Fact Check : किसान आंदोलन की चर्चित तस्‍वीर के साथ छेड़छाड़ करके किया जा रहा है वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। लाठीचार्ज की तस्‍वीर में एडिट करके अलग से पोस्‍टर जोड़ा गया है।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया में एक तस्‍वीर वायरल हो रही है। इसमें एक सिख किसान पर लाठी उठाते हुए पुलिसकर्मी को देखा जा सकता है। किसान के ठीक पीछे एक पोस्‍टर देखा जा सकता है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्‍वीर और ‘बहुत हुआ किसान पर अत्‍याचार, अबकी बार मोदी सरकार’ लिखा हुआ देखा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की पड़ताल की। हमें पता चला कि किसान आंदोलन की ओरिजनल तस्‍वीर से छेड़छाड़ करके नरेंद्र मोदी का पोस्‍टर अलग से चिपकाया गया है। ओरिजनल तस्‍वीर लाठीचार्ज की है। इसमें कोई पोस्‍टर नहीं था। पड़ताल में वायरल पोस्‍ट झूठी साबित हुई। तस्‍वीर को एडिट करके वायरल किया जा रहा है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर अजहर सिद्दीकी ने 3 दिसंबर को एक फोटो को अपलोड करते हुए लिखा : ‘पीछे तो देखो. बहुत हुआ किसान पर अत्याचार. अबकी बार मोदी सरकार. वाह र दोगली सरकार. #farmersprotestchallenge’

फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल हो रही तस्‍वीर को रिवर्स इमेज टूल के माध्‍यम से सर्च करना शुरू किया। ओरिजनल इमेज हमें कई न्‍यूज वेबसाइट पर मिली। ओरिजनल तस्‍वीर में कहीं भी नरेंद्र मोदी का पोस्‍टर नहीं था। बीबीसी की वेबसाइट पर मौजूद इस तस्‍वीर को लेकर बताया गया कि इसे पीटीआई के फोटोजर्नलिस्‍ट रवि चौधरी ने क्लिक की थी। रवि की यह फोटो किसान आंदोलन की सबसे चर्चित तस्‍वीरों में से एक है। यह तस्‍वीर यहां देखी जा सकती है।

रवि चौधरी के सोशल मीडिया अकाउंट पर भी हमें यह तस्‍वीर मिली। विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल की गहराई में जाने के लिए पीटीआई के फोटो जर्नलिस्‍ट रवि चौधरी से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि वायरल तस्‍वीर सिंघु बॉर्डर की है। वहां ऐसा कोई पोस्‍टर नहीं लगा था, जैसा कि तस्‍वीर में दिख रहा है।

पड़ताल के अगले चरण में हमने अजहर सिद्दीकी के अकाउंट की सोशल स्‍कैनिंग की। इसी अकाउंट पर फर्जी पोस्‍ट अपलोड की गई थी। हमें पता चला कि इसके अकाउंट को 531 लोग फॉलो करते हैं। पोस्‍ट में हमें वायरल कंटेंट ज्‍यादा मिला।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। लाठीचार्ज की तस्‍वीर में एडिट करके अलग से पोस्‍टर जोड़ा गया है।

False
Symbols that define nature of fake news
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