Fact Check : स्‍वर्ण मंदिर के नाम पर वायरल हो रहा मैसेज फर्जी है

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। गोल्‍डन टेंपल की ओर से ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। सोशल मीडिया में एक पोस्‍ट वायरल हो रही है। इसमें दावा किया जा रहा है पूरे पंजाब में ऑक्‍सीजन, दवाइयां और वेंटिलेटर के खर्च को स्‍वर्ण मंदिर वहन करेगी। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की तो यह पोस्‍ट फर्जी निकली।

स्‍वर्ण मंदिर के रखरखाव की जिम्‍मेदारी संभालने वाली संस्‍था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पंजाब कई जगह कोविड सेंटर चला रही है, लेकिन वायरल दावा झूठ है। इससे पहले भी पीपीई किट के नाम पर एक ऐसी ही पोस्‍ट वायरल हो चुकी है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर परमजीत ढिल्‍लन ने 8 मई को एक पोस्‍ट को अपलोड करते हुए लिखा : This is called service to humanity. Hope other religious trust across india.

अपलोड पोस्‍ट में अंग्रेजी में लिखा गया : Amritsar Golden temple has announced that the entire expense of oxygen, medicines and ventilators in whole of Punjab will be borne by the golden temple.

वायरल पोस्‍ट को शोभा डे ने भी अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया।

वायरल पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल पोस्‍ट के आधार पर गूगल में ओपन सर्च करना शुरू किया। सर्च में हमें एक भी ऐसी खबर नहीं मिली, जो वायरल पोस्‍ट की सच्‍चाई पर मुहर लगाती हो। पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट का स्‍कैन किया। इनके ट्विटर हैंडल पर हमें एक ट्वीट मिला। इसमें शोभा डे के एक ट्वीट पर जवाब देते हुए कमेटी ने बताया कि सोशल मीडिया में फेक मैसेज वायरल हो रहा है। ऐसी कोई भी घोषणा श्री हरमंदिर साहिब, या कमेटी की ओर से नहीं की गई।

जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने पंजाबी जागरण के अमृतसर इंचार्ज अमृतपाल सिंह से संपर्क किया। उन्‍होंने विश्‍वास न्‍यूज को बताया कि स्‍वर्ण मंदिर के दवारा पूरे पंजाब के लिए ऑक्‍सीजन, दवाइयां और वेंटिलेटर के खर्च वहन करने का दावा करने वाली पोस्‍ट फर्जी है। हालांकि, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से पंजाब के अलग-अलग शहरों में कोविड सेंटर बनाए गए हैं।

जांच के अगले चरण में विश्‍वास न्‍यूज शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से उनके आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए संपर्क किया। हमें जानकारी दी गई है कि वायरल मैसेज फेक है।

23 अप्रैल 2021 को विश्‍वास न्‍यूज ने इससे मिलती-जुलती एक पोस्‍ट की पंजाबी में जांच की थी। इसमें पीपीई किट और वेंटिलेटर के खर्च को वहन करने की बात कही गई थी। यह फैक्‍ट चेक आप यहां पढ़ सकते हैं।

अब बारी थी फर्जी पोस्‍ट को अपलोड करने वाले यूजर की जांच करने की। हमें सोशल स्‍कैनिंग से पता चला कि फेसबुक यूजर परमजीत ढिल्‍लन के इस अकाउंट को दिसंबर 2017 में बनाया गया था। इससे ज्‍यादा जानकारी हमें इस अकाउंट पर नहीं मिल पाई।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। गोल्‍डन टेंपल की ओर से ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है।

False
Symbols that define nature of fake news
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