विश्वास न्यूज की पड़ताल में स्मृति ईरानी के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन का वीडियो एक साल पुराना है। इसे कुछ लोग अभी का समझकर वायरल कर रहे हैं। हमारी जांच में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई।
नई दिल्ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर केंद्रीय मंत्री व अमेठी से सांसद स्मृति ईरानी के खिलाफ प्रदर्शन का एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में कई लोगों को केंद्रीय मंत्री के काफिले के सामने प्रदर्शन करते हुए देखा जा सकता है। इस वीडियो को अब यूजर्स वायरल करते हुए दावा कर रहे हैं कि वाराणसी में स्मृति ईरानी के विरोध को मीडिया ने नहीं दिखाया। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की तो पता चला कि दरअसल 2020 में वाराणसी में यह विरोध प्रदर्शन हुआ था, जिसे अब कुछ लोग हाल का ही बताकर वायरल कर रहे हैं। हमारी जांच में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। वर्ष 2020 में जब स्मृति ईरानी वाराणसी पहुंची थीं तो उस वक्त कुछ लोगों ने उनका विरोध किया था। हाल ही में ऐसा कुछ नहीं हुआ।
फेसबुक पेज समस्तीपुर कुमार विजय ने 14 अक्टूबर को एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया : ‘वाराणसी में स्मृति ईरानी का भयंकर विरोध हुआ लेकिन गोदी मीडिया ने किसी भी चैनल पे नहीं दिखाया।’
फेसबुक पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। इसे हाल का समझकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखें।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की तह में पहुंचने के लिए सबसे पहले गूगल ओपन सर्च की मदद ली। संबंधित कीवर्ड के माध्यम से सर्च करने पर हमें कई मीडिया रिपोर्ट्स और वीडियो मिले। इनसे पता चला कि 2020 में वाराणसी में स्मृति ईरानी का कांग्रेस नेताओं ने जोरदार विरोध किया था। उस वक्त के वीडियो को अब का बताकर वायरल किया जा रहा है।
लाइव वीएनएस नाम के यूट्यूब चैनल ने 3 अक्टूबर, 2020 पर संबंधित वीडियो को अपलोड किया था। इसमें बताया गया कि वाराणसी में कमिश्नरी के बाहर कांग्रेसियों ने जमकर स्मृति ईरानी का विरोध प्रदर्शन करते हुए काले झंडे दिखाए थे। वीडियो यहां देखें।
सर्च के दौरान हमें दैनिक जागरण की वेबसाइट पर एक पुरानी खबर मिली। 3 अक्टूबर 2020 को पब्लिश इस खबर में बताया गया कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के वाराणसी दौरे में कमिश्नरी कार्यालय के पास आते समय जहां समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने घेराव किया तो वापसी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनके वाहन को घेर लिया और उनकी गाड़ी के आगे बैठ गए। इस संबंध में पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं के खिलाफ धारा 151 में चालान किया। पूरी खबर यहां क्लिक करके पढ़ें।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज ने उस वक्त विरोध प्रदर्शन में शामिल कांग्रेस नेता हरीश मिश्रा से संपर्क किया। उन्होंने हमें जानकारी देते हुए बताया कि पिछले साल हाथरस की घटना के बाद स्मृति ईरानी वाराणसी आईं थीं। उसी वक्त यह प्रदर्शन हुआ था। हाल-फिलहाल ऐसा कुछ नहीं हुआ था। उस वक्त पुलिस ने 14 लोगों को अरेस्ट भी किया था।
विश्वास न्यूज ने जांच के अंत में भ्रामक पोस्ट करने वाले यूजर की जांच की। हमें पता चला कि फेसबुक पेज समस्तीपुर कुमार अजय को 2974 लोग फॉलो करते हैं। इसे पेज को 16 सितंबर 2018 को बनाया गया था। इस पर हमें बिहार से जुड़ा कंटेंट ज्यादा दिखा।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में स्मृति ईरानी के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन का वीडियो एक साल पुराना है। इसे कुछ लोग अभी का समझकर वायरल कर रहे हैं। हमारी जांच में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई।
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