Fact Check : भागलपुर की जेल में हुई मॉकड्रिल के वीडियो का कोरोना मरीज के नाम पर कर दिया वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। कोरोना वायरस के कहर के बीच कुछ लोग फर्जी वीडियो वायरल करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। देशभर में कोरोना के संकट से लड़ने के लिए प्रशासन की ओर से मॉकड्रिल कराई जा रही है, लेकिन कुछ लोग मॉकड्रिल के वीडियो को झूठे दावे के साथ वायरल करते हुए देश में पैनिक फैला रहे हैं। एक ऐसा ही वीडियो भागलपुर जेल का वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि जेल के बड़ा बाबू को कोरोना हो गया।

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। जेल में हुई मॉकड्रिल के वीडियो को कुछ लोग फर्जी दावों के साथ वायरल कर रहे हैं।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर अजय चौहान ने 11 अप्रैल को मॉकड्रिल के वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया : ”भागलपुर के जेल के बड़ा बाबू को कोरोना हो गया है देखिए किस तरह जमीन पर तड़प रहे हैं मेरे पास वीडियो आया था मैं सबको जागरूकता करने के लिए पोस्ट कर रहा हूं इससे बचाव के लिए एक ही तरीका है सब अपने घर में रहे सुरक्षित रहें”

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो को ध्‍यान से देखा। इसमें जमीन पर पड़े एक आदमी को जोरों से खांसते और छींकते हुए देखा जा सकता है। इस शख्‍स के चारों तरफ पुलिसवालों को देखा जा सकता है।

इसके बाद हमने वायरल वीडियो को InVID में अपलोड करके कई ग्रैब निकाले। फिर इन्‍हें गूगल रिवर्स इमेज में सर्च किया। हमें यूट्यूब पर एक वीडियो मिला। इस वीडियो में बताया गया कि वीडियो भागलपुर सेंट्रल जेल में हुए एक मॉकड्रिल का है। यह वीडियो 11 अप्रैल 2020 को अपलोड किया गया था। पूरे वीडियो को आप यहां देख सकते हैं। इस वीडियो को नेशन भारत नाम के यूट्यूब चैनल ने अपलोड किया था।

पड़ताल के अगले चरण में हमने गूगल में ‘भागलपुर जेल में मॉकड्रिल’ टाइप करके सर्च किया। हमें कई वेबसाइट पर संबंधित खबरें मिलीं। दैनिक जागरण की वेबसाइट पर पब्लिश खबर में बताया गया कि शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा (सेंट्रल जेल) और विशेष केंद्रीय कारा (कैंप जेल) में कोरोना को लेकर नौ अप्रैल को मॉक ड्रिल किया गया था, इसमें कक्षपाल ही मरीज बने थे। उन्हें कर्मियों द्वारा रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचाने का अभ्यास किया गया था, लेकिन इससे जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

इसके बाद हमने दैनिक जागरण डिजिटल के बिहार प्रभारी अमित आलोक से संपर्क किया। उन्‍होंने हमें भागलपुर पुलिस का एक प्रेस नोट भेजा। प्रेस नोट में साफ लिखा था कि फेसबुक पर भागलपुर जेल में हुई मॉकड्रिल का वीडियो वायरल हो रहा है। भागलपुर की साइबर सेल इस वायरल वीडियो की निगरानी कर रही है। यदि किसी ने भी इस वीडियो को झूठे दावों के साथ वायरल किया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

पड़ताल के अगले चरण में भागलपुर एसएसपी आशीष भारती से संपर्क से किया। उन्‍होंने बताया, ”कुछ दिनों पूर्व सेंट्रल व कैम्प जेल में कोरोना संक्रमित मरीज को रेस्क्यू करने के लिए कर्मियों द्वारा मॉकड्रिल किया गया था। इसका वीडियो कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर यह लिखते हुए वायरल कर दिया कि जेल के बड़ा बाबू को कोरोना हो गया। इसकी जानकारी जेल अधीक्षक से प्राप्त हुई थी। वीडियो मॉकड्रिल का था। ऐसे तत्वों की निगरानी की जा रही है, जो कोरोना को लेकर अफवाह उड़ा रहे हैं।”

अंत में हमने फेसबुक यूजर अजय चौहान के अकाउंट की सोशल स्‍कैनिंग की। हमें पता चला कि यूजर को 200 से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं।

Disclaimer: कोरोनावायरसफैक्ट डाटाबेस रिकॉर्ड फैक्ट-चेक कोरोना वायरस संक्रमण (COVID-19) की शुरुआत से ही प्रकाशित हो रही है। कोरोना महामारी और इसके परिणाम लगातार सामने आ रहे हैं और जो डाटा शुरू में एक्यूरेट लग रहे थे, उसमें भी काफी बदलाव देखने को मिले हैं। आने वाले समय में इसमें और भी बदलाव होने का चांस है। आप उस तारीख को याद करें जब आपने फैक्ट को शेयर करने से पहले पढ़ा था।

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