Fact Check : सचिन पायलट की ‘जनसंघर्ष पद यात्रा’ के नाम पर राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का वीडियो वायरल

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का दौसा का वीडियो अब कुछ लोग सचिन पायलट की जनसंघर्ष यात्रा का बताकर वायरल कर रहे हैं।

Fact Check : सचिन पायलट की ‘जनसंघर्ष पद यात्रा’ के नाम पर राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का वीडियो वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। कांग्रेस नेता सचिन पायलट की ‘जनसंघर्ष पद यात्रा’ भले ही समाप्‍त हो गई हो, लेकिन उसके नाम पर भ्रामक पोस्‍ट करने का सिलसिला जारी है। एक वीडियो को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह पायलट की यात्रा का वीडियो है। विश्‍वास न्‍यूज ने इसकी जांच की। दावा भ्रामक साबित हुआ। दरअसल राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का दौसा का वीडियो अब कुछ लोग सचिन पायलट की जनसंघर्ष यात्रा का बताकर वायरल कर रहे हैं । पड़ताल में पता चला कि दिसंबर में राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ दौसा के गांधी सर्किल से गुजरी थी। वीडियो उसी स्‍थान का है। वहीं, सचिन पायलट ने अपनी ‘जनसंघर्ष पद यात्रा’ अजमेर से जयपुर तक निकाली थी। इस रूट में कहीं भी दौसा नहीं आता है।

क्‍या हो रहा है वायरल

ट्विटर हैंडल वीर गुर्जर सेना ने 11 मई को एक वीडियो पोस्‍ट करते हुए दावा किया, हाथों में तिरंगा थामे भारत माता की जय के उदघोष के साथ जनसंघर्षयात्रा का आगाज़…। भ्रष्टाचार के विरुद्ध। पायलट जनसंघर्ष यात्रा में एकजुट राजस्थान।

https://twitter.com/Veergurjarsena1/status/1656589500817240064

वायरल वीडियो को सचिन पायलट की यात्रा का समझकर दूसरे यूजर्स भी इसे वायरल कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए ट्विटर हैंडल वीर गुर्जर सेना के वीडियो और कमेंट को स्‍कैन करना शुरू किया। इस हैंडल से वीडियो को वायरल किया गया। 30 सेकंड के इस वीडियो में अपार भीड़ नजर आई। 11 मई को पोस्‍ट किए गए वीडियो के नीचे कमेंट बॉक्‍स में हमें एक कमेंट मिला। इसमें इसे फेक वीडियो बताते हुए इसे दौसा का वीडियो बताया गया। वीडियो में खूब सारे तिरंगे झंडे को देखा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने गूगल सर्च के दौरान यह जानना चाहा कि पिछले कुछ महीनों में दौसा में राजनीतिक रैलियां, सभा हुई हैं क्‍या। सर्च के दौरान पता चला कि दिसंबर में राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ दौसा में हुई थी। इसके अलावा फरवरी 2023 में पीएम मोदी ने दौसा में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के पहले हिस्से का उद्घाटन किया था। इसके बाद पीएम ने दौसा में विशाल जनसभा को भी संबोधित किया था।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए ट्विटर पर ही ‘दौसा में भारत जोड़ो यात्रा’ जैसे कीवर्ड की मदद से असली वीडियो सर्च करने की कोशिश की। हितेंद्र पिथाडिया और राधे मीणा ने 16 दिसंबर 2022 को वीडियो को पोस्‍ट करते हुए इसे दौसा की भारत जोड़ो यात्रा का बताया।

https://twitter.com/HitenPithadiya/status/1603670565394735104
https://twitter.com/Radhemahwa/status/1603658602677690368

राधे मीणा, राजस्थान युवा बेरोजगार महासंघ के प्रदेशाध्‍यक्ष हैं। उन्‍होंने विश्‍वास न्‍यूज को कन्‍फर्म करते हुए बताया कि वायरल वीडियो राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का है। यह दौसा रेलवे स्‍टेशन के पास के गांधी सर्किल का 16 दिसंबर का है। इस दिन भारत यात्रा मीणा हाईकोर्ट नांगल प्यारीबास से गिरिराज मंदिर दौसा तक जाते समय का लगभग सुबह 10 बजे का यह वीडियो है। इसका सचिन पायलट की वर्तमान यात्रा से दूर-दूर कोई संबंध नहीं है।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए गूगल अर्थ टूल का इस्‍तेमाल किया। दौसा के गांधी सर्किल को सर्च करने पर हमें वायरल वीडियो जैसी सड़क, इमारत और लाइट के खंबे नजर आए। नीचे दी गई तस्‍वीर में साफ देखा जा सकता है कि दोनों वीडियो में सफेद इमारत और लाइट के खंबे एक ही जैसे हैं।

जांच के अगले चरण में कांग्रेस के आधिकारिक यूट्यूब चैनल का रूख किया और वहां दौसा में हुए ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के वीडियो को खंगालना शुरू किया। 5 घंटे 20 मिनट 30 सेकंड के बाद हमें वह मोड़ और सफेद रंग की इमारत नजर आई, जो वायरल वीडियो में भी दिख रही है। इसके अलावा वायरल वीडियो में एक साथ चल रहीं दो गाड़ी भी भारत जोड़ो यात्रा के वीडियो में नजर आईं। अब तक की जांच से यह साबित हो गया कि जिस वीडियो को सचिन पायलट की हालिया यात्रा का बताकर वायरल किया जा रहा है, वह राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का पुराना वीडियो है।

अब बारी थी सचिन पायलट की जनसंघर्ष पद यात्रा के बारे में जानकारी जुटाने की। विश्‍वास न्‍यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए अजमेर से प्रकाशित स्‍थानीय अखबार दैनिक भास्‍कर के ईपेपर को खंगालना किया। 11 मई के संस्‍करण में हमें सचिन पायलट की यात्रा से जुड़ी खबर मिली। इसमें बताया गया कि 11 मई से पायलट की ‘जनसंघर्ष पद यात्रा’ अजमेर से शुरू होगी। यह यात्रा भ्रष्‍टाचार के खिलाफ निकाली गई। इस यात्रा का समापन 15 मई को जयपुर में हुआ। दैनिक जागरण के यूट्यूब चैनल पर भी इस यात्रा को लेकर 15 मई को वीडियो अपलोड किया गया। सचिन पायलट की जन संघर्ष यात्रा में भी काफी भीड़ उमड़ी थी।

पड़ताल के अंत में ट्विटर हैंडल वीर गुर्जर सेना की सोशल स्‍कैनिंग की गई। पता चला कि इस हैंडल को अगस्‍त 2021 को बनाया गया। इसे नौ हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के पुराने वीडियो को सचिन पायलट की ‘जनसंघर्ष यात्रा’ के नाम पर वायरल किया जा रहा है।

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