Fact Check: कंगना रनोट से पद्म पुरस्कार वापस लिए जाने के दावे के साथ राष्ट्रपति के नाम से वायरल हो रहा यह ट्वीट फेक है

कंगना रनोट से पद्म पुरस्कार को वापस लिए जाने की अपील के साथ राष्ट्रपति के नाम से वायरल हो रहा ट्वीट फर्जी है, जिसे राष्ट्रपति के नाम से बने फर्जी हैंडल से साझा किया गया था। यह ट्विटर हैंडल अब सस्पेंड हो चुका है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। कंगना रनोट की तारीफ में राज ठाकरे के नाम से फर्जी ट्वीट के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर भारत के राष्ट्रपति के नाम से किए गए ट्वीट का स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है। ट्वीट में राष्ट्रपति की तरफ से नरेंद्र मोदी से कंगना रनोट से पद्म पुरस्कार वापस लेने की अपील की गई है। पद्म पुरस्कार मिलने के बाद से कंगना रनोट अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं।

विश्वास न्यूज की जांच में भारत के राष्ट्रपति के नाम से वायरल हो रहा ट्वीट फर्जी है, जिसे उनके नाम से बने फर्जी ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है। भारत के राष्ट्रपति ट्विटर पर ‘@rashtrapatibhvn’ हैंडल के साथ आधिकारिक रूप से मौजूद हैं और इस ट्विटर अकाउंट से ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की गई है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ‘Dhiraj Kumar’ ने भारत के राष्ट्रपति के नाम से वायरल हो रहे ट्वीट के स्क्रीनशॉट को शेयर किया है, जिसमें लिखा हुआ है- ”कंगना रनौत द्वारी की गई टिप्पणी देश की भावनाओं को आहत करने वाली है, मै स्वयं उन्हें पद्म पुरस्कार दिए जाने के लिए शर्मिंदगी महसूस कर रहा हूं! मेरी सरकार श्री @narendramodi से विनती है कि मुझे पुरस्कार वापस लेने की अनुमति दी जाए।”

राष्ट्रपति के नाम से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा फेक ट्वीट

कई अन्य यूजर्स ने इस ट्वीट को सच मानते हुए उसे अपनी प्रोफाइल से समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

पद्म पुरस्कारों को दिए जाने की एक स्थापित प्रक्रिया होती है। padmaawards.gov.in की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, पद्म पुरस्कारों के लिए मिले सभी नामांकन को पद्म पुरस्कार समिति के समक्ष पेश किया जाता है, जिसका गठन प्रत्येक साल प्रधानमंत्री करते हैं। पद्म पुरस्कार समिति की अध्यक्षता कैबिनेट सेक्रेटरी के पास होती है और समिति में गृह सचिव, राष्ट्रपति के सचिव और चार से छह मशहूर हस्तियों को बतौर सदस्य शामिल किया जाता है। समिति की अनुशंसाओं को मंजूरी के लिए प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को सौंपा जाता है।

इसी प्रक्रिया के तहत इस बार भी पद्म पुरस्कारों को वितरण किया गया है, जिसमें बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनोट भी शामिल हैं। सर्च में हमें ऐसा कोई आर्टिकल नहीं मिला, जिसमें राष्ट्रपति की तरफ से कंगना रनोट को मिले पद्म पुरस्कार को वापस लिए जाने का जिक्र हो। हालांकि, सर्च में हमें कई न्यूज रिपोर्ट्स मिली, जिसमें दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर कंगना से पद्म पुरस्कार को वापस लिए जाने की अपील की है।

द हिंदू में 14 नवंबर 2021को प्रकाशित रिपोर्ट

इसके बाद हमने राष्ट्रपति के आधिकारिक ट्विटर हैंडल को सर्च किया। ट्विटर पर भारत के राष्ट्रपति ‘President of India’ के प्रोफाइल नेम और ‘@rashtrapatibhvn’ हैंडल से मौजूद हैं, जबकि वायरल हो रहा ट्वीट के स्क्रीनशॉट में प्रोफाइल नेम के तौर पर ‘Prasident of India’ और हैंडल के तौर पर ‘@rashtrptibhvn’ लिखा हुआ नजर आ रहा है। साफ है यह एक फर्जी ट्विटर हैंडल है, जिसे अब ट्विटर से सस्पेंड किया जा चुका है।

नीचे दी गई तस्वीर में दोनों प्रोफाइल के बीच के अंतर को साफ-साफ देखा जा सकता है।

वायरल ट्वीट को लेकर हमने हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के सीनियर जर्नलिस्ट संजय मिश्र (राष्ट्रपति भवन को कवर करने वाले) से संपर्क किया। उन्होंने कहा, ‘यह फेक हैंडल से किया गया फेक ट्वीट है।’ गौरतलब है कि इससे पहले राज ठाकरे के नाम से ऐसा ही एक ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने कंगना रनोट की तारीफ करते हुए करीना कपूर की आलोचना की थी। हमारी पड़ताल में वह ट्वीट भी फेक निकला था, जिसकी विस्तृत फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: कंगना रनोट से पद्म पुरस्कार को वापस लिए जाने की अपील के साथ राष्ट्रपति के नाम से वायरल हो रहा ट्वीट फर्जी है, जिसे राष्ट्रपति के नाम से बने फर्जी हैंडल से साझा किया गया था। यह ट्विटर हैंडल अब सस्पेंड हो चुका है।

False
Symbols that define nature of fake news
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