Fact Check: प्रदर्शनकारियों की लुंगी में आग लगने की 2012 की घटना को फर्जी दावे के साथ किया जा रहा है वायरल

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। प्रदर्शन कर रहे ये लोग न तो नरेंद्र मोदी का पुतला जला रहे थे और न ही ये वीडियो कर्नाटक का है। वायरल वीडियो 2012 का है, जब केरल में छात्रसंघ कार्यकर्ता एमजी यूनिवर्सिटी के कुलपति का पुतला फूंक रहे थे।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है  जिसमें कुछ लोग एक पुतले को जलाने की कोशिश कर रहे हैं और इस बीच उनकी खुद की धोतियों (लुंगी) में आग लग जाती है। वीडियो को शेयर कर यूजर दावा कर रहे हैं कि ये कांग्रेस कार्यकर्ता हैं,  जो प्रधानमंत्री का पुतला जलाने की कोशिश करते समय खुद की लुंगी में आग लगा बैठे।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। वायरल वीडियो 2012 का है, जब केरल में छात्रसंघ कार्यकर्ता एमजी यूनिवर्सिटी के कुलपति का पुतला फूंक रहे थे।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर Nitish Srivastava ने 6 मई 2024 को वायरल पोस्ट को शेयर किया और साथ में लिखा “कर्नाटक में मोदी का पुतला जलाते समय पांच कांग्रेसियों की लुंगी में आग लग गई! देखें कैसे हुआ यह सब। अब मोदी जी के पुतले भी सबक सिखाने लग गये मोदी जी के विरोध मे प्रचार करने वाले जरा संभलकर, *मोदी जी पॉवर।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल

वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो के कीफ्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज पर ढूंढा। हमें यह वीडियो एशियानेट के यूट्यूब चैनल पर 5 जुलाई 2012 को अपलोड मिला। वीडियो के साथ दिए गए कैप्शन के अनुसार, यह केरल  की घटना थी, जहाँ केएसयू कार्यकर्ताओं ने एमजी विश्वविद्यालय के कुलपति का पुतला जलने की कोशिश की थी, जिस दौरान ये हादसा हुआ था।

टाइम टूल का इस्तेमाल कर ढूंढ़ने पर हमें 24 जुलाई 2012 की टाइम्स ऑफ़ इंडिया की खबर मिली, जिसमें बताया गया है, ‘छात्रों द्वारा कथित तौर पर एमजी यूनिवर्सिटी के कुलपति के विरोध में प्रदर्शन के दौरान उनका पुतला जलने की कोशिश करते समय खुद आग की चपेट में आने से कुछ प्रदर्शनकारी घायल भी हुए थे और इन्हें अस्पातल में भर्ती कराया गया था। इस घटना को लेकर केरल उच्च न्यायालय के समक्ष दायर एक जनहित याचिका में कहा गया है कि पुतले जलाने पर राज्यव्यापी प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।’

कीवर्ड्स से पड़ताल करते समय हमारे सामने कुछ खबरें  आयीं, जिनसे पता लगा कि अतीत में भारत में अन्य जगहों से भी ऐसी ही घटनाएं सामने आई हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2015 में चेन्नई में डीएमडीके प्रमुख के पुतले को आग लगाने का प्रयास करते समय कुछ एआईडीएमके कार्यकर्ताओं की लुंगियों में आग लग गई थी। इस प्रकार शिमला से सामने आई एक अन्य घटना में, दिसंबर 2015 में नरेंद्र मोदी का पुतला जलाते समय तीन कांग्रेस कार्यकर्ता गंभीर रूप से झुलस गए।

हमने इस मामले में केरल स्थित पत्रकार प्रशांत से बात की, जिन्होंने कन्फर्म किया कि वीडियो केरल का है और 2012 का है, जब केएसयू कार्यकर्ताओं ने एमजी विश्वविद्यालय के कुलपति का पुतला जलने की कोशिश की थी।

 अंत मे वीडियो को  गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर Nitish Srivastava के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर हल्द्वानी के रहने वाले है और उनके फेसबुक पर 2000 से अधिक मित्र हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। प्रदर्शन कर रहे ये लोग न तो नरेंद्र मोदी का पुतला जला रहे थे और न ही ये वीडियो कर्नाटक का है। वायरल वीडियो 2012 का है, जब केरल में छात्रसंघ कार्यकर्ता एमजी यूनिवर्सिटी के कुलपति का पुतला फूंक रहे थे।

False
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