Fact Check : पार्षद को सीवर के पानी में बैठाने का दो साल पुराना वीडियो अब वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। वायरल वीडियो नवंबर 2020 का है। उस वक्‍त गंदे पानी से परेशान लोगों ने पार्षद को बंधक बना लिया था। हाल फिलहाल में ऐसी कोई घटना नहीं घटी।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफार्म पर 20 सेकंड का एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है। इसमें एक शख्‍स को पानी के बीच कुर्सी पर बंधे हुए देखा जा सकता है। वायरल वीडियो में बॉलीवुड सॉन्ग अलग से एडिट करके जोड़ा गया है। सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि चुनाव जीतने के बाद यह पार्षद कभी अपने क्षेत्र में नहीं गए। इसलिए जब वापस वोट के लिए पहुंचे तो लोगों ने उनका अपहरण कर लिया। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। यह भ्रामक साबित हुई। वीडियो नवंबर 2020 का है। दरअसल उस वक्‍त वाराणसी के कुछ मोहल्‍लों में सीवर ओवरफ्लो हो रहा था। जिसके कारण स्‍थानीय लोग अपने पार्षद से काफी नाराज थे। बलुआबीर के पार्षद तुफैल अंसारी को सीवर के गंदे पानी में कुर्सी पर बैठाकर लोगों ने बंधक बना लिया था। सोशल मीडिया पर अब पुराने वीडियो को हाल का समझकर भ्रामक दावों के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर पंकज गुप्‍ता ने 3 जुलाई को 20 सेकंड का वीडियो अपलोड करते हुए दावा किया : ‘ये जनाब पार्षद है, चुनाव जीतने के बाद कभी अपने क्षेत्र में नहीं गए। वापस चुनाव आने पर वोट की अपील के लिए दौरे पर गए जनता द्वारा किडनैप कर लिया गया।’

वायरल वीडियो को दूसरे यूजर्स भी शेयर कर रहे हैं। फेसबुक पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। इसके आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है। फेसबुक के अलावा यह वीडियो ट्विटर और यूट्यूब पर भी वायरल है।

https://twitter.com/Nehafolk_singer/status/1543058633613012992

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो के कई कीफ्रेम्‍स निकाल कर उन्‍हें गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल में अपलोड करके खोजना शुरू किया। सर्च के दौरान जागरण डॉट कॉम पर एक खबर मिली। 21 नवंबर 2020 को पब्लिश इस खबर में वायरल वीडियो के बारे में बताते हुए लिखा गया कि एक दर्जन मोहल्‍लों में सीवर ओवरफ्लो होने से गलियों में गंदा पानी बह रहा था। जिससे नाराज होकर स्‍थानीय बलुआबीर के पार्षद को उसी गंदे पानी में कुर्सी पर बैठाकर बंधक बना लिया गया था। सोशल मीडिया में उस वक्‍त घटना का वीडियो काफी वायरल हो गया था। पूरी खबर यहां पढ़ें।

इस घटना को लेकर उस वक्‍त नवभारत टाइम्‍स ने भी एक खबर पब्लिश की थी। इसे यहां पढ़ा जा सकता है।

ओरिजनल वीडियो हमें न्‍यूज 24 के यूट्यूब चैनल पर मिला। इसे 21 नवंबर 2020 को अपलोड किया गया था। इसमें बताया गया कि वाराणसी में सीवर की समस्‍या से परेशान लोगों ने पार्षद को बंधकर बनाकर सीवर के पानी में बैठा दिया था।

जांच को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने दैनिक जागरण, वाराणसी के इंचार्ज सौरव चक्रवर्ती से संपर्क किया। उनके साथ वायरल पोस्‍ट को शेयर किया। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया कि वायरल वीडियो पुराना है। यह घटना नवंबर 2020 को हुई थी।

पड़ताल के अंत में विश्‍वास न्‍यूज ने फेसबुक यूजर पंकज गुप्‍ता की सोशल स्‍कैनिंग की। इसी यूजर ने वाराणसी के पुराने वीडियो को अब भ्रामक दावे के साथ वायरल किया था। यूजर एक राजनीतिक दल से जुड़े हुए हैं। दिल्‍ली के इस यूजर को तीन हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। वायरल वीडियो नवंबर 2020 का है। उस वक्‍त गंदे पानी से परेशान लोगों ने पार्षद को बंधक बना लिया था। हाल फिलहाल में ऐसी कोई घटना नहीं घटी।

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