कोरोना से हुई मौतों के बाद हताशा में इटली के लोगों के सड़कों पर नोटों को फेंके जाने के दावे के साथ वायरल हो रही पोस्ट फर्जी है। वायरल हो रही तस्वीर कोरोना वेनेजुएला की है और यह कोरोना महामारी के फैलने से बहुत पहले की घटना से संबंधित है।
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक पोस्ट में सड़कों में बिखरे नोटों को देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह नजारा इटली का है, जहां लोगों ने कोरोना की वजह से हुई मौतों के बाद निराशा की स्थिति में अपनी दौलत को रास्ते पर फेंकना शुरू कर दिया है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। नोटों से अटे पड़े सड़क की जिस तस्वीर को इटली का बताकर वायरल किया जा रहा है, वह वास्तव में दूसरे देश में घटित घटना की पुरानी तस्वीर है, जिसका कोरोना से कोई लेना-देना नहीं है।
फेसबुक यूजर ‘Golden Moments of World’ तस्वीरों (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”इटली में लोगों ने अपनी दौलत को रास्ते में फेंक दिया है और दुनिया को बता दिया के यह दौलत जब अपने प्यारों को मौत से नहीं बचा सकती तो किसी काम की नहीं।। अभी भी मौका है अमीर लोग इस दौलत को गरीबों पर खर्च करें कहीं ऐसा ना हो कि आपको भी यह दौलत ऐसे ही फेंकने ना पड़ जाए, !!”
वायरल पोस्ट में दो तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है। रिवर्स इमेज में हमें वेनेजुएला की एक वेबसाइट maduradas.com पर 12 मार्च 2019 को प्रकाशित खबर का लिंक मिला। खबर में जिन तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है, उसमें सड़कों पर बिखरे नोटों को देखा जा सकता है।
खबर के मुताबिक, 11 मार्च मेरिदा में नकाबपोश लोगों ने बायसेंटीनियर बैंक एजेंसी को लूट लिया और पुराने नोटों को सड़कों पर फेंक दिया, जिन्हें 2018 में डिमॉनिटाइज (नोटबंदी) कर दिया गया था। यानी जिन नोटों को लूट के बाद सड़कों पर फेंका गया, वह प्रचलन से बाहर हो चुके थे।
सोशल मीडिया सर्च में हमें यही तस्वीरें कई ट्विटर हैंडल पर मिली। ‘@myteks’ के हैंडल से इन तस्वीरों को 12 मार्च 2019 को ट्वीट किया गया है। ‘@myteks’ पेशे से फोटो जर्नलिस्ट हैं और वेनेजुएला की ही रहने वाली हैं।
इन्हीं तस्वीरों को ‘@ConflictsW’ के हैंडल से भी ट्वीट किया गया है। ‘@ConflictsW’ के हैंडल से इन तस्वीरों को 12 मार्च 2019 को ही ट्वीट किया गया था। ट्वीट में दी गई जानकारी के मुताबिक, यह तस्वीरें मार्च 2019 में वेनेजुएला के मेरिदा में हुई घटना से संबंधित हैं। ट्वीट में भी बताया गया है कि मेरिदा में बैंक लूट के बाद इन नोटों को सड़कों पर फेंक दिया गया।
‘CNW’ के ट्विटर प्रोफाइल पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यह कॉन्फ्लिक्ट से जुड़े समाचारों को कवर करते हैं। विश्वास न्यूज ने इस ट्विटर हैंडल से संपर्क किया। उन्होंने बताया, ‘वायरल हो रही तस्वीरें वेनेजुएला की ही है और इसका इटली से कोई संबंध नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘यह तस्वीर पहले भी वायरल हो चुकी है और कई फैक्ट चेकर्स ने इसकी विश्वसनीयता को लेकर हमसे संपर्क किया था।’
रिवर्स इमेज किए जाने पर हमें दूसरी तस्वीर imgur.com की गैलरी में मिली। वेबसाइट पर दिए गए विवरण के मुताबिक, इस तस्वीर को भी वेनेजुएला का बताया गया है और इसकी तारीख 17 मार्च 2019 है।
वायरल पोस्ट शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब 65 हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं।
Disclaimer: कोरोनावायरसफैक्ट डाटाबेस रिकॉर्ड फैक्ट-चेक कोरोना वायरस संक्रमण (COVID-19) की शुरुआत से ही प्रकाशित हो रही है। कोरोना महामारी और इसके परिणाम लगातार सामने आ रहे हैं और जो डाटा शुरू में एक्यूरेट लग रहे थे, उसमें भी काफी बदलाव देखने को मिले हैं। आने वाले समय में इसमें और भी बदलाव होने का चांस है। आप उस तारीख को याद करें जब आपने फैक्ट को शेयर करने से पहले पढ़ा था।
निष्कर्ष: कोरोना से हुई मौतों के बाद हताशा में इटली के लोगों के सड़कों पर नोटों को फेंके जाने के दावे के साथ वायरल हो रही पोस्ट फर्जी है। वायरल हो रही तस्वीर कोरोना वेनेजुएला की है और यह कोरोना महामारी के फैलने से बहुत पहले की घटना से संबंधित है।
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