Fact Check : प्रियंका गांधी जिस नाव पर बैठी थीं, उसे नहीं जलाया गया, फर्जी है खबर

नई दिल्‍ली (विश्‍वास टीम)। फेसबुक और WhatsApp पर जली हुई नाव की एक तस्‍वीर कई दिनों से वायरल हो रही है। कई यूजर्स दावा कर रहे हैं कि जिस नाव पर बैठकर प्रियंका गांधी बनारस में गंगा घूमी थीं, उसे भाजपा के लोगों ने जला दिया। सोशल मीडिया में कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि यह नाव हरिश्चन्द्र बिन्द की है, जबकि विश्‍वास न्‍यूज से बातचीत में उन्‍होंने इससे इनकार किया है। विश्‍वास टीम की जांच में यह मैसेज फर्जी साबित हुआ। प्रियंका गांधी का इस नाव से कोई लेना-देना नहीं है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक पर जयशंकर गुप्‍ता नाम के एक फेसबुक यूजर ने प्रियंका गांधी के बनारस दौरे और जली हुई नाव की तस्‍वीर लगाते हुए पोस्‍ट में दावा किया है कि एक गरीब मल्लाह के प्रियंका से मिलने पर भगवा समर्थकों ने उसकी नाव जला दी।

जयशंकर गुप्‍ता की पोस्‍ट को 274 लोगों ने शेयर किया है। जबकि 253 लोगों ने इस पर अपनी राय व्‍यक्‍त की है। जली हुई नाव की तस्‍वीर WhatsApp और फेसबुक पर भी फैली हुई है।

पड़ताल

सबसे पहले हमने गूगल रिवर्स इमेज में जली हुई नाव को सर्च किया, लेकिन इससे जुड़ी कोई तस्‍वीर या खबर हमें गूगल में नहीं मिली।

पाठकों को बता दें कि कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी 20 मार्च को वाराणसी पहुंची थीं। वाराणसी के रामनगर से अस्‍सी घाट की गंगा यात्रा प्रियंका ने बजड़े से की थी। यह आप तस्‍वीर में देख सकते हैं।

जबकि वायरल हो रही फोटो को ध्‍यान से देखने पर पता चलता है कि यह एक नाव है।

इसके बाद हमने प्रियंका गांधी के वाराणसी पहुंचने के अगले दिन के बनारस के अखबारों को स्‍कैन किया।हमें वहां ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिसमें यह कहा गया हो कि प्रियंका गांधी ने जिस नाव का बनारस में यूज किया था, उसे जला दिया गया है। 24 मार्च के दैनिक जागरण के वाराणसी संस्‍करण में हमें जरूर एक छोटी-सी खबर दिखी। इसमें लिखा था कि दशाश्‍वमेघ इलाके में रहने वाले श्रीनाथ मांझी ने पुलिस अधिकारियों में शिकायत में आरोप लगाया है कि उसके तीन बेटों के हत्‍या के आरोप में जेल में बंद कराने वाले लोगों ने ही 20 मार्च को रात गंगा पार खड़ी नाव जला दी।

वायरल पोस्‍ट में जिस हरिश्चन्द्र बिन्द का जिक्र आया है, विश्‍वास न्‍यूज ने उससे बात करने का फैसला किया। बनारस स्थित मां गंगा निषाद राज सेवा समिति के राष्‍ट्रीय महासचिव हरिश्चन्द्र बिन्द ने विश्‍वास न्‍यूज से बातचीत में कहा कि जिस नाव को जलाया गया है, वह हमारी समिति के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष विनोद निषाद ‘गुरू’ की थी। बिन्‍द आगे कहते हैं कि हम लोग प्रियंका गांधी से मिलने जरूर गए थे, लेकिन प्रियंका ने इस नाव से गंगा की यात्रा नहीं की थी, जैसा कि दावा किया जा रहा है।

अंत में हमने दशाश्‍वमेघ थाने में संपर्क किया। वहां से हमें पता चला कि प्रियंका गांधी के नाव को जला देने वाली खबर में कोई सच्‍चाई नहीं है।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास टीम की पड़ताल में पता चला कि वायरल मैसेज फर्जी है। जिस दिन (20 मार्च) प्रियंका गांधी वाराणसी पहुंची थी, उसी रात एक नाव को जरूर आग लगाई गई थी। लेकिन यह कहना सरासर गलत है कि प्रियंका गांधी उस नाव पर बैठी थीं।

पूरा सच जानें…

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

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Symbols that define nature of fake news
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