Fact Check : यूपी के रामपुर में 2017 में हुई घटना का वीडियो अब पश्चिम बंगाल के नाम पर वायरल
वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। 2017 के यूपी के वीडियो को कुछ लोग पश्चिम बंगाल का बताकर वायरल कर रहे हैं। यह वीडियो पहले भी वायरल हो चुका है।
- By: Ashish Maharishi
- Published: May 19, 2023 at 05:21 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें कुछ युवकों को दो महिलाओं के साथ बदतमीजी करते हुए देखा जा सकता है। वीडियो को पश्चिम बंगाल का बताते हुए सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। 2017 के यूपी के वीडियो को कुछ लोग पश्चिम बंगाल का बताकर वायरल कर रहे हैं। यह वीडियो पहले भी वायरल हो चुका है। उस वक्त भी विश्वास न्यूज ने इसकी पड़ताल की थी। यह घटना यूपी के रामपुर में मई 2017 को हुई थी। पुलिस ने सभी आरोपियों पर रासुका लगाया था। इस वीडियो का पश्चिम बंगाल से किसी प्रकार का कोई संबंध नहीं है।
क्या हो रहा है वायरल
ट्विटर हैंडल पंकज पंडित ने 12 मई को एक वीडियो को पोस्ट करते हुए दावा किया, “पश्चिम बंगाल. दिल दहला देने वाला दृश्य। मुस्लिम युवकों द्वारा। दलित हिन्दू बच्चियों के साथ। ये प्रतिदिन हो रहा है। कल ये आपके शहर, राज्य या गली मोहल्लो भी हो सकता है। ये रुक भी सकता है। अगर सत्ता, योगीजी, हेमंत बिस्वा जैसे मज़बूत नेताओं के हाथों में हो।”
पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। वीडियो को पश्चिम बंगाल का समझकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे है। इसका आर्काइव वर्जन यहां देखें। विश्वास न्यूज के वॉट्सऐप टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर भी कई यूजर्स ने इस वीडियो की सच्चाई बताने का अनुरोध किया।
पड़ताल
पश्चिम बंगाल के नाम पर वायरल वीडियो का सच जानने के लिए सबसे पहले इसके कई कीफ्रेम्स निकाले। फिर इन्हें गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च करने पर आजतक की वेबसाइट पर एक खबर मिली। 28 मई 2017 को एक न्यूज में बताया गया कि यूपी के रामपुर में कुछ वहशियों ने ऐसी हरकत की। खबर में बताया गया कि युवती अपने भाई व बहन के साथ घर जा रही थी। रास्ते में गाड़ी में पेट्रोल खत्म होने पर युवक अपनी बहनों को छोड़कर पेट्रोल लेने चला गया। इस बीच कुछ लड़कों ने युवतियों पर हमला बोल दिया और उनसे छेड़खानी की। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने 14 लड़कों के खिलाफ मामला दर्ज किया। पूरी खबर यहां देखें।
पड़ताल के दौरान यूपी पुलिस के फैक्ट चेक ट्विटर हैंडल पर एक ट्वीट मिला। इसमें वीडियो को लेकर बताया गया कि रामपुर पुलिस के अनुसार, घटना वर्ष 2017 की है, तहरीर के आधार पर थाना टांडा पर अभियोग दर्ज कर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के अंतर्गत वैधानिक कार्यवाही की जा चुकी है। कृपया बिना सत्यापन के भ्रामक पोस्ट कर अफवाह न फैलाएं।
इस वीडियो को लेकर 14 फरवरी 2022 को रामपुर पुलिस की ओर से भी एक स्पष्टीकरण पोस्ट किया गया था। इसमें बताया गया कि वीडियो के संबंध में रामपुर पुलिस स्पष्ट करती है कि उक्त वीडियो के संबंध में तत्काल सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया तथा आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून भी लगाय गया था।
विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो के संबंध में जब दैनिक जागरण, रामपुर के ब्यूरो चीफ मुस्लेमीन से बात की तो उन्होंने जानकारी देते हुए बताया था कि यह वीडियो 28 मई 2017 का है। उस वक्त वीडियो वायरल होने के बाद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई भी हुई थी।
यह वीडियो पहले भी सपा सरकार के राज का बताते हुए वायरल हो चुका है। विश्वास न्यूज ने इसकी भी पड़ताल की थी। इसे यहां पढ़ा जा सकता है।
पड़ताल के अंत में यूपी की पुरानी घटना के वीडियो को अब पश्चिम बंगाल की बताकर वायरल करने वाले यूजर की जांच की गई। ट्विटर हैंडल पंकज पंडित अयोध्या के रहने वाले हैं। इस हैंडल को 18 हजार लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। 2017 के यूपी के वीडियो को कुछ लोग पश्चिम बंगाल का बताकर वायरल कर रहे हैं। यह वीडियो पहले भी वायरल हो चुका है।
- Claim Review : पश्चिम बंगाल में महिला के साथ अश्लील हरकत की घटना का वीडियो
- Claimed By : ट्विटर पंकज पंडित
- Fact Check : भ्रामक
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