विश्वास न्यूज की जांच में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। 2007से ही मालगाडियों के प्रचालन में निजी कंपनियां हिस्सा ले रही हैं।
नई दिल्ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया में मालगाड़ी के कुछ डिब्बों की तस्वीरों को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि केंद्र की भाजपा सरकार ने भारतीय रेल को अडानी को बेच दिया।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। हमें पता चला कि 2007 से ही मालगाडियों के परिचालन में प्राइवेट कंपनियां हिस्सा ले रही हैं। इसलिए हमारी जांच में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई।
फेसबुक पेज ‘I am with Priyanka Gandhi’ पर 19 दिसंबर को दो तस्वीरों को अपलोड करते हुए लिखा गया : ‘कांग्रेस सरकार में ट्रेनों पर भारतीय रेल लिखा होता था,
भाजपा सरकार में अड़ानी रेल लिखा होता है।’
पोस्ट में इस्तेमाल की गईं तस्वीरों में मालगाडी के रैक पर अडानी लिखा हुआ नजर आ रहा है। वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देख सकते हैं।
पड़ताल की शुरुआत हमने यूट्यूब से की। अडानी रेल जैसे कीवर्ड के माध्यम से हमें यूट्यूब पर कई वीडियो ऐसे मिले, जहां मालगाड़ी के डिब्बों पर अडानी लिखा हुआ नजर आया।
एमजी रेल नाम के एक यूट्यूब चैनल ने 5 मार्च 2019 को एक ऐसी ही मालगाड़ी का वीडियो अपलोड किया। यहां भी डिब्बों के ऊपर अडानी लिखा हुआ है।
टाइम लाइन टूल के माध्यम से हमें कई पुराने वीडियो मिले। सबसे पुराना वीडियो हमें पांच जनवरी 2013 का मिला। इसमें दिख रही मालगाड़ी के ऊपर भी अडानी लिखा हुआ नजर आया। यूट्यूब डेटाव्यूअर की मदद से हमने वीडियो का अपलोड टाइम निकाला।
पूरा वीडियो आप यहां देख सकते हैं।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल सर्च का सहारा लिया। सर्च के दौरान हमें पांच जनवरी 2007 की एक खबर मिली। इकोनॉमिक टाइम्स की इस खबर के अनुसार, कंटेनर ट्रेन चलाने के लिए भारतीय रेलवे द्वारा पहली बार निजी कंपनियों के लिए दरवाजा खोला गया। उस वक्त रेलवे मिनिस्टर लालू प्रसाद यादव थे। केंद्र में यूपीए की सरकार की थी। अडानी लॉजिस्टिक भी इन कंपनियों में शामिल थी। पूरी खबर आप यहां पढ़ सकते हैं।
सर्च के दौरान हमें 2007 की इकोनॉमिक टाइम्स की एक और खबर मिली। इसमें बताया गया कि अगस्त 2007 में अडानी की कंपनी जल्दी कंटेनर ट्रेन शुरू कर सकती है। पूरी खबर आप यहां पढ़ सकते हैं।
पड़ताल की तह में जाने के लिए विश्वास न्यूज ने भारतीय रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी से संपर्क किया। उन्होंने वायरल पोस्ट को फेक बताते हुए कहा कि निजी कंपनियों के अपने रैक होते हैं। यह कहना गलत है कि भारतीय रेल अडानी रेल हो गई है।
पड़ताल के अंत में हमने फेसबुक पेज I am with Priyanka Gandhi की सोशल स्कैनिंग की। हमें पता चला कि इस पेज को चार लाख से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। पेज को अगस्त 2017 में बनाया गया।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की जांच में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। 2007से ही मालगाडियों के प्रचालन में निजी कंपनियां हिस्सा ले रही हैं।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।