प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वेटिकन सिटी की यात्रा के दौरान उनके आधिकारिक वाहनों के काफिले में टैक्सी के इस्तेमाल किए जाने का दावा गलत और दुष्प्रचार है। प्रधानमंत्री मोदी की वेटिकन सिटी में पोप फ्रांसिस से मिलने की आधिकारिक यात्रा की तस्वीर को एडिट कर गलत दावे के साथ दुष्प्रचार की मंशा से वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। जी-20 सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली की यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वेटिकन जाकर पोप फ्रांसिस से भी मुलाकात की। उनकी इसी मुलाकात को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही कई अलग-अलग तस्वीरों को लेकर दावा किया जा रहा है कि वेटिकन जाने के लिए पीएम मोदी के लिए टैक्सी की व्यवस्था की गई। वायरल तस्वीर में पीएम मोदी को वेटिकन ले जाने वाली फोक्सवैगन के कार के ऊपर टैक्सी लिखा हुआ भी नजर आ रहा है।
हमने अपनी जांच में पाया कि वायरल हो रही तस्वीर एडिटेड है, जिसका इस्तेमाल पीएम मोदी के खिलाफ दुष्प्रचार की मंशा से किया जा रहा है। पीएम मोदी आधिकारिक वाहनों के काफिले के साथ वेटिकन पहुंचे थे। फोक्सवैगन की जिस गाड़ी में बैठकर पीएम मोदी वेटिकन पहुंचे थे, उसकी तस्वीर को एडिट कर उसे टैक्सी का बताकर दुष्प्रचार की मंशा से वायरल किया जा रहा है। पीएम की यात्रा में शामिल वाहनों का काफिला आधिकारिक था और इसमें किसी भी सार्वजनिक वाहन के शामिल किए जाने का दावा गलत और बेतुका है।
फेसबुक यूजर ‘Prakashpunj Pandey’ ने वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के लिए विदेशी जमीन पर टैक्सी मोहैया करवाना क्या देश का अपमान नहीं है? #पूछताहैभारत।”
वहीं एक अन्य फेसबुक यूजर ‘Ravi Bhushan’ ने तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”एक प्रधानमंत्री को रिसीव करने के लिए टैक्सी????
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रोम में 16वें जी-20 सम्मेलन में आयोजित सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 अक्टूबर को इटली की राजधानी रोम पहुंचे थे। उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से रोम पहुंचने की जानकारी को साझा किया है।
न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 से 31 अक्टूबर तक रहेंगे। इटली की राजधानी रोम में वो जी-20 के राष्ट्राध्यक्षों की बैठक को संबोधित करने के अलावा इटली के पीएम मारियो ड्रैगी से भी मिलेंगे। इसके बाद वेटिकन जाकर उनका पोप फ्रांसिस से मिलने का कार्यक्रम था।
न्यूज एजेंसी एएनआई के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी उनके वेटिकन दौरे की तस्वीर को साझा किया गया है। वायरल पोस्ट में दो अलग-अलग तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। इसलिए हमने बारी-बारी से उसकी पड़ताल की।
न्यूज एजेंसी एएनआई के ट्विटर हैंडल से 30 अक्टूबर 2021 को पीएम मोदी के वेटिकन दौरे की तस्वीरों और वीडियो को साझा किया गया है। इन्हीं में से एक ट्वीट में हमें यह तस्वीर भी मिली।
दोनों तस्वीरों को देखकर यह साफ पता चलता है कि पीएम मोदी के वाहन के काफिले की तस्वीर में शामिल फोक्सवैगन की कार (जिसमें पीएम मोदी बैठे हुए थे) को एडिट कर उसके ऊपर टैक्सी का स्टैंड लगा दिया गया है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के ट्विटर हैंडल से 30 अक्टूबर 2021 साझा की गई तस्वीरों में हमें यह तस्वीर भी मिली।
दोनों तस्वीर को देखकर साफ-साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि वायरल तस्वीर एडिटेड है।
न्यूज एजेंसी एएनआई ने 30 अक्टूबर को अपने ट्विटर हैंडल से पीएम मोदी की यात्रा के वीडियो को भी साझा किया है। एक मिनट 18 सेकेंड के इस वीडियो में पीएम मोदी के काफिले को वेटिकल सिटी में प्रवेश करते हुए देखा जा सकता है और इसमें नजर आ रही गाड़ियों में से किसी पर भी टैक्सी का कोई स्टैंड नहीं लगा हुआ है।
एएनआई के यू-ट्यूब चैनल पर उनकी वेटिकन यात्रा के वीडियो को देखा जा सकता है। इस वीडियो में वेटिकन सिटी में उनके वाहनों के काफिले को प्रवेश करते हुए देखा जा सकता है।
प्रधानमंत्री के विदेशी दौरे और उसमें इस्तेमाल होने वाले वाहनों के काफिले के बारे में स्थापित प्रोटोकॉल को समझने के लिए हमने विदेश मामलों के मंत्रालय पूर्व सचिव पिनाक रंजन चक्रवर्ती से संपर्क किया। विश्वास न्यूज से बातचीत में उन्होंने बताया, ‘प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा के साथ ही संबंधित देश में उनके आधिकारिक कार्यक्रमों के मुताबिक उनके वाहनों के काफिले को प्रोटोकॉल के मुताबिक तय कर लिया जाता है। यह एक स्थापित प्रोटोकॉल के तहत प्रधानमंत्री को सुरक्षा देने वाली देश की एजेंसियां और स्थानीय अधिकारियों के साथ बातचीत कर तय किया जाता है। वाहनों का चयन (बुलेटप्रूफ और अतिरिक्त स्पेयर वाहन) और उस चलाने वाले ड्राइवर तक का सिक्यॉरिटी क्लीयरसें होता है और इसकी भी एक स्थापित प्रक्रिया है।’ उन्होंने कहा कि आधिकारिक काफिले में टैक्सी के इस्तेमाल की बात बेतुकी है।
निष्कर्ष: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वेटिकन सिटी की यात्रा के दौरान उनके आधिकारिक वाहनों के काफिले में टैक्सी के इस्तेमाल किए जाने का दावा गलत और दुष्प्रचार है। प्रधानमंत्री मोदी की वेटिकन सिटी में पोप फ्रांसिस से मिलने की आधिकारिक यात्रा की तस्वीर को एडिट कर गलत दावे के साथ दुष्प्रचार की मंशा से वायरल किया जा रहा है।
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