वायरल वीडियो पटना के लाठीचार्ज का है। इसका मेवात हिंसा से कोई संबंध नहीं है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। हरियाणा के मेवात में पिछले दिनों हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद से ही सोशल मीडिया पर भ्रामक और फर्जी तस्वीर और वीडियो के वायरल होने का सिलसिला जारी है। अब पुलिस के लाठीचार्ज का एक वीडियो वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि मेवात में दंगा करने वालों को पुलिस ने अच्छे से पिटाई की। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। दावा फर्जी साबित हुआ। दरअसल 13 जुलाई को बिहार की राजधानी पटना में विधानसभा मार्च के दौरान भाजपा के नेताओं और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी। जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। वायरल वीडियो उसी लाठीचार्ज का है। इसका मेवात हिंसा से कोई संबंध नहीं है।
फेसबुक यूजर ‘अजित देओल सोशल मीडिया‘ ने 7 अगस्त को एक वीडियो को पोस्ट करते हुए दावा किया, “ये लो पुलिस वालों ने बढ़िया प्रसाद दें दिया मेवात में दंगा कराने वालों को।”
वायरल पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।
विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो की जांच के लिए सबसे पहले इसे ध्यान से स्कैन करना शुरू किया। वीडियो में हमें एक जगह लाजवंती झा और विधानसभा मार्च लिखा हुआ नजर आया। पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए गूगल ओपन सर्च टूल की मदद ली गई। सर्च करने पर हमें कई ऐसी खबरें मिली, जिसमें बताया गया कि 13 जुलाई को पटना में भाजपा के विधानसभा मार्च के दौरान हुए लाठीचार्ज के दौरान कई नेता और कार्यकर्ता घायल हुए थे। प्रभात खबर की वेबसाइट पर पब्लिश एक खबर में बताया गया कि पटना में 13 जुलाई को विधानसभा मार्च के दौरान भाजपा नेताओं पर हुए लाठीचार्ज मामले में कोर्ट में परिवाद दाखिल किए गए। केस दर्ज करने वालों में भाजपा सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल व महिला मोर्चा अध्यक्ष लाजवंती झा समेत 12 लोग शामिल थे। पूरी खबर यहां पढ़ें।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए वायरल वीडियो के कई कीफ्रेम्स निकाल कर गूगल लेंस से सर्च करना शुरू किया। हमें जनसत्तता की वेबसाइट पर एक खबर मिली। इसमें इस्तेमाल की गई पहली तस्वीर में दिख रहे शख्स और गली, वायरल वीडियो में भी नजर आए। यह कोलाज नीचे देखा जा सकता है। खबर में बताया गया कि पटना में पुलिस ने भाजपा नेताओं पर लाठीचार्ज किया था।
लाठीचार्ज से मिलता-जुलता वीडियो हमें भाजपा नेता सुनील यादव के ट्विटर हैंडल पर भी मिला। इसे 13 जुलाई को अपलोड करते हुए बताया गया कि पटना में बीजेपी कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे थे पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
विश्वास न्यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, पटना यूनिट के इनपुट हेड अमित आलोक से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि वायरल वीडियो पटना का ही है। कुछ दिनों पहले यहां लाठीचार्ज हुआ था। वीडियो उसी दौरान का है।
पड़ताल के अंत में भ्रामक पोस्ट करने वाले यूजर की जांच की गई। फेसबुक यूजर अजित देओल पंजाब के लुधियाना के रहने वाले हैं। यूजर को सात हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। बिहार की राजधानी पटना में हुए लाठीचार्ज के वीडियो को मेवात से जोड़ते हुए वायरल किया जा रहा है।
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