Fact Check: पश्चिम बंगाल की पुरानी तस्‍वीर को अब किसान रैली का बताकर किया जा रहा है वायरल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। हमें पता चला कि यह पश्चिम बंगाल में हुए एक पुराने प्रदर्शन की तस्‍वीर है, जिसे अब कुछ लोग किसान आंदोलन के समर्थन में हुई रैली का बताकर वायरल कर रहे हैं। हमारी जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया में एक रैली की तस्वीर को इस दावे के साथ वायरल किया जा रहा है कि यह हाल में पश्चिम बंगाल में किसान आंदोलन के समर्थन में हुई रैली की है। तस्वीर में एक बड़ी भीड़ को देखा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। हमें पता चला कि यह पश्चिम बंगाल में हुए एक पुराने प्रदर्शन की तस्‍वीर है, जिसे अब कुछ लोग किसान आंदोलन के समर्थन में हुई रैली का बताकर वायरल कर रहे हैं। हमारी जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक पर यूजर्स एक तस्‍वीर को वायरल करते हुए दावा कर रहे हैं कि यह किसान आंदोलन के समर्थन में पश्चिम बंगाल में हुई रैली की तस्वीर है। पोस्ट शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है, “#किसान #आंदोलन के #समर्थन में #बंगाल…!!”

फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे सबसे पहले रिवर्स इमेज टूल्‍स का इस्‍तेमाल किया। सर्च के दौरान हमें पश्चिम बंगाल CPI(M) के वेरिफाइड हैंडल पर 11 दिसंबर 2019 का एक ट्वीट मिला, जिसमें ये तस्वीर थी। ट्वीट में कहा गया था कि यह रैली कोलकाता के रानी रश्मोनी रोड पर निजीकरण, श्रमिक विरोधी नीतियां, नागरिकता कानून के विभाजनकारी एजेंडे और बड़े पैमाने पर मजदूरों की छंटनी के खिलाफ आयोजित की गयी थी।



हमें यह तस्वीर एक बंगाली वेबसाइट satdin.in की एक खबर में भी मिली, जिसे 12 दिसंबर 2019 को पब्लिश किया गया था।

हालांकि, ढूंढ़ने पर हमें पता चला कि दिसंबर 16 को कोलकाता में किसान आंदोलन के समर्थन में हजारों किसानों ने एक रैली ज़रूर निकाली थी। हमें इस रैली को लेकर एक खबर newindianexpress.com पर भी मिली। खबर के अनुसार “कई वाम दलों के किसान विंग के सदस्यों ने बुधवार को कोलकाता की सड़कों पर मार्च निकाला और मांग की कि केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार यह सुनिश्चित करें कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले।”

हमें 16 दिसम्बर को हुई इस रैली की कुछ तस्वीरें न्यूज़ क्लिक की एक खबर में मिली।

पड़ताल के अगले चरण में हमने दैनिक जागरण के वेस्‍ट बंगाल के ब्‍यूरो चीफ जेके वाजपेयी से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि यह तस्वीर हालिया रैली की नहीं, बल्कि पुरानी है।

इस पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर Sanjay Nigam मध्य प्रदेश के रीवा के रहने वाले हैं और उनके फेसबुक पर 472 फ़ॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। हमें पता चला कि यह पश्चिम बंगाल में हुए एक पुराने प्रदर्शन की तस्‍वीर है, जिसे अब कुछ लोग किसान आंदोलन के समर्थन में हुई रैली का बताकर वायरल कर रहे हैं। हमारी जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई।

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