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Fact Check: यह तस्वीर मंगेतर की हत्या के मामले में सजायाफ्ता महिला की है, सोशल मीडिया पर गलत दावे से वायरल हो रही तस्वीर

कर्नाटक के बेंगलुरू में अपने मंगेतर की हत्या के मामले में दोषी करार दी गई और सजायाफ्ता महिला शुभा की तस्वीर को सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर पुलिस हिरासत में नजर आ रही एक लड़की की तस्वीर वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि इस लड़की ने उसके साथ बलात्कार करने वाले दोनों आरोपियों की हत्या कर दी। सोशल मीडिया यूजर्स इस वायरल तस्वीर को सहानुभूतिपूर्ण दावे के साथ शेयर करते हुए हिरासत में नजर आ रही लड़की को नायिका बताते हुए उसका महिमामंडन कर रहे हैं।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक निकला। वायरल तस्वीर में नजर आ रही लड़की का नाम शुभा है, जिन्हें उनके मंगेतर बी वी गिरीश की हत्या के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी और फास्ट ट्रैक कोर्ट के फैसले को कर्नाटक हाई कोर्ट ने भी बरकरार रखा था।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ‘नारी शक्ति सेना’ ने वायरल पोस्ट को (आर्काइव लिंक) शेयर करते हुए लिखा है, ”इस लड़की ने 2 लोगों की हत्या की है ….क्योंकि उन लोगों ने इनके साथ बलात्कार किया था । आपके नजर में यह गलत और सही हो सकता है… पर मेरी नजर में बिल्कुल सही किया।”

सोशल मीडिया पर भ्रामक दावे के साथ वायरल पोस्ट

कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें डेक्कन हेराल्ड की वेबसाइट पर 15 जुलाई 2010 को प्रकाशित रिपोर्ट (बेंगलुरु डेटलाइन) मिली, जिसमें इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है।

डेक्कन हेराल्ड की वेबसाइट पर 15 जुलाई 2010 को प्रकाशित रिपोर्ट

रिपोर्ट के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, तस्वीर में नजर आ रही लड़की का नाम शुभा है और उन्हें उनके ब्वॉयफ्रेंड अरुण वर्मा के साथ दो अन्य सहयोगियों को हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘दिसंबर 2003 में शुभा ने अपने ब्वॉयफ्रेंड और उसके दो दोस्तों के साथ मिलकर अपने मंगेतर गिरीश की हत्या कर दी थी।’

मामले की सुनवाई करते हुए 17वीं फास्ट ट्रैक कोर्ट जज ने शुभा समेत सभी चारों आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही शुभा को दो साल अतिरिक्त जेल की सजा और सबूतों को मिटाने के मामले में 20,000 रुपये का जुर्माना भी भरने की सजा सुनाई।

रिपोर्ट से मिली जानकारियों को की-वर्ड बनाकर सर्च करने पर हमें द हिंदू की वेबसाइट पर 12 अगस्त 2014 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली, जिसमें इस घटना की पूरी टाइमलाइन की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई है।

द हिंदू की वेबसाइट पर 2014 में प्रकाशित रिपोर्ट में इस्तेमाल किया गया इन्फोग्राफिक्स

रिपोर्ट के मुताबिक, ‘गिरीश के साथ शुभा की सगाई 30 नवंबर 2003 को हुई और तीन दिसंबर 2003 को बेंगलुरु के रिंग रोड पर गिरीश की हत्या हो गई। 25 जनवरी 2004 को पुलिस ने हत्या की साजिश रचने के मामले में शुभा को गिरफ्तार किया और 19 दिसंबर 2007 को फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू हुई। 17 मई 2010 को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने शुभा को दोषी करार दिया और 15 जुलाई 2010 को उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही सबूतों को मिटाने के मामले में शुभा को तीन साल अतिरिक्त कारावास की भी सजा सुनाई गई। 25 जुलाई 2010 को कर्नाटक हाई कोर्ट ने इस सजा को बरकरार रखते हुए शुभा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। बाद में 11 अगस्त 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में शुभा को जमानत दे दी।’

हमने इस मामले को लेकर एनडीटीवी के बेंगलुरु संवाददाता निहाल किदवई से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि वायरल तस्वीर में नजर आ रही महिला अपने मंगेतर की हत्या के मामले में दोषी करार दी गई थी। इसके अलावा इस मामले में दूसरा कोई एंगल नहीं था।

वायरल तस्वीर को शेयर करने वाले पेज का नाम नारी शक्ति सेना है और इस पेज से महिलाओं और उनके मुद्दों से संबंधित पोस्ट को साझा किया जाता है।

निष्कर्ष: कर्नाटक के बेंगलुरु में अपने मंगेतर की हत्या के मामले में दोषी करार दी गई और सजायाफ्ता महिला शुभा की तस्वीर को सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

  • Claim Review : बलात्कार करने वाले दोनों आरोपियों की हत्या के मामले में गिरफ्तार लड़की
  • Claimed By : FB User-नारी शक्ति सेना
  • Fact Check : भ्रामक
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