Fact Check : भाजपा नेताओं पर 2017 में हुए हमले के वीडियो को अभी का बताकर किया गया वायरल

2017 की घटना के वीडियो को कुछ लोग अभी का बताकर वायरल कर रहे हैं।

Fact Check : भाजपा नेताओं पर 2017 में हुए हमले के वीडियो को अभी का बताकर किया गया वायरल

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्‍लेटफॉर्म पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें भीड़ को कुछ नेताओं के साथ मारपीट करते हुए देखा जा सकता है। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स इसे लोकसभा चुनाव 2024 से जोड़ते हुए अभी का बताकर वायरल कर रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने दावे की जांच की। यह फर्जी साबित हुआ। इससे पहले भी यह वीडियो अलग-अलग राज्‍यों के नाम पर अलग-अलग दावों के साथ वायरल हो चुका है। हमारी तहकीकात में पता चला कि वायरल वीडियो वाली घटना वर्ष 2017 में दार्जिलिंग में हुई थी। उस वक्‍त पश्चिम बंगाल के तत्‍कालीन भाजपा अध्‍यक्ष दिलीप घोष और उनकी टीम पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया था। अब उसी वीडियो को वायरल करके झूठ फैलाया जा रहा है कि भाजपा नेताओं की हाल में पिटाई हुई है।

क्‍या हो रहा है वायरल

एक्‍स हैंडल ने 21 मार्च को एक वीडियो को पोस्‍ट करते हुए लिखा, “2024 BJP 400 पार। लेकिन जनता तो भाजपा का स्वागत ऐसे कर रही है।”

https://twitter.com/Jeetuburdak/status/1770627351531135408

इस वीडियो को दूसरे कई यूजर्स भी सोशल मीडिया के अलग-अलग प्‍लेटफॉर्म पर वायरल कर रहे हैं। वायरल पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज पहले भी इस वीडियो की पड़ताल कर चुका है। इसके लिए इनविड टूल के माध्‍यम से वायरल वीडियो के कई कीफ्रेम्‍स निकाल कर गूगल लेंस के जरिए खोजा गया। प्राप्‍त ऑरिजिनल वीडियो से यह साफ हुआ कि घटना वर्ष 2017 में दार्जिंलिंग में हुई थी।

गूगल लेंस की मदद से हमें NYOOOZ TV नाम के यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो मिला। इसमें वायरल वीडियो वाला कुछ हिस्‍सा नजर आया। इस वीडियो को 5 अक्‍टूबर 2017 को अपलोड‍ किया गया था। हमने वीडियो को ध्‍यान से देखा। इसमें वही लोग नजर आए, जो वायरल वीडियो में दिख रहे थे। वीडियो में जानकारी देते हुए बताया गया कि दार्जिंलिंग में भाजपा के स्‍टेट प्रेसिडेंट और उनके समर्थकों पर हमला किया गया।

ओरिजनल वीडियो नीचे देखा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाया। इसके लिए गूगल ओपन सर्च टूल का इस्‍तेमाल किया। गूगल ओपन सर्च टूल में वायरल वीडियो के आधार पर कुछ कीवर्ड बनाए गए और फिर इन्‍हें सर्च किया गया। हमें जागरण डॉट कॉम पर एक खबर मिली। 6 अक्‍टूबर 2017 को एक खबर पब्लिश की गई। इसमें बताया गया कि दार्जिलिंग गए भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधि दल पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया था। प्रतिनिधि मंडल में पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्‍यक्ष दिलीप घोष भी शामिल थे। कुछ लोगों ने लात-घूंसों से नेताओं और कार्यकर्ताओं की पिटाई कर दी, जिसमें कई लोग घायल भी हो गए थे। पूरी खबर यहां पढ़ें।

विश्‍वास न्‍यूज ने पिछली पड़ताल के दौरान पश्चिम बंगाल के वरिष्‍ठ भाजपा नेता दिलीप घोष से भी संपर्क किया था। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया कि यह वीडियो अक्‍सर वायरल होता रहता है। घटना काफी पुरानी है।

पिछली पड़ताल को विस्‍तार से यहां पढ़ा जा सकता है।

अब बारी थी कि फर्जी पोस्‍ट करने वाले सोशल मीडिया हैंडल के बारे में जानकारी जुटाने की। एक्‍स हैंडल नाम का यह अकाउंट मई 2022 को बनाया गया था। इसे 78 हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा बेबुनियाद साबित हुआ। 2017 की घटना के वीडियो को कुछ लोग अभी का बताकर वायरल कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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