विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। वायरल तस्वीार का जाट आरक्षण आंदोलन में शहीद हुए सुनील श्योराण से कोई संबंध नहीं है। वायरल फोटो फिलिस्तीन की एक मूवी से लिया गया स्क्रीनशॉट है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज): सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें एक बच्चे को सीने में गोली लगी हुई देखा जा सकता है। वायरल पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान शहीद हुए युवा सुनील श्योराण की है, जिन्हें आंदोलन के दौरान 13 सितंबर 2010 को पुलिस की गोली लगी थी। विश्वास न्यूज़ ने विस्तार से इस पोस्ट की जाँच की और पाया कि यह दावा गलत है। यह फोटो 2010 में शहीद हुए सुनील श्योराण की नहीं, बल्कि फिलिस्तीन की एक फिल्म “Mamlakat al-Naml (The Kingdom of Ants)” की है, जिसे गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
क्या हो रहा है वायरल ?
फेसबुक पेज “ढांडा खाप” ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा है ” दसवी में पढ़ने वालें सुनील श्योराण जिसने आज के दिन 13 सितम्बर को जाट आरक्षण आंदोलन में जाट कौम के लिए अपना बलिदान दिया था। भाई को नम आँखो से नमन🙏 Bjp मुरादाबाद”
पोस्ट और उसके आर्काइव वर्जन को यहां देखें।
सोशल मीडिया पर अन्य यूजर ने भी इस पोस्ट को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
पड़ताल
विश्वास न्यूज़ ने वायरल पोस्ट का सच जानने के लिए यान्डेक्स टूल का इस्तेमाल किया। वायरल फोटो के स्क्रीनशॉट को यान्डेक्स टूल में डाला और इसके बहुत सारे परिणाम हमारे सामने आये। شوقي الماجري नाम के यूट्यूब चैनल पर 27 नवंबर 2015 को एक वीडियो अपलोड मिली। वीडियो को अपलोड कर लिखा गया था “KINGDOM OF ANTS فيلم مملكه النمل ـ ” वीडियो में 3 मिनट 38 सेकंड से लेकर 3 मिनट 40 सेकंड तक वायरल पोस्ट को देखा जा सकता है। पूरी वीडियो यहाँ देखें।
यहाँ से हमने अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए कुछ कीवर्ड से यूट्यूब पर और सर्च किया तो हमें
الشباب العربي नाम के यूट्यूब चैनल पर 10 अप्रैल 2016 को अपलोड इस मूवी के 1:15 :04 से लेकर 1:15 :46 तक वायरल हो रही पोस्ट की फोटो को देख सकते हैं। वीडियो को यहाँ देखा जा सकता है।
हमारी अब तक की जांच में यह साबित हो गया कि वायरल तस्वीयर Mamlakat al-Naml (The Kingdom of Ants)’ मूवी का सीन है, जिसे Chawk Mejri ने डायरेक्ट किया था। अब हमें यह जानना था कि सोशल मीडिया में जिस शहीद सुनील श्योराण के नाम से यह तस्वीर फैलाई जा रही है, वह कौन हैं? इसके लिए हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड से खोज की तो हमें हिसार के मायड़ आंदोलन में मारे गए सुनील श्योराण की असल फोटो मिली। Action India नाम के यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो 14 सितम्बर 2018 को अपलोड मिला। वीडियो के साथ लिखा गया था- “गोहाना में अखिल भारीतय जाट संघर्ष समिति ने लाठ गांव में सुनील श्योराण की मौत को शहादत के रूप में मनाया। 13 सितम्बर 2010 को हिसार के मायड़ में आंदोलन के दौरान मारे गए सुनील श्योराण, वीडियो में शहीद सुनील श्योराण की असल तस्वीर देखी जा सकती है।
और सर्च करने पर हमें Jat cmpny नाम के फेसबुक पेज पर 13 सितम्बर 2020 को शेयर किया गए पोस्ट में सुनील श्योराण की वही तस्वीर मिली। फोटो को शेयर कर लिखा गया था, “13 सितम्बर 2010 को सुनिल श्योराण ने जाट आरक्षण आंदोलन में पहली शहादत दी थी। इसलिए इस दिन को हम जाट शहादत दिवस के रूप में मनाते हैं आज 13 सितंबर है इसलिए हम जाट सुनिल श्योराण को शत-शत नमन करते हैं विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं । जय हिन्द,जय जाट”
हमारी जाँच में यह साफ़ हो गया कि वायरल फोटो शहीद सुनील श्योराण की नहीं है, बल्कि एक मूवी का सीन है।
अधिक जानकारी के लिए विश्वास न्यूज़ ने हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के हिसार रिपोर्टर मनोज कौशिक के साथ संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल हो रही फोटो सुनील श्योराण की नहीं है। फेक फोटो है। यह पोस्ट पहले भी वायरल हुई थी। उन्होंने हमें बताया कि हिसार के लाडवा गांव का सुनील श्योराण 13 सितंबर 2010 को जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान मय्यड़ गांव में पुलिस की गोली का शिकार हो गया था। फोटो में दिख रहा लड़का सुनील श्योराण नहीं है।
पड़ताल के अंत में हमने उस पेज की जांच की, जिसने इस पोस्ट को फेसबुक पर शेयर किया है। हमें पता चला इस फेसबुक पेज को 7.2K लोग फॉलो करते हैं। इस पेज को 28 दिसंबर 2020 को बनाया था।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। वायरल तस्वीार का जाट आरक्षण आंदोलन में शहीद हुए सुनील श्योराण से कोई संबंध नहीं है। वायरल फोटो फिलिस्तीन की एक मूवी से लिया गया स्क्रीनशॉट है।
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