Fact Check: ओडिशा के चंदेश्वर मंदिर और अजमेर दरगाह की तस्वीर ज्ञानवापी के नाम पर वायरल

वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर ओडिशा के बालासोर स्थिति चंदेश्वर मंदिर की है। दूसरे पक्ष की तरफ से फव्वारा मिलने के दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर राजस्थान के अजमेर शरीफ दरगाह की है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। वाराणसी के ज्ञानवापी में सर्वेक्षण का काम पूरा किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर वायरल एक तस्वीर को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह सर्वे (कमीशन) के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिले शिवलिंग का है। वहीं, कुछ यूजर्स एक फव्वारे की तस्वीर को शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि सर्वे के दौरान जो मिला है, वह यही फव्वारा है, न कि शिवलिंग।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक और गुमराह करने वाला निकला। जिस शिवलिंग की तस्वीर को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित शिवलिंग बताया जा रहा है, वह वास्तव में ओडिशा के बालासोर जिले में स्थित भुसंदेश्वर मंदिर का है। वहीं, दूसरी तस्वीर जिसमें फव्वारा नजर आ रहा है, उसका वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर से कोई लेना-देना नहीं है। यह अजमेर शरीफ दरगाह में मौजूद क्वीन मैरी हौज है, जिसका इस्तेमाल वजू करने में किया जाता है।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘Srinivas Mogulapally’ ने वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए इसे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे के दौरान सामने आया 12 फुट लंबा शिवलिंग बताया है।

वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के दौरान शिवलिंग मिलने के दावे के साथ वायरल तस्वीर

वहीं, कई यूजर्स एक फव्वारे की तस्वीर को शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर में जो मिला, वह शिवलिंग नहीं, बल्कि फव्वारा है।

https://twitter.com/EjazAhm63622221/status/1526177178794110976


पड़ताल

पहली तस्वीर

सोशल मीडिया पर भ्रामक दावे के साथ वायरल तस्वीर

रिवर्स इमेज सर्च में यह तस्वीर कई रिपोर्ट्स में लगी मिली। delhiplanet.com की वेबसाइट पर 20 फरवरी 2020 को प्रकाशित रिपोर्ट में इस तस्वीर को ओडिशा के बालासोर जिले के भोगराई गांव में स्थित बाबा भुसंदेश्वर मंदिर में मौजूद शिवलिंग का बताया गया है।

delhiplanet.com की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट में इस्तेमाल की गई ओडिशा के मंदिर की तस्वीर, जिसे ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान शिवलिंग मिलने के दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

ओडिशा सरकार की वेबसाइट baleswar.nic.in पर इस तस्वीर को देखा जा सकता है। दी गई जानकारी के मुताबिक, यह उत्तरी ओडिशा में स्थित भगवान शिव का मशहूर मंदिर है, जिसे चंदेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है।

Source- baleswar.nic.in

स्पष्ट है कि इस तस्वीर का वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद से कोई संबंध नहीं है। यू-ट्यूब पर मौजूद कई वीडियो में भी इस शिवलिंग को देखा जा सकता है।

वायरल तस्वीर को लेकर हमने भुवनेश्वर में मौजूद पीटीआई के संवाददाता अरविंद मिश्रा से संपर्क किया। उन्होंने बताया, ‘तस्वीर में नजर आ रहा शिवलिंग चंदेश्वर मंदिर का है, जो ओडिशा के बालासोर जिले में स्थित है।’

दूसरी तस्वीर

सोशल मीडिया पर भ्रामक दावे से वायरल तस्वीर

रिवर्स इमेज सर्च किए जाने पर यह तस्वीर कई रिपोर्ट्स में लगी मिली और उन रिपोर्ट्स में दी गई जानकारी के मुताबिक, यह तस्वीर राजस्थान के अजमेर शरीफ दरगाह के भीतर लगे फव्वारे की है, जिसका इस्तेमाल वजू करने के लिए किया जाता है।

Source-agefotostock.com

इस तस्वीर को लेकर विश्वास न्यूज ने चिश्ती फाउंडेशन के चेयरमैन और दरगाह अजमेर शरीफ के गद्दीनशीं हाजी सैयद सलमान चिश्ती से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया है कि यह अजमेर शरीफ दरगाह के भीतर मौजूद फव्वारा है, जिसका इस्तेमाल वजू करने के लिए किया जाता है।

उन्होंने बताया, ‘इसे क्वीन मैरी हौज के नाम से जाना जाता है। 22 दिसंर 1911 को क्वीन मैरी दरगाह में आई थीं और उन्होंने ही इसे समर्पित किया था।’

स्पष्ट है कि वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे से जोड़कर वायरल हो रही दोनों तस्वीरें वाराणसी से संबंधित नहीं हैं।

गौरतलब है कि 16 मई को उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में तीसरे दिन कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे-वीडियोग्राफी कार्य पूरा हो गया। पीटीआई भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वे के लिए गठित आयोग को संपूर्ण परिसर की वीडियोग्राफी कर अपनी रिपोर्ट 17 मई तक पेश करने के निर्देश दिए गए थे। यह काम पूरा होने के बाद सोशल मीडिया पर कई तस्वीरों को इस दावे के साथ शेयर किया जाने लगा कि ये सर्वे के दौरान परिसर में मिले शिवलिंग की तस्वीर है।

कोर्ट की तरफ से गोपनीयता को लेकर सख्त हिदायत की वजह से सर्वे में क्या सामने आया, इसके बारे में कोई आधिकारिक या पुष्ट जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया गया है। इसलिए विश्वास न्यूज सर्वे को लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्षों के किए गए दावों की न तो पुष्टि करता है और न ही खंडन। हालांकि, हम इस बात की पुष्टि करते हैं वायरल हो रहे उपरोक्त दोनों तस्वीरें वाराणसी से संबंधित नहीं हैं।

निष्कर्ष: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर ओडिशा के बालासोर स्थिति चंदेश्वर मंदिर की है। दूसरे पक्ष की तरफ से फव्वारा मिलने के दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर राजस्थान के अजमेर शरीफ दरगाह की है।

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