Fact Check : पंजाब की 2016 की तस्‍वीर अब वाराणसी के नाम पर वायरल

विश्वास न्यूज की पड़ताल में वाराणसी के नाम पर वायरल की जा रही पोस्‍ट फर्जी निकली। वायरल तस्‍वीर का वाराणसी से कोई संबंध नहीं है। यह पंजाब के मानसा की 2016 की तस्‍वीर है।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। मानसून की बारिश के साथ सोशल मीडिया में इससे जुड़ी फर्जी पोस्‍ट भी वायरल हो रही हैं। अब पानी से भरी सड़क पर चाय पीते हुए लोगों की तस्‍वीर को फर्जी दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि तस्‍वीर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की है। विश्‍वास न्‍यूज ने एक बार पहले भी वायरल तस्‍वीर की जांच की थी। उस वक्‍त हमें पता चला कि दरअसल 2016 की पंजाब के मानसा की एक तस्‍वीर को अलग-अलग दावों के साथ वायरल किया गया। विश्‍वास न्‍यूज की पुरानी पड़ताल को यहां पढ़ा जा सकता है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक पेज यूजर प्रमोद कुमार ने 27 जुलाई 2021 को वायरल तस्‍वीर पोस्ट करते हुए लिखा है, ‘बनारस स्मार्ट सिटी के Water Park में चाय का आनंद लेते हुए एक परिवार के सदस्य…..!’

इस पोस्ट में लिखी गई बातों को यहां ज्यों का त्यों पेश किया गया है। इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है। इस तस्‍वीर को दूसरे यूजर्स भी सच मानकर वायरल कर रहे हैं।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल तस्‍वीर की जांच के लिए गूगल रिवर्स इमेज टूल की मदद ली। इसकी मदद से हमें बरनाला हलका के विधायक गुरमीत सिंह मीत हेयर के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर यह तस्‍वीर मिली। इसे मानसा की बताते हुए 18 जुलाई 2016 को अपलोड किया गया था।

पड़ताल के दौरान हमें पंजाब केसरी के ईपेपर का एक स्क्रीनशॉट भी मिला। इसमें वायरल तस्‍वीर का इस्‍तेमाल करते हुए इसे मानसा की बताया गया। इसे आप नीचे देख सकते हैं।

पिछली पड़ताल के दौरान विश्‍वास न्‍यूज ने तस्‍वीर में लाल रंग की टीशर्ट पहने शख्‍स, जिनका नाम मनीष सचदेवा है, उनसे भी संपर्क किया था। उन्‍होंने बताया था कि गली में पानी भरने से परेशान होकर पूरे परिवार ने यह कदम उठाया था, ताकि समस्‍या का निदान हो सके। तस्‍वीर 2016 की है।

अब हमें यह जानना था कि मानसा जैसी कोई घटना वाराणसी में भी हुई है क्‍या? पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने दैनिक जागरण, वाराणसी के फोटो जर्नलिस्‍ट भैरव जायसवाल से संपर्क किया। उनके साथ वायरल तस्‍वीर को शेयर किया। उन्‍होंने बताया कि वायरल तस्‍वीर का वाराणसी से कोई संबंध नहीं है। ऐसी कोई घटना पूरे शहर में कहीं भी नहीं हुई है।

पड़ताल के अंतिम चरण में हमने मानसा की पुरानी तस्‍वीर को वाराणसी का बताकर फर्जी दावे से शेयर करने वाले फेसबुक यूजर प्रमोद कुमार की सोशल स्‍कैनिंग की। फैक्ट चेक किए जाने तक इस अकाउंट के 171 फॉलोअर्स थे।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वाराणसी के नाम पर वायरल की जा रही पोस्‍ट फर्जी निकली। वायरल तस्‍वीर का वाराणसी से कोई संबंध नहीं है। यह पंजाब के मानसा की 2016 की तस्‍वीर है।

False
Symbols that define nature of fake news
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