Fact Check : सपा नेता के खिलाफ दुष्प्रचार करता पिटाई का वायरल वीडियो फेक है

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में सपा नेता कमाल अख्‍तर की पिटाई के नाम से वायरल वीडियो फर्जी साबित हुआ। वीडियो में जिस नेता की पिटाई दिखाई गई है, वे सपा के दूसरे नेता राजा चतुर्वेदी हैं। उनकी पिटाई का यह वीडियो 2011 का है। जिसे कुछ लोग अब कमाल अख्‍तर की पिटाई का वीडियो बताकर वायरल कर रहे हैं।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। यूपी विधानसभा चुनाव की दस्‍तक के बीच फर्जी वीडियो के वायरल होने का सिलसिला भी चल पड़ा है। अब दो अलग-अलग वीडियो को मिलाकर सपा नेता कमाल अख्‍तर के खिलाफ झूठ फैलाया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि प्रशासनिक अधिकारियों को लेकर विवादित बयान देने वाले सपा नेता कमाल अख्‍तर की एक सिपाही ने पिटाई कर डाली। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो की विस्‍तार से जांच की। सिलसिलेवार जांच में पता चला कि दो अलग-अलग वीडियो को जोड़कर यह फेक वीडियो बनाया गया है। वीडियो में जिस नेता के साथ बदसलूकी हुई है, वह सपा के दूसरे नेता राजा चौधरी है। यह घटना मायावती के शासनकाल में हुई थी। वीडियो काफी पुराना है। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर चन्‍द्रमौलि तिवारी ने 25 अक्‍टूबर को एक वीडियो को पोस्‍ट करते हुए लिखा कि बेचारा कमाल अख्तर सपाई। 30 सेकंड के इस वीडियो में दावा किया गया कि एक सिपाही ने सपा नेता कमल अख्‍तर की पिटाई कर दी।

वायरल वीडियो को सच मानकर दूसरे यूजर्स भी शेयर कर रहे हैं। फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो को ध्‍यान देखा। 30 सेकंड के इस वीडियो में सपा नेता कमाल अख्‍तर को एक चुनावी भाषण देते हुए यह बोलते हुए देखा जा सकता है, “इस उत्तर प्रदेश का कोई आईएएस, इस उत्तर प्रदेश का कोई आइपीएस, पीसीएस कोई ऐसा सीईओ कोई ऐसा कोतवाल इस उत्तर प्रदेश के अंदर पैदा नहीं हुआ, अगर कमाल अख्‍तर उसको फोन कर दे आज की डेट में जो आपका काम नहीं हुआ।” 17 सेकंड की इस क्लिप के बाद दूसरी क्लिप आ जाती है। इसमें पुलिसवालों को एक नेता की पिटाई करते हुए देखा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने दोनों क्लिप की अलग-अलग जांच की। पहली क्लिप के आधार पर संबंधित कीवर्ड से ओरिजनल वीडियो को सर्च करना शुरू किया। ओरिजनल वीडियो एबीपी गंगा के यूट्यूब चैनल पर मिला। 9 अप्रैल 2021 को अपलोड एक खबर में बताया गया कि यूपी में पंचायत चुनाव के दौरान अमरोहा की एक पंचायत में वोट मांगने पहुंचे सपा के राष्‍ट्रीय सचिव और पूर्व मंत्री कमाल अख्‍तर ने यह बयान दिया। वोटरों को लुभाने के लिए कमाल अख्‍तर को यह बोलते हुए देखा जा सकता है : “ऐसे लोग, बात करने की हैसियत नहीं रखते हो, जो डीएम से दरवाजे में घुसने की हैसियत नहीं करते हों। आप उनसे काम की उम्‍मीद कर रह हैं। अल्‍लाह तौबा-तौबा, अल्‍लाह माफ करे। इस उत्तर प्रदेश का कोई आईएएस, इस उत्तर प्रदेश का कोई आइपीएस, पीसीएस कोई ऐसा सीईओ, कोई ऐसा कोतवाल इस उत्तर प्रदेश के अंदर पैदा नहीं हुआ, अगर कमाल अख्‍तर उसको फोन कर दे आज की डेट में जो आपका काम नहीं हुआ।”

संबंधित खबर से जुड़ा वीडियो नीचे देखें।

पड़ताल के दौरान विश्‍वास न्‍यूज ने कमाल अख्‍तर से संपर्क किया। उन्‍होंने हमें बताया दो अलग-अलग वीडियो को मिक्‍स करके उनके खिलाफ दुष्प्रचार फैलाया जा रहा है। एक बार पहले भी ऐसी ही कोशिश की जा चुकी है। वायरल वीडियो के दूसरे पार्ट में सपा नेता राजा चतुर्वेदी हैं, जिनके साथ मायावती के शासनकाल में बदसलूकी हुई थी। वहीं, वायरल वीडियो का पहला पार्ट उनके एक चुनावी भाषण के वीडियो का अधूरा भाग है।

विश्‍वास न्‍यूज ने यूट्यूब पर राजा चौधरी की पिटाई से संबंधित वीडियो खोजना शुरू किया। ओरिजनल वीडियो हमें संतोष चतुर्वेदी नाम के एक यूट्यूब चैनल पर मिला। इसमें 25 अप्रैल 2011 को अपलोड किया गया था। इसमें बताया गया कि यूपी विधानसभा के पास 21 फरवरी 2011 को सपा नेता राजा चतुर्वेदी के साथ पुलिस ने बदसलूकी की थी।

हमें यह वीडियो राजा चतुर्वेदी के इंस्‍टाग्राम अकाउंट पर भी मिला। इसमें बताया गया कि 21 फरवरी 2011 की रात्रि 12 बजे बजट सत्र के अंतिम दिन, विधेयक बिल के विरोध प्रदर्शन के दौरान विधानसभा भवन के मुख्य द्वार पर बर्बरतापूर्वक पुलिस लाठीचार्ज।

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विश्‍वास न्‍यूज ने अंत में फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की। फेसबुक यूजर चन्द्रमौलि तिवारी की सोशल स्‍कैनिंग से पता चला कि यूजर मध्‍य प्रदेश के जबलपुर का रहने वाला है। इसके एक हजार से ज्‍यादा फ्रेंड हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में सपा नेता कमाल अख्‍तर की पिटाई के नाम से वायरल वीडियो फर्जी साबित हुआ। वीडियो में जिस नेता की पिटाई दिखाई गई है, वे सपा के दूसरे नेता राजा चतुर्वेदी हैं। उनकी पिटाई का यह वीडियो 2011 का है। जिसे कुछ लोग अब कमाल अख्‍तर की पिटाई का वीडियो बताकर वायरल कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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