Fact Check : पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए बनाई गई काल्पनिक तस्वीर को लोगों ने सच समझकर कर दिया वायरल

विश्वास न्यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। लोगों को जागरूक करने के लिए यह तस्‍वीर बनाई गई थी। लेकिन लोगों ने इसे सच समझकर वायरल कर दिया।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक हाईवे की तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। फोटो में हाईवे के बीचोंबीच एक पेड़ लगा हुआ है और उसके आगे की सड़क मुडी हुई है। इस तस्वीर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि इसे बनाने वाले ठेकेदारों ने इस सड़क को इसलिए मोड़ दिया, क्योंकि वहां पर एक पेड़ लगा हुआ था और वो पेड़ को बचाना चाहते थे। विश्वास न्यूज की जांच में वायरल दावा गलत साबित हुआ। वायरल तस्वीर को एडिट कर तैयार किया गया है। पड़ताल में पता चला कि वायरल तस्‍वीर को लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए एक विज्ञापन के तौर पर बनाया गया था। लेकिन इसे लोगों ने सच समझकर वायरल कर दिया।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर Advocate Council of India ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, “एक पेड़ बचाने के लिए … सड़क को घुमा देने वाले इस ठेकेदार को सलाम।”

पोस्ट में लिखी गई बातों को हूबहू लिखा गया है। इसके आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता हैं। एक अन्य फेसबुक यूजर krishi jagran hindi ने भी वायरल तस्वीर को मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। पोस्ट में लिखी गई बातों को हूबहू लिखा गया है। इसके आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता हैं।

पड़ताल –

वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल तस्वीर दक्षिण कोरिया के एक ब्लॉग में मिली। ब्लॉग में दी गई जानकारी के मुताबिक, इस तस्वीर को दक्षिण कोरिया के एक डिजाइनर Jeseok Yi द्वारा एडिट कर बनाया गया है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने Jeseok Yi  के सोशल मीडिया अकाउंट्स को खंगालने शुरू किया। हमें 8 मार्च 2021 को वायरल तस्वीर Jeseok Yi के फेसबुक पेज पर अपलोड मिली। कैप्शन के अनुसार, इस तस्वीर को एक विज्ञापन के तौर पर लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए बनाया गया है।

तस्वीर के बारे में और ज्यादा जानकारी हासिल करने के लिए हमने गूगल पर कई कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें यह तस्वीर सामुदायिक मुद्दों पर चर्चा करने वाली एक वेबसाइट skeptics पर मिली। यहां पर भी इस तस्वीर के बारे में यही बताया गया है कि यह तस्वीर कम्प्यूटर के जरिए एडिट कर तैयार की गई है। साथ ही यह भी बताया गया है कि वायरल तस्वीर को गेट्टी इमेजेज वेबसाइट पर मौजूद सड़क की एक तस्वीर को एडिट कर बनाया गया है।

पूरी तरह से पुष्टि करने के लिए हमने Jeseok Yi से ईमेल के जरिए संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है, यह तस्वीर एडिट कर बनाई गई है। इस तस्वीर को मैंने विज्ञापन के तौर पर लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए बनाया है। इसका सच्चाई से कोई वास्ता नहीं है। मैं इस तस्वीर के जरिए लोगों को बताना चाहता हूं कि पेड़ हमारी जिंदगी के लिए कितने ज्यादा जरूरी हैं।

पड़ताल के अंत में पोस्ट को वायरल करने वाले यूजर की जांच की गई। यूजर की सोशल स्कैनिंग में पता चला कि यूजर को 589 लोग फॉलो करते हैं। Advocate Council of India नामक यह पेज फेसबुक पर 6 अप्रैल 2019 से सक्रिय है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। लोगों को जागरूक करने के लिए यह तस्‍वीर बनाई गई थी। लेकिन लोगों ने इसे सच समझकर वायरल कर दिया।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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