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Fact Check: कर्नाटक की तस्‍वीर को प्रयागराज के नाग वासुकी मंदिर की मूर्ति बताकर किया जा रहा है शेयर

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच में वायरल दावे को फर्जी पाया। वायरल तस्वीर प्रयागराज के नाग वासुकी मंदिर की नहीं है, बल्कि कर्नाटक के उत्सव रॉक गार्डन में एक आर्टिस्टिक बनियान ट्री की है।

नई दिल्‍ली (विश्वास न्यूज़ )। सोशल मीडिया में एक तस्‍वीर वायरल हो रही है। तस्वीर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यह तस्‍वीर प्रयाग के नाग वासुकी मंदिर की है और यह मूर्ति एक ही पत्थर को काटकर बनाई गई है। पोस्‍ट को सच मानकर इसे तेज़ी से वायरल किया जा रहा है। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की विस्तार से जांच की और इसे फर्जी पाया। वायरल तस्वीर प्रयागराज के नाग वासुकी मंदिर की नहीं है, बल्कि कर्नाटक के उत्सव रॉक गार्डन के एक आर्टिस्टिक बनियान ट्री की है, जिसे गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर “Bkraj ” ने 7 जून को इस तस्वीर को शेयर किया है और लिखा है ,”यह मूर्ति एक ही पत्थर को काटकर,  बनाई गई है,कैसे बनाई ! यह भगवान जाने, या बनाने वाला…नाग-वासुकि मन्दिर, प्रयागराज क्या लग रहा है बरगद का पेड़ ??? जी नही ये नक्कशी पत्थर पर की गयी है। सनातन धर्म में ऐसी ऐसी बेजोड़ चीजें है जिन्हें देखकर वैज्ञानिक आज भी अपना विस्मित हैँ, मगर समझ नही पाते कि ये कैसे बना होगा! वो अद्भुत कारीगर कैसे दिखते होंगे, उन्हें वो कमाल का कौशल किनसे मिला होगा!!और हम हैं कि ताजमहल को देख कर पागल हुए जा रहे हैं। प्रचार करें अपने सनातन के अविश्वसनीय मंदिरो का।।”

कई यूज़र्स इस तस्वीर को मिलते-जुलते दावों के साथ वायरल कर रहे हैं। वायरल पोस्‍ट का आकाईव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्वास न्यूज़ ने पड़ताल की शुरुआत गूगल रिवर्स इमेज सर्च से की। हमने वायरल तस्‍वीर को गूगल रिवर्स इमेज में अपलोड किया। हमें ये तस्वीर कई जगह मिली। where-is-this.com की वेबसाइट पर मिली। तस्वीर के कैप्‍शन में बताया गया, ” तस्‍वीर कर्नाटक के उत्‍सव रॉक गार्डन की है।” असल तस्वीर को यहाँ देखा जा सकता है।

utsavrock.com की वेबसाइट पर भी वायरल तस्वीर से मिलती-जुलती तस्वीर को देखा जा सकता है। वेबसाइट पर दिए गए डिस्क्रिप्शन के अनुसार, ‘द ग्रेट बरगद का पेड़’ कर्नाटक के तीन महान कलाकारों – Dr M. V. Minajigi, Shri D. V. Halabhavi और Shri T. P. Akki. को एक स्मारकीय श्रद्धांजलि है। आजादी से पहले इन कलाकारों ने कला शिक्षकों और कलाकारों को विकसित करने के लिए ललित कला महाविद्यालयों की स्थापना की। कलाकार ने प्रकृति मां को पेड़ की शाखाओं और जड़ों के पीछे छिपे अपने बच्चों के साथ प्रस्तुत किया है। पेड़ में कई जीव होते हैं। जैसे- पक्षी, सांप और बंदर जो सभी प्रकृति में खुश हैं। यहां बरगद के पेड़ की जड़ों की तुलना ज्ञान से की गई है। बरगद के पेड़ की शाखाओं और जड़ों की तरह, कला भी पृथ्वी पर फैलती है और यह परिवेश में खुशी पैदा करती है।”

वायरल तस्वीर हमें “kannadatimes.com “पर भी मिली। इस वेबसाइट पर वायरल फोटो के साथ-साथ कर्नाटक के उत्‍सव रॉक गार्डन की और भी कई सारी तस्वीरें है। यहाँ भी इसे कर्नाटक के उत्‍सव रॉक गार्डन का बताया गया है।

हमने गूगल पर प्रयागराज के नाग वासुकी मंदिर के बारे में सर्च किया। हमें इस तस्वीर से जुडी कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई।

वायरल तस्वीर का सच जानने के लिए हमने सचिव प्रयागराज सेवा समिति तीर्थराज पांडेय से सम्पर्क किया। उन्होंने हमें बताया, ‘प्रयागराज के दारागंज मोहल्ले में नागवासुकी का प्राचीन मंदिर है, लेकिन उसमें ऐसी मूर्ति नहीं है। उसमें सिर्फ वासुकी नाग की एक मूर्ति है। इंटरनेट मीडिया में वायरल ये चित्र प्रयागराज के नागवासुकी मंदिर का नहीं है। ये कहीं और का चित्र है। “

एक बार पहले भी ये तस्वीर मिलते-जुलते दावे के साथ वायरल हुई थी, जिसकी जाँच विश्वास न्यूज़ ने की थी। आप हमारी पहले की पड़ताल को यहाँ पढ़ सकते हैं।

अंत में हमने फर्जी पोस्‍ट करने वाली यूजर की जांच की। यूजर की फेसबुक प्रोफाइल से हमें पता चला कि यूजर को 298 का फॉलो करते हैं। इस पेज को 19, नवंबर 2019 को बनाया गया था।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज ने जांच में वायरल दावे को फर्जी पाया। वायरल तस्वीर प्रयागराज के नाग वासुकी मंदिर की नहीं है, बल्कि कर्नाटक के उत्सव रॉक गार्डन में एक आर्टिस्टिक बनियान ट्री की है।

  • Claim Review : नाग वासुकी मंदिर की तस्‍वीर
  • Claimed By : Bkraj
  • Fact Check : झूठ
झूठ
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