Fact Check: ललितपुर में हुई मॉक ड्रिल के वीडियो को कोरोना पीडि़त का बताकर किया गया वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि कोरोना वायरस से संक्रमित के नाम पर वायरल पोस्‍ट फर्जी है। ओरिजनल वीडियो 22 मार्च को ललितपुर के जिला अस्‍पताल में हुई मॉक ड्रिल का है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। कोरोना के कहर के बीच सोशल मीडिया में कई फर्जी पोस्‍ट वायरल हो रही हैं। कुछ लोग एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा कर रहे हैं कि कोरोना का मरीज पकड़ाया है। विश्‍वास न्‍यूज ने जब इस वीडियो की पड़ताल की तो पता चला कि यूपी के ललितपुर में हुई एक मॉक ड्रिल के वीडियो को कुछ लोग जानबूझकर फर्जी क्‍लेम के साथ वायरल कर रहे हैं।

दरअसल 22 मार्च को ललितपुर में कोरोना वायरस को लेकर एक मॉक ड्रिल हुई थी। उसी के वीडियो को अब कुछ लोग झूठे दावों के साथ वायरल करते देश में माहौल खराब कर रहे हैं।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर संदीप राठौर ने 23 मार्च 2020 को एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया : ”Corona मरीज मिला है आप लोग इसको देखकर इसके खतरे का अनुमान लगा सकते है!!”

इस वीडियो को अब तक 250 लोग शेयर कर चुके हैं। इसके अलावा कई दूसरे यूजर्स भी लगातार फर्जी क्‍लेम के साथ वीडियो को वायरल कर रहे हैं।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो को ध्‍यान से सुना। वीडियो देखकर ही यह आसानी से समझा जा सकता है कि वायरल वीडियो किसी प्रकार की मॉक ड्रिल का है।

इसके बाद विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो को InVID टूल में अपलोड करके कई ग्रैब निकाला। सर्च के दौरान हमें Youtube पर एक वीडियो मिला। रूपेश जैन नाम के अकाउंट से अपलोड इस वीडियो में बताया गया कि ललितपुर में मॉक ड्रिल का एक वीडियो कोरोना वायरस के मरीज के नाम पर वायरल हो गया। इस वीडियो में हमें वही लोग दिखे, जो वायरल हो रहे वीडियो में मौजूद थे।

पड़ताल के अगले चरण में हमने ललितपुर के अखबारों को खंगालना शुरू किया। हमें 23 मार्च के दैनिक जागरण के ईपेपर में एक खबर मिली। खबर में बताया गया कि रविवार यानी 22 मार्च को जिले में मॉक ड्रिल की गई। मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी डॉक्‍टर प्रताप सिंह की अगुआई में पुलिस के आला अधिकारियों के साथ मिलकर पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया गया। पूरी खबर आप नीचे पढ़ सकते हैं।

जब हमने गूगल में ‘ललितपुर में कोरोना’ कीवर्ड टाइप करके सर्च किया। हमें कई न्‍यूज वेबसाइट पर ऐसी खबरें मिलीं, जिसमें मॉक ड्रिल के बारे में बताया गया था। एक वेबसाइट की खबर में बताया गया कि अफवाह फैलाने वाले पांच लोगों के खिलाफ थाना कोतवाली में मुकदर्मा दर्ज कराया गया है।

इसके बाद विश्‍वास न्‍यूज ने ललितपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रताप सिंह से संपर्क किया। उन्‍होंने विश्‍वास न्‍यूज को बताया, ”वायरल वीडियो हमारे यहां का है, लेकिन वीडियो में दिख रहा शख्‍स कोई कोरोना वायरस से पीडि़त नहीं था। हमने जिला अस्‍पताल में एक मॉक ड्रिल करवाई थी। उसी के वीडियो को अब कुछ लोग फर्जी ढंग से वायरल कर रहे हैं। इस संबंध में शिकायत दर्ज करवाई जा चुकी है।”

अंत में हमने उस यूजर की सोशल स्‍कैनिंग की, जो मॉक ड्रिल के वीडियो को असली कोरोना पीडि़त का बताकर वायरल कर रहा है। हमें पता चला कि संदीप सिंह राठौर उरई का रहने वाला है। इसने यह अकाउंट फरवरी 2015 में बनाया था।

Disclaimer: कोरोनावायरसफैक्ट डाटाबेस रिकॉर्ड फैक्ट-चेक कोरोना वायरस संक्रमण (COVID-19) की शुरुआत से ही प्रकाशित हो रही है। कोरोना महामारी और इसके परिणाम लगातार सामने आ रहे हैं और जो डाटा शुरू में एक्यूरेट लग रहे थे, उसमें भी काफी बदलाव देखने को मिले हैं। आने वाले समय में इसमें और भी बदलाव होने का चांस है। आप उस तारीख को याद करें जब आपने फैक्ट को शेयर करने से पहले पढ़ा था।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि कोरोना वायरस से संक्रमित के नाम पर वायरल पोस्‍ट फर्जी है। ओरिजनल वीडियो 22 मार्च को ललितपुर के जिला अस्‍पताल में हुई मॉक ड्रिल का है।

False
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