Fact Check: पंजाब में नागा साधु के साथ हुई मारपीट की घटना को आम आदमी पार्टी से जोड़कर गलत संदर्भ में किया जा रहा शेयर

विश्वास न्यूज ने वीडियो की जांच की और पाया कि वायरल दावा गलत है। वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2014 का है। जिसे अब गलत तरीके से सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक एक साधु के साथ मारपीट करने का वीडियो इन दिनों तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियों में कुछ सिख एक नागा साधु को पीटते हुए देखा नजर आ रहे हैं। इस वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी के चुनाव जीतने के बाद साधु-संतों के ऊपर हमला होना शुरू हो गया है। तो वहीं कई यूजर्स इस वीडियो को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि आप के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने चुनाव जीतने के बाद साधु-संतों को पीटना शुरू कर दिया है। विश्वास न्यूज ने वीडियो की जांच की और पाया वायरल दावा गलत है। वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2014 का है। जिसे अब गलत तरीके से सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर Manoj Sarda ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, “Horror started on Hindus Sadhu by the supporters of Jihadi AAP & Khalistan.Whom you vote is very important”…

{हिंदी अनुवाद – आप समर्थक ने हिंदूओं पर अत्याचार करना शुरू कर दिया है। इसलिए ये देखना बहुत जरूरी है कि आप किसको वोट दे रहे हैं।} पोस्ट के आकाईव्‍ड वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल –

वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए विश्वास न्यूज ने इनविड टूल का इस्तेमाल किया। इस टूल की मदद से हमने वीडियो के कई ग्रैब्स निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल वीडियो Whatsapp Stars नामक एक यूट्यूब चैनल पर 14 अक्टूबर 2014 को अपलोड मिला।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक न्यूज रिपोर्ट सिंह स्टेशन की वेबसाइट पर 13 जुलाई 2014 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, नागा साधु के साथ मारपीट की यह घटना पंजाब के फगवाड़ा शहर के पास हुई थी। इस मामले को संज्ञान में लेते हुए पुलिस ने तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। ब्रिटेन के अखबार डेली मेल ने भी इस घटना पर रिपोर्ट प्रकाशित की थी।


अधिक जानकारी के लिए हमने दैनिक जागरण के पंजाब के कपूरथला के ब्यूरो इंचार्ज अमरीक माही से संपर्क किया। हमने वायरल वीडियो को उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया वायरल दावा गलत है। वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि तकरीबन 7-8 साल पुराना है। हाल-फिलहाल में पंजाब में इस तरह की कोई घटना नहीं हुई है। पुराने वीडियो को गलत संदर्भ में शेयर किया जा रहा है।

विश्वास न्यूज ने जांच के आखिरी चरण में उस प्रोफाइल की पृष्ठभूमि की जांच की, जिसने वायरल पोस्ट को साझा किया था। हमने पाया कि यूजर को 96 लोग फॉलो करते हैं। Manoj Sarda महाराष्ट्र के अमरावती का रहने वाला है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने वीडियो की जांच की और पाया कि वायरल दावा गलत है। वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2014 का है। जिसे अब गलत तरीके से सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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