Fact Check : PM Modi के डेनमार्क के पुराने वीडियो को ब्रिटेन के शाही परिवार में स्वागत का बताकर किया गया वायरल

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि पीएम मोदी के स्वागत के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। यह वीडियो यूके का नहीं, बल्कि साल 2022 में डेनमार्क की रानी से हुई मुलाकात  का है। जांच के दौरान हमने यह भी पाया कि पीएम मोदी से पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को ब्रिटिश शाही परिवार ने आमंत्रित किया था। 

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि शाही तरीके से पीएम मोदी का स्वागत किया जा रहा है। इस वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि पीएम मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्हें यूनाइटेड किंगडम के शाही परिवार ने आमंत्रित किया है। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। यह वीडियो यूके का नहीं, बल्कि साल 2022 में डेनमार्क की रानी से हुई मुलाकात का है। जांच के दौरान हमने यह भी पाया कि पीएम मोदी से पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को ब्रिटिश शाही परिवार ने आमंत्रित किया था। 

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर ‘शफीक ज़मा खान’ ने 1 सितंबर 2023 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “यह पहली बार है कि यूनाइटेड किंगडम ( U K) की सरकार ने हमारे देश एवं विश्व के लोकप्रिय प्रधान मंत्री आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी को अपने घर भोज के लिए उनके साथ बैठने के लिए आमंत्रित किया है। और उनके अच्छे व्यक्तित्व के लिए उन्हें जो सम्मान मिला, जब शाही परिवार ने उनके साथ फोटो भी खिंचवाया । ये न सिर्फ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का सम्मान नहीं हम 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है बल्कि पूरे भारत देश के लिए गौरव की बात है। इसीलिए तो दुनिया कहती है मोदी जी है तो मुमकिन है।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। हमें इसका एक लंबा वर्जन वीडियो हिंदुस्तान टाइम्स के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मिला। वीडियो को 4 मई 2022 को शेयर किया गया है। मौजूद जानकारी के मुताबिक, “वीडियो डेनमार्क में हुए पीएम मोदी के शाही स्वागत का है।”

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। हमें दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट एनडीटीवी की आधिकारिक वेबसाइट पर 4 मई 2022 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट के अनुसार, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोपेनहेगन  में डेनमार्क की महारानी, मार्गरेट  द्वितीय की तरफ से अमालियनबोर  पैलेस रखे गए रात्रिभोज में शामिल हुए। यह आधिकारिक रात्रिभोज प्रधानमंत्री मोदी की यूरोप यात्रा के दूसरे दिन का आखिरी कार्यक्रम था। इससे पहले दिन में, प्रधानमंत्री मोदी कोपेनहेगन  पहुंचे और उन्हें अपनी डैनिश समकक्ष मैट फ्रेडरिकसन से द्विपक्षीय मुलाकात की।”

न्यूज एजेंसी एएनआई ने भी साल 2022 में वीडियो को इसी जानकारी के साथ शेयर किया था। 

पीएम मोदी के आधिकारिक एक्स अकाउंट को खंगालने पर हमें इस कार्यक्रम की तस्वीरें 4 मई 2022 को शेयर हुई मिली। इस दौरान हमें पीएम मोदी का 8 सितंबर 2022 को किया हुआ एक ट्वीट मिला। ट्वीट में उन्होंने ब्रिटेन की दिवंगत रानी एलिजाबेथ द्वितीय के साथ हुई मुलाकात  की कई तस्वीरों को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “2015 और 2018 में अपनी यूके यात्राओं के दौरान मेरी महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के साथ यादगार मुलाकातें हुईं। मैं उनकी दयालुता को कभी नहीं भूलूंगा। एक मुलाकात के दौरान उसने मुझे वह रूमाल दिखाया, जो महात्मा गांधी ने उन्हें उनकी शादी पर उपहार में दिया था। मैं उस भाव को हमेशा संजो कर रखूंगा।”

क्या पीएम मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्हें ब्रिटेन के शाही परिवार की तरफ से आमंत्रित किया गया है? इस बारे में जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च किया। हमें स्टॉक वेबसाइट Alamy पर रानी एलिजाबेथ और पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की कई तस्वीरें मिली। मौजूद जानकारी के अनुसार, 1969 में ब्रिटेन के शाही परिवार की तरफ से इंदिरा गांधी को आमंत्रित किया गया था। 

अधिक जानकारी के लिए हमने दैनिक जागरण के नेशनल ब्यूरो के पत्रकार नीलू रंजन से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “वायरल दावा गलत है। यह वीडियो एक साल पुराना है, जब पीएम मोदी डेनमार्क के दौरे पर गए थे। वहां के शाही परिवार ने उन्हें खाने पर आमंत्रित किया था और वहां पर उनका भव्य स्वागत हुआ था।”

अंत मे हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर के करीब 5 हजार मित्र हैं। प्रोफाइल पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, यूजर एक राजनीतिक दल से जुड़ा हुआ है। 

निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि पीएम मोदी के स्वागत के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। यह वीडियो यूके का नहीं, बल्कि साल 2022 में डेनमार्क की रानी से हुई मुलाकात  का है। जांच के दौरान हमने यह भी पाया कि पीएम मोदी से पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को ब्रिटिश शाही परिवार ने आमंत्रित किया था। 

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