विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुए। गुलनाज़ के इंसाफ के लिए कैंडल मार्च नाम से वायरल तस्वीर दो साल पुरानी है।
नई दिल्ली (Vishvas News)। बिहार के गुलनाज हत्याकांड के बाद से सोशल मीडिया में एक तस्वीर वायरल हो रही है। इसमें तेजस्वी यादव को कैंडल मार्च निकालते हुए देखा जा सकता है। इस तस्वीर को लेकर यूजर्स कह रहे हैं, गुलनाज को इंसाफ दिलवाने के लिए तेजस्वी यादव कैंडल मार्च के साथ सड़क पर उतर गए हैं।
विश्वास न्यूज़ ने वायरल दावे की जांच की। पड़ताल में पता चला कि दावा झूठा है। तेजस्वी यादव की एक पुरानी तस्वीर को गुलनाज के लिए निकाला गया कैंडल मार्च बता के वायरल किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर युवाराजद बड़हरिया ने 16 नवंबर को एक फोटो अपलोड करते हुए लिखा : ‘बिहार की बेटी गुलनाज़ के इंसाफ के लिए Tejashwi Yadav कैंडल मार्च के साथ सड़क पर उतर गए हैं। देखते हैं अपराधी कब तक फांसी पर लटकते हैं।’
फेसबुक के अलावा ये तस्वीर फर्जी दावों के साथ कई दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल है। फेसबुक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखें।
विश्वास न्यूज़ ने सबसे पहले वायरल तस्वीर को ध्यान से देखा। इसमें एक भी व्यक्ति मास्क पहने हुए नज़र नहीं आया, जबकि कोरोना के वक्त ऐसा संभव नहीं है। इसके बाद इस तस्वीर को हमने गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च किया। इससे संबंधित कई तस्वीरें हमें अलग-अलग जगह मिली।
ABP Live की वेबसाइट पर भी हमें एक न्यूज़ मिली। इसमें बताया गया कि पटना के बड़े कारोबारी गुंजन खेमका की हत्या के विरोध में व्यावसायियों के कैंडल मार्च में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी शामिल हुए। पटना के जेपी गोलंबर से डाकबंगला चौराहे तक हुए शांतिपूर्ण कैंडल मार्च में राज्यभर से बड़ी संख्या में व्यावसायी शरीक हुए। यह खबर 24 दिसंबर 2018 को पब्लिश की गई। पूरी खबर आप यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं।
सर्च के दौरान हमें तेजस्वी यादव के ट्विटर हैंडल पर कुछ पुरानी तस्वीरे मिलीं। 24 दिसंबर 2018 को किए गये इस ट्वीट में लिखा गया : ‘व्यवसायी गुंजन खेमका की हत्या और बिहार में बढ़ते अपराध के विरोध में आज शाम पटना में विभिन्न सामाजिक, व्यावसायिक और औधोगिक संगठनों द्वारा आयोजित कैंडल मार्च में भाग लेकर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया। कैंडल मार्च पटना के जेपी गोलंबर से डाकबंगला चौराहे तक निकाला गया।’
पड़ताल के अगले चरण में हमने बिहार के जागरण डॉट कॉम के प्रभारी अमित आलोक से संपर्क किया। उन्होंने वायरल तस्वीर को लेकर बताया कि 2018 में पटना के बड़े कारोबारी गुंजन खेमका की हत्या के विरोध में व्यावसायियों ने एक कैंडल मार्च निकाला था। उसमें तेजस्वी यादव भी शामिल हुए थे। तस्वीर उसी दौरान की है।
अंत में हमने फेसबुक यूजर युवाराजद बड़हरिया के अकाउंट की जांच की। हमें पता चला की ये पेज सिवान से ऑपरेट होता है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुए। गुलनाज़ के इंसाफ के लिए कैंडल मार्च नाम से वायरल तस्वीर दो साल पुरानी है।
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