विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट का दावा फर्जी साबित हुआ। वायरल वीडियो फरवरी 2022 का है, जब शिवाजी की जयंती के अवसर पर औरंगाबाद में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया गया था।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर 22 सेकंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें रंग-बिरंगी लाइट, आतिशबाजी के साथ भगवा झंडा फहराते हुए लोगों को देखा जा सकता है। सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि औरंगाबाद का नाम बदल कर संभाजी नगर करने की खुशी में लोग सेलिब्रेट कर रहे हैं। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। यह भ्रामक साबित हुई। वायरल वीडियो फरवरी 2022 का है। उस वक्त शिवाजी की जयंती के अवसर पर औरंगाबाद के क्रांति चौक पर उनकी एक प्रतिमा का अनावरण किया गया था।
ट्विटर हैंडल ज्ञान गंगा ने 30 जून को 22 सेकंड का एक वीडियो अपलोड करते हुए दावा किया। औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर करने की खुशी में शहर के लोग सेलिब्रेट करते हुए। अंग्रेजी में इसे लिखा गया : ‘This is how citizens of Aurangababad celebrated after their city name renamed to Sambhajinagra.’
पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले इस पोस्ट को स्कैन करना शुरू किया। पोस्ट के कमेंट में कई यूजर्स ने इसकी सच्चाई बताते हुए लिखा कि यह वीडियो छत्रपति शिवाजी की जयंती के अवसर का है। कमेंट में बाकायदा बताया गया कि यह 19 फरवरी 2022 का वीडियो है। विश्वास न्यूज ने इसके आधार पर यूट्यूब पर ओरिजनल वीडियो सर्च करना शुरू किया।
ओरिजनल वीडियो हमें Pradhumna Jadhav Vlogs के चैनल पर मिला। इसे 19 फरवरी 2022 को अपलोड करते हुए बताया गया कि औरंगाबाद के क्रांति चौक में शिवाजी महाराज कि प्रतिमा। ओरिजनल वीडियो नीचे देखा जा सकता है।
सर्च के दौरान हमें वेबदुनिया की वेबसाइट पर 3 जुलाई को पब्लिश एक खबर मिली। इसमें बताया गया कि औरंगाबाद के क्रांति चौक में शिवाजी महाराज की प्रतिमा की स्थापना की गई। खबर में इसकी खासियत भी बताई गई। पूरी खबर यहां पढ़ सकते हैं।
पड़ताल के दौरान हमें लोकमत के ट्विटर हैंडल पर भी कुछ तस्वीरें मिलीं। 19 फरवरी 2022 को किए गए इस ट्वीट में औरंगाबाद में शिवाजी की प्रतिमा के अनावरण के बारे में बताया गया।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए औरंगाबाद के वरिष्ठ पत्रकार मनोज टाक से संपर्क किया। उनके साथ वायरल पोस्ट को शेयर किया। उन्होंने बताया कि वायरल वीडियो का संभाजीनगर के नामकरण से कोई संबंध नहीं है। यह वीडियो उस वक्त का है, जब औरंगाबाद के क्रांति चौराहे पर शिवाजी महाराज की नई मूर्ति का अनावरण किया गया था।
अब बारी थी उस यूजर के बारे में जानकारी जुटाने की, जिसने फर्जी पोस्ट की। ट्विटर हैंडल ज्ञान गंगा की सोशल स्कैनिंग में पता चला कि यूजर बिहार का रहने वाला है। इसे दो हजार लोग फॉलो करते हैं। यह अकाउंट दिसंबर 2013 में बनाया गया था।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट का दावा फर्जी साबित हुआ। वायरल वीडियो फरवरी 2022 का है, जब शिवाजी की जयंती के अवसर पर औरंगाबाद में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया गया था।
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