Fact Check : वायरल तस्‍वीर का दिल्‍ली के किसान आंदोलन से नहीं है कोई संबंध

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। पुरानी तस्‍वीर को झूठे दावों के साथ वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। देश की राजधानी दिल्‍ली की सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन और विरोध में सोशल मीडिया में फर्जी पोस्‍ट की बाढ़-सी आई हुई है। इसी क्रम में अब एक तस्‍वीर को वायरल करते हुए झूठ फैलाने की कोशिश की जा रही है।

सोशल मीडिया पर एक तस्‍वीर वायरल हो रही है। इसमें कुछ लोगों को एक बैनर पकड़े हुए देखा जा सकता है। इसके ऊपर कश्‍मीर से धारा 370 और 35 ए को फिर से रिस्‍टोर करने की मांग की गई है। यूजर्स इसे दिल्‍ली में चल रहे किसान आंदोलन से जोड़कर वायरल कर रहे हैं। सोशल मीडिया के माध्‍यम से यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि किसानों के एजेंडा में 370 और 35ए भी शामिल हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। पड़ताल में हमें पता चला कि पुरानी तस्‍वीरों को कुछ लोग जानबूझकर किसान आंदोलन से जोड़कर वायरल कर रहे हैं। हमारी जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। वायरल तस्‍वीर 2019 की है। इसका किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर डॉक्‍टर अभिलाषा द्विवेदी ने 30 नवंबर को एक तस्‍वीर को अपलोड करते हुए लिखा : ‘शानदार…. किसान एजेंडा में 370, 35A भी शामिल है। क्या बात, बहुत खूब। तालियां………….’

फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड लिंक यहां देखें। इस तस्‍वीर को दूसरे यूजर्स भी फर्जी दावों के साथ वायरल कर रहे हैं।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल तस्‍वीर को ध्‍यान से देखा। इसमें हमें कुछ लोगों का ग्रुप का पोस्‍टर पकड़ हुए दिखा। पोस्‍ट में लिखा था : Restore Article 370, 35A. We Stand with Kashmir & Kashmiries. विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल तस्‍वीर को जब रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च किया तो हमें ‘शिरोमणि अकाली दल’ नाम के एक फेसबुक पेज पर वायरल तस्‍वीर मिली। इसे 8 अगस्‍त 2019 को अपलोड की गई थी। जबकि किसान आंदोलन अभी शुरू हुआ है।

इस विषय में ज्‍यादा जानकारी के लिए विश्‍वास न्‍यूज ने अमृतसर स्थित दैनिक जागरण के रिपोर्टर नितिन धीमान से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “वायरल तस्वीर का हालिया किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है। यह तस्वीर पुरानी है। यह तस्वीर पिछले साल 2019 की है जब शिरोमणि अकाली दल ने धारा 370 और 35A हटाए जाने का विरोध किया था।”

पड़ताल के अंत में हमने फर्जी पोस्‍ट करने वाली यूजर डॉक्‍टर अभिलाषा पी. द्विवेदी के अकाउंट की जांच की। हमें पता चला कि यूजर दिल्‍ली में रहती हैं। उसके अकाउंट को सात हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। पुरानी तस्‍वीर को झूठे दावों के साथ वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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