X
X

Fact Check : बिहार में बुजुर्ग की बेरहमी से पिटाई का वीडियो वाराणसी के नाम पर वायरल

पड़ताल में पता चला कि वायरल वीडियो का वाराणसी से कोई संबंध नहीं है। यह वीडियो बिहार के भभुआ का है। कुछ दिन पहले भभुआ में दो महिला होमगार्ड्स ने एक बुजुर्ग की पिटाई कर दी थी। जिसके बाद दोनों को तीन महीने के लिए ड्यूटी से वंचित कर दिया गया है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया के कुछ प्‍लेटफार्म पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें ड्यूटी पर मौजूद दो महिलाओं को एक बुजुर्ग व्‍यक्ति की लाठियों से पिटाई करते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स इस वीडियो को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का बताकर दुष्‍प्रचार फैला रहे हैं। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। पड़ताल में पता चला कि वायरल वीडियो का वाराणसी से कोई संबंध नहीं है। यह वीडियो बिहार के भभुआ का है। कुछ दिन पहले भभुआ में दो महिला होमगार्ड्स ने एक बुजुर्ग की पिटाई कर दी थी। जिसके बाद दोनों को तीन महीने के लिए ड्यूटी से वंचित कर दिया गया है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर अजय चड्ढा ने 23 जनवरी को एक वीडियो पोस्‍ट करते हुए दावा किया, “पीछे बोर्ड पर STD Phone कोड 0542 लिखा है – मतलब प्रधानमंत्री जी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी । उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार।”

पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसे दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। इसका आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो की सच्‍चाई पता लगाने के लिए सबसे पहले इनविड टूल का इस्‍तेमाल किया। इस टूल के माध्‍यम से वायरल वीडियो के कई ग्रैब्‍स निकाले गए। इसके बाद इन्‍हें गूगल रिवर्स इमेज और गूगल लेंस की मदद से सर्च किया गया। वायरल वीडियो से जुड़ी खबर हमें कई वेबसाइट पर मिलीं। प्रभात खबर डॉट कॉम पर 20 जनवरी को पब्लिश खबर में वायरल वीडियो को बिहार का बताते हुए लिखा गया कि भभुआ में एक बुजुर्ग व्‍यक्ति की दो महिला पुलिसकर्मियों ने लाठी से पिटाई कर दी। बुजुर्ग व्‍यक्ति की बेटी दिव्‍या ने भभुआ थाने में इसकी शिकायत की। जिसके बाद थानेदार रामानंद मंडल ने मामले की शिकायत एसपी को आगे बढ़ा दी। पूरी खबर यहां पढ़ें।

टीवी9 की वेबसाइट पर भी इस घटना को लेकर 21 जनवरी को एक खबर पब्लिश की गई। इसमें बताया गया कि 70 वर्षीय एक बुजुर्ग की भभुआ शहर के एकता चौक के पास दो महिला सिपाहियों ने पिटाई कर दी। बुजुर्ग का नाम नवल किशोर पांडे है। पूरी खबर यहां पढ़ें।

पड़ताल के दौरान वायरल वीडियो हमें एनडीटीवी के यूट्यूब चैनल पर भी मिला। इसे 22 जनवरी को अपलोड करते हुए बिहार के कैमूर जिले का बताया गया।

जांच को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने दैनिक जागरण, भभुआ के ईपेपर को स्‍कैन किया। 21 जनवरी को वायरल वीडियो को लेकर एक खबर प्रकाशित की गई। इसमें बताया गया कि दो महिला सिपाही के दवारा एक बुजुर्ग व्‍यक्ति की पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद एसपी ने तत्‍काल संज्ञान लेते हुए जांच का निर्देश दिया। पूरी खबर नीचे पढ़ें।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए भभुआ के थाना प्रभारी रामानंद मंडल से संपर्क किया। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया, “दोनों महिलाओं को जांच के बाद से निलंबित कर दिया गया है।”

पड़ताल के दौरान बिहार व कैमूर पुलिस के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल को स्‍कैन किया गया। कैमूर पुलिस के ट्विटर हैंडल पर एक पोस्‍ट मिली। 21 जनवरी की इस पोस्‍ट में बताया गया कि कैमूर के पुलिस अधीक्षक ने वायरल वीडियो की जांच के बाद दोनों महिला गृह रक्षकों को तीन महीने के लिए ड्यूटी से वंचित कर दिया गया। इन दोनों महिला होमगार्ड्स का नाम नंदनी कुमारी और ज्ञांति कुमारी है।

पड़ताल के दूसरे चरण में वीडियो में दिख रहे बोर्ड में वाराणसी के नंबर 0542-7181911 के बारे में जानकारी जुटाना शुरू किया। इसके लिए गूगल सर्च में इस नंबर को सर्च किया गया। यह नंबर वाराणसी के एक निजी अस्‍पताल का निकला। दरअसल वाराणसी और भभुआ की दूरी सौ किलोमीटर से भी कम है। भभुआ से काफी लोग वाराणसी में इलाज के लिए पहुंचते हैं।

पड़ताल के अंत में बिहार के वीडियो को यूपी का बताकर वायरल करने वाले यूजर की जांच की गई। फेसबुक यूजर अजय चड्ढा राजस्‍थान के श्री गंगानगर का रहने वाला है। इस यूजर के 4.8 हजार फ्रेंड हैं।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि बुजुर्ग व्‍यक्ति की पिटाई के जिस वीडियो को यूपी का बताकर वायरल किया जा रहा है, वह बिहार के भभुआ का है।

  • Claim Review : यूपी के वाराणसी में बुजुर्ग व्‍यक्ति की पिटाई
  • Claimed By : फेसबुक यूजर अजय चड्ढा
  • Fact Check : भ्रामक
भ्रामक
फेक न्यूज की प्रकृति को बताने वाला सिंबल
  • सच
  • भ्रामक
  • झूठ

पूरा सच जानें... किसी सूचना या अफवाह पर संदेह हो तो हमें बताएं

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी मैसेज या अफवाह पर संदेह है जिसका असर समाज, देश और आप पर हो सकता है तो हमें बताएं। आप हमें नीचे दिए गए किसी भी माध्यम के जरिए जानकारी भेज सकते हैं...

टैग्स

अपनी प्रतिक्रिया दें

No more pages to load

संबंधित लेख

Next pageNext pageNext page

Post saved! You can read it later