हमारी पड़ताल में यह पोस्ट फर्जी साबित हुई। तस्वीर में दिख रहे घायल व्यक्ति कैप्टन पीपीएस ढिल्लो नहीं हैं। विश्वास न्यूज़ से बात करते हुए कैप्टन पीपीएस ढिल्लो के बेटे ने कन्फर्म किया कि वायरल तस्वीर में दिख रहे घायल व्यक्ति उनके पिता नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उनके पिता किसान आंदोलन में हिस्सा लेने दिल्ली आये ही नहीं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। किसानों के दिल्ली प्रदर्शन को लेकर सोशल मीडिया पर कई फर्जी और भ्रामक खबरें वायरल हो रही हैं। ऐसी ही एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें 2 बुज़ुर्ग सिख व्यक्तियों की तस्वीरों के कोलाज को देखा जा सकता है। पहली तस्वीर में बैठे व्यक्ति ने भारतीय सेना की वर्दी पहनी है और दूसरी तस्वीर में बैठा व्यक्ति घायल है और उनकी आँख पर पट्टी बंधी है। पोस्ट को शेयर करके दावा किया जा रहा है कि दोनों तस्वीर में दिख रहे व्यक्ति कैप्टन पीपीएस ढिल्लो हैं, जो किसान आंदोलन के दौरान घायल हो गए।
विश्वास टीम ने वायरल पोस्ट की जांच की। हमारी पड़ताल में यह पोस्ट फर्जी साबित हुई। तस्वीर में दिख रहे घायल व्यक्ति कैप्टन पीपीएस ढिल्लो नहीं हैं। विश्वास न्यूज़ से बात करते हुए कैप्टन पीपीएस ढिल्लो के बेटे ने कन्फर्म किया कि वायरल तस्वीर में दिख रहे घायल व्यक्ति उनके पिता नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उनके पिता किसान आंदोलन में हिस्सा लेने दिल्ली आये ही नहीं।
क्या हो रहा है वायरल?
फेसबुक पेज क्रांतिकारी भगतसिंह मोर्चा ने 30 नवंबर को इस कोलाज को अपलोड करते हुए लिखा: “दोनों तस्वीरें एक ही इंसान की है: पूर्व सैनिक डी पी एस ढिल्लों साहेब हैं ये – सीमा के भी रक्षक थे और रिटायर होने के बाद किसानों के साथ किसान होकर हक़ के लिए सड़क पर उतरने वाले किसान समर्थक भी है, ऐसे सच्चे देशभक्तों को भी कुछ लोग खालिस्तानी बता रहे हैं….हमारा कहना है मानहानि के मुकदमे दर्ज किए जाने चाहिए किसान समर्थकों को खालिस्तानी बोलने वाले प्रत्येक व्यक्ति के ऊपर चाहे वह किसी भी राजनैतिक दल का राजनेता या कार्यकर्ता हो लेकिन वह इस देश का भला नहीं कर सकता वह केवल देशद्रोही गद्दार और जयचंद ही कहलाने के योग्य हैं.. जय जवान जय किसान.. मजदूर एक्ता जिंदाबाद..सैनिक एक्ता जिंदाबाद..नारी शक्ति जिंदाबाद..#जयहिन्द 🇮🇳 हमारे पूरे सिख समुदाय और सभी देशवासियों को गुरु पर्व की बहुत-बहुत बधाई ✌️ हमारा संकल्प स्वच्छ सुंदर सुरक्षित भारत.
हमारा संकल्प बलात्कार मुक्त भारत. #RespectChallenge #JusticeForJawan #JusticeForKisan #JusticeForFarmers #FarmersProtest #SaveFarmers #SupportFarmers #standwithfarmerschallenge”
इस फेसबुक पोस्ट के आर्काइव्ड लिंक को यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल शुरू करने के लिए सबसे पहले तस्वीर को गौर से देखा। दिखने में ही दोनों व्यक्ति अलग-अलग लग रहे हैं। दोनों के नाक-नक्श काफी अलग हैं।
इसके बाद विश्वास न्यूज ने इस कोलाज की पहली तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। हमें Sikh Military History Forum नाम के एक फेसबुक पेज पर 29 नवंबर को यह तस्वीर अपलोडेड मिली। Sukhwinder Singh Sarpanch Uboke नाम के एक फेसबुक यूजर ने इस पेज पर इस तस्वीर को अपलोड करते हुए लिखा था “Today is my father’s birthday Hon. Captain pirthipal Singh Dhillon Retired in 1993, 17 sikh regiment He is the one of those soldiers who fought the battles of 1965,1971 and 1989-90(sri lanka) God bless you dad” जिसका हिंदी अनुवाद होता है “आज मेरे पिता जी का जन्मदिन है माननीय। कप्तान पृथिपाल सिंह ढिल्लो 1993 में सेवानिवृत्त, 17 सिख रेजिमेंट। वह उन सैनिकों में से एक हैं जिन्होंने 1965,1971 और 1989-90 (श्रीलंका) की लड़ाई लड़ी थी। भगवान आपको आशीर्वाद दें”
अब हमने कोलाज की दूसरी तस्वीर को खोजा। Ramandeep Singh Mann @ramanmann1974 नाम के ट्विटर यूजर ने इस तस्वीर को Nov 29 को अपने ट्विटर पर शेयर करते हुए दावा किया था कि यह किसान आंदोलन में हिस्सा ले रहे एक की तस्वीर है।
हमें तस्वीर में दिख रहे घायल सिख का एक वीडियो भी ट्विटर पर मिला, जिसे AMIT KUMAR @AMITKUM930 नाम के ट्विटर हैंडल ने 29 नवंबर को ट्वीट किया था। इस वीडियो में ये बता रहे हैं कि उन्हें संगली (चेन) से मारा गया, जिसमें वे घायल हो गए।
कहीं भी घायल व्यक्ति का नाम या पहचान नहीं बताई गयी है। हम वायरल तस्वीर में दिख रहे घायल व्यक्ति की पहचान को स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं कर सकते।
हमने पुष्टि के लिए कप्तान पृथिपाल सिंह ढिल्लो के बेटे सुखविंदर सिंह से संपर्क साधा। हमसे फ़ोन पर बात करते हुए उन्होंने कहा “वायरल तस्वीर में सेना की वर्दी पहने मेरे पिताजी की तस्वीर है, जिसे मैंने 29 नवंबर को उनकी सालगिरह के दिन खींचा था। मेरे पिताजी सेवानिवृत हैं और मैं गांव का सरपंच हूँ। मेरे पिताजी विरोध करने के लिए दिल्ली नहीं गए और नाहीं घायल हुए। दूसरी तस्वीर मेरे पिताजी की नहीं है। वे एकदम भले-चंगे हैं।” सुखविंदर सिंह ने हमारे साथ अपने पिताजी की हालिया तस्वीरें भी साझा की, जिन्हें नीचे देखा जा सकता है।
इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर कई यूज़र गलत दावे के साथ वायरल कर रहे हैं और इन्हीं में से एक है, ‘क्रांतिकारी भगतसिंह मोर्चा’ नाम का फेसबुक पेज। इस पेज के 114 फ़ॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में यह पोस्ट फर्जी साबित हुई। तस्वीर में दिख रहे घायल व्यक्ति कैप्टन पीपीएस ढिल्लो नहीं हैं। विश्वास न्यूज़ से बात करते हुए कैप्टन पीपीएस ढिल्लो के बेटे ने कन्फर्म किया कि वायरल तस्वीर में दिख रहे घायल व्यक्ति उनके पिता नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उनके पिता किसान आंदोलन में हिस्सा लेने दिल्ली आये ही नहीं।
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