Fact Check : मेरठ में पुलिसवाले की पिटाई का 2018 का वीडियो अब फर्जी दावे के साथ वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि मेरठ के एक पुराने वीडियो को अब कुछ लोग काल्पनिक विधायक अनिल उपाध्‍याय के नाम से वायरल कर रहे हैं। वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। सोशल मीडिया में एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें एक शख्‍स को एक पुलिसकर्मी को पीटते हुए देखा जा सकता है। यूजर्स दावा कर रहे हैं कि पुलिसवाले की पिटाई करता यह शख्‍स भाजपा का विधायक अनिल उपाध्‍याय है। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की विस्‍तार से जांच की तो पता चला कि अक्‍टूबर 2018 की मेरठ की एक घटना के वीडियो को कुछ लोग अब फर्जी दावे के साथ वायरल कर रहे हैं। पुलिसकर्मी को पिटते हुए दिख रहा शख्‍स भाजपा का एक पार्षद था। उसके रेस्‍टोरेंट में यह पूरी घटना हुई थी। इस वीडियो को अब वायरल करते हुए लोगों को गुमराह किया जा रहा है। जांच में यह भी पता चला कि भाजपा में अनिल उपाध्‍याय नाम का कोई विधायक नहीं है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर संजय शर्मा ने 10 सितंबर 2021 को 29 सेकंड का एक वीडियो अपलोड करते हुए दावा किया : “BJP विधायक अनिल उपाध्याय की हिम्मत तो देखिये जब पुलिस का ये हाल है तो आम जनता का क्या होगा..मुबारक हो आप रामराज्य में जी रहे. इस video को इतना वायरल करो की ये पूरा हिन्दुस्तान देख सके..”

फेसबुक पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। फेसबुक पोस्‍ट का आकाईव्‍ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की सच्‍चाई जानने के लिए सबसे पहले इस वीडियो को InVID टूल में अपलोड करके कई ग्रैब्‍स निकाले। फिर इन्‍हें गूगल रिवर्स इमेज टूल की मदद से खोजना शुरू किया। ओरिजनल खबर हमें न्‍यूज 19 यूपी-उत्तराखंड के यूट्यूब चैनल पर मिली। इसे 20 अक्‍टूबर 2018 को अपलोड किया गया था। इसमें बताया गया कि होटल मालिक ने एक दारोगा की पिटाई की थी। यह होटल एक भाजपा पार्षद का था।

हमें द क्विंट के यूट्यूब चैनल पर भी संबंधित खबर मिली। इसमें बताया गया कि मेरठ में भाजपा पार्षद ने एक पुलिसकर्मी की जमकर पिटाई की। यह वीडियो 20 अक्‍टूबर 2018 को अपलोड किया गया।

पड़ताल के दौरान हमें कई न्‍यूज वेबसाइट पर वायरल वीडियो से जुड़ी खबरें मिलीं। जागरण डॉट कॉम पर 20 अक्‍टूबर 2018 को पब्लिश एक खबर में बताया गया कि 19 अक्‍टूबर 2018 को मेरठ के परतापुर थाने की मोहिउद्दीनपुर चौकी इंचार्ज सुखपाल सिंह महिला अधिवक्ता के साथ नशे में ब्लैक पेपर रेस्टोरेंट में खाना खा रहे थे। वहां मारपीट के बाद रेस्‍टोरेंट संचालक भाजपा पार्षद मुनीष चौधरी को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके अलावा दारोगा को भी लाइन हाजिर किया गया था। पूरी खबर यहां पढ़ें।

जांच के दौरान हमें यूपी पुलिस के फेसबुक पेज पर एक 10 सितंबर 2021 की एक पोस्‍ट मिली। इसमें बताया गया कि यह वीडियो वर्ष 2018 का है, जिसमें तत्समय अभियोग पंजीकृत कर तत्कालीन सभासद सहित 04 अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप पत्र प्रेषित किया जा चुका है। कृपया बिना सत्यापन के भ्रामक पोस्ट कर अफवाह न फैलाएं।

हमें मेरठ पुलिस का एक पुराना ट्वीट भी मिला। इसमें इस केस की जानकारी देते हुए बताया गया कि होटल मालिक को जेल भेजा जा चुका है। यह ट्वीट 20 अक्‍टूबर 2018 को किया गया।

वायरल वीडियो को लेकर विश्‍वास न्‍यूज ने मेरठ के एसपी सिटी विनीत भटनागर से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि वायरल वीडियो का मामला पुराना है। जिस पार्षद का वीडियो वायरल हुआ था, उनकी मौत हो चुकी है। ऐसे में पुलिस की तरफ से इस मामले में कोई जांच नहीं की जा रही है।

जांच के अंतिम चरण में विश्‍वास न्‍यूज ने फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की। इसकी सोशल स्‍कैनिंग से हमें पता चला कि फेसबुक यूजर संजय कुमार यूपी के फैजाबाद के रहने वाले हैं। इस अकाउंट के 207 फॉलोअर और 685 फ्रेंड हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि मेरठ के एक पुराने वीडियो को अब कुछ लोग काल्पनिक विधायक अनिल उपाध्‍याय के नाम से वायरल कर रहे हैं। वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई।

False
Symbols that define nature of fake news
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