोस्ट में सारी वायरल तस्वीरें मिली। पोस्ट के कैप्शन में लिखा था , “तबाही का मंजर, बदला गया उन्नाव का नक्शा। उजड़ गया उन्नाव का छोटा चौराहा (कवरेज शुभम निगम हिन्दुस्तान प्रेस)।”

हमारी पड़ताल में यह तो साफ़ हुआ की यह तस्वीर सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल की नहीं है, क्योंकि 2017 में योगी आदित्यनाथ ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इससे पता चलता है कि इन तस्वीरों का हाल के समय से कोई संबंध नहीं है। यह तस्वीरें पहले से इंटरनेट पर मौजूद हैं।

विश्वास न्यूज़ ने वायरल तस्वीरों की सच्चाई जानने के लिए दैनिक जागरण के उन्नाव के चीफ रिपोर्टर अंकित मिश्रा से संपर्क किया। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल तस्वीरों को वॉट्सऐप के जरिए उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया, “वायरल दावा गलत है। ये तस्वीरें 2016 की हैं। जब उन्नाव शुक्लागंज मार्ग का चौड़ीकरण किया गया था, तब अतिक्रमण हटाया गया था।”

पड़ताल के अंत में हमने इन तस्वीरों को हालिया बताकर शेयर करने वाले पेज की सोशल स्कैनिंग की। हमें पता चला कि इस पेज को 3,113 लोग फॉलो करते हैं। फेसबुक पर इस पेज को 27 अप्रैल 2021 को बनाया गया था।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। जिन तस्वीरों को हालिया बताकर सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है,असल में ये तस्वीरें 2016 से इंटरनेट पर मौजूद है और हाल-फिलहाल की नहीं है। उन्नाव में हुए अतिक्रमण हटाओ अभियान की यह तस्वीरें सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल की नहीं, बल्कि यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के कार्यकाल की हैं, जिन्हें अब वायरल कर लोगों को गुमराह किया जा रहा है।

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