विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि ‘योगी राज में बागपत में खाप पंचायत’ वाली पोस्ट फर्जी है। 2015 में हुई घटना को कुछ लोग जानबूझकर योगी राज के नाम पर वायरल कर रहे हैं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया में अखबार की एक पुरानी कटिंग को कुछ लोग वायरल करते हुए दावा कर रहे हैं कि यूपी में योगी आदित्यनाथ के राज में बागपत में खाप पंचायत ने दो दलित बहनों का रेप करने का आदेश दिया।
विश्वास न्यूज ने जब वायरल पोस्ट की पड़ताल की तो पता चला कि दावा फर्जी है। दरअसल अगस्त 2015 में हुई एक घटना को अब योगी राज के नाम पर वायरल किया जा रहा है, जबकि 2015 में सपा के अखिलेश यादव की सरकार थी। योगी आदित्यनाथ ने 2017 में यूपी की कमान संभाली है।
फेसबुक यूजर अमिता अंबेडकर ने 11 मार्च 2020 को एक अखबार की कटिंग को अपलोड करते हुए दावा किया : ”योगी जी के रामराज के बागपत में खाप पंचायत ने एक फैसला किया है, जिसमे 2 दलित बहनों का रेप करने और रेप करने के बाद नंगे घुमाने का फरमान जारी किया है, दलित भाइयों अभी वक्त है एक हो जाओ।”
इस पोस्ट को अब तक 70 लोग शेयर कर चुके हैं।
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल हो रही अखबार की कटिंग की हेडिंग को टाइप करके गूगल में सर्च किया। ‘यूपी में खाप पंचायत का फरमान-दलित बहनों से दुष्कर्म करके निर्वस्त्र घुमाओ’ टाइप करके सर्च करने पर हमें नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर एक खबर मिली।
खबर में बताया गया कि बागपत के खेकड़ा गांव में दलित परिवार के एक लड़के और जाट परिवार की एक विवाहित महिला के बीच प्रेम संबंध थे। इसी के कारण दोनों गांव से फरार हो गए। मामला खाप पंचायत में पहुंचा। इसके बाद प्रेम प्रसंग में शामिल लड़के की बहनों के साथ रेप का फरमान सुना दिया गया। पूरी खबर को यहां पढ़ा जा सकता है। खबर को 19 अगस्त 2015 को पब्लिश की गई थी।
यही बात अखबार की वायरल कटिंग में भी थी।
अब हमें यह जानना था कि 2015 में यूपी में किसकी सरकार थी। हमारे सर्च में पता चला कि 15 मार्च 2012 से लेकर 19 मार्च 2017 तक यूपी में सपा के अखिलेश यादव की सरकार थी। इसके बाद योगी आदित्यनाथ ने यूपी के मुख्यमंत्री के पद की जिम्मेदारी संभाली थी।
पड़ताल के दौरान ही हमें बागपत पुलिस का एक ट्वीट मिला। इसमें उन्होंने एक यूजर को जवाब देते हुए बताया कि वर्ष 2015 की उक्त पुरानी न्यूज़ के द्वारा अफवाह फैलाने के संबंध में कार्यवाही हेतु पुलिस अधीक्षक बागपत द्वारा थाना प्रभारी खेकड़ा को अभियोग पंजीकृत करने के निर्देश जारी किए हैं।
इसके बाद हमने बागपत के पुलिस अधीक्षक प्रताप गोपेंद्र से संपर्क किया। उन्होंने विश्वास न्यूज को बताया कि 2015 की घटना को कुछ लोग जानबूझ कर झूठे दावों के साथ वायरल कर रहे हैं। बागपत पुलिस फर्जी पोस्ट करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन ले रही है।
अंत में विश्वास न्यूज ने उस अकाउंट की जांच की, जिसने पुरानी खबर को अब वायरल किया। हमें पता चला कि अमिता अंबेडकर नाम का यह अकाउंट मार्च 2013 में बनाया गया था। यूजर यूपी के लखनऊ की रहने वाली हैं। ये पॉलिटिकल पार्टी से जुड़ी हुई हैं। इन्हें फेसबुक पर एक लाख से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि ‘योगी राज में बागपत में खाप पंचायत’ वाली पोस्ट फर्जी है। 2015 में हुई घटना को कुछ लोग जानबूझकर योगी राज के नाम पर वायरल कर रहे हैं।
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