निष्कर्ष: राजस्थान सरकार ने नहीं उत्तरप्रदेश सरकार ने सरकारी दफ्तरों में बीआर अंबेडकर की तस्वीर लगाने के आदेश दिए थे। वायरल पोस्ट में दिख रही न्यूज पेपर की क्लिपिंग मॉर्फ्ड है।
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक न्यूजपेपर की क्लिपिंग वायरल हो रही है, जिसके जरिए दावा किया जा रहा है कि राजस्थान सरकार ने सभी सरकारी दफ्तरों, स्कूल व अस्पतालों में डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीर लगाने के आदेश दिए हैं। आदेश का पालन न करने पर कार्रवाई होगी। विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल न्यूजपेपर क्लिपिंग में डेटलाइन के साथ छेड़छाड़ की गई है। इसमें डेटलाइन को गाजियाबाद उत्तर प्रदेश सरकार से बदलकर जयपुर, राजस्थान सरकार कर दिया गया है।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक पर इस पोस्ट को Bajrang Ambedkar नामक यूजर ने साझा किया है। पोस्ट में आज समाज न्यूजपेपर की एक क्लिपिंग नजर आती है, जिसमें खबर का शीर्षक लिखा हुआ है — फोटो नहीं लगी तो होगी कार्रवाई। खबर की शुरुआत में जयपुर की डेटलाइन दी गई है और फिर लिखा गया है कि राजस्थान सरकार ने लिखित में आदेश जारी कर सरकारी कार्यालयों में डॉ. भीमराव अंबेडकर का चित्र लगाने के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं।
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज को फैक्ट चेक करने के लिए यह पोस्ट वॉट्सऐप चैटबॉट पर भी मिली।
पड़ताल
वायरल पोस्ट की पड़ताल के लिए सबसे पहले हमने इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ा तो पाया कि वायरल न्यूजपेपर क्लिपिंग में केवल डेटलाइन के बाद ही राजस्थान सरकार लिखा गया है, इसके अलावा पूरी खबर में कहीं भी राजस्थान सरकार का जिक्र नहीं है।
क्लिपिंग में हेडिंग के नीचे आज समाज नेटवर्क लिखा हुआ है, जिससे हमें यह पता चला कि यह कटिंग आज समाज अखबार की है।
मामले की तह तक जाने के लिए हमने कीवर्ड्स की मदद से इंटरनेट पर सर्च किया तो हमें मार्च 2018 में प्रकाशित कई न्यूज आर्टिकल मिला जिसमें लिखा गया था कि उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी सरकारी कार्यालयों में एक अप्रैल से अंबेडकर की तस्वीर लगाना अनिवार्य कर दिया है। हमने इंटरनेट पर राजस्थान सरकार की ओर से जारी ऐसा आदेश ढूंढने की कोशिश की, लेकिन हमें राजस्थान सरकार की ओर जारी ऐसे किसी आदेश की कॉपी या इस दावे की पुष्टि करती मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली।
इसके बाद हमने वायरल क्लिक को गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से ढूंढा तो हमें 23 मार्च 2018 को किया गया एक ट्वीट मिला, जिसमें ऐसी ही क्लिपिंग थी, लेकिन इस पर डेटलाइन में गाजियाबाद और पहले लाइन में उत्तर प्रदेश सरकार लिखा नजर आया। इसके अलावा बाकी पूरी खबर का एक-एक शब्द वायरल पोस्ट में दिख रही खबर से मेल खाता दिखा।
https://twitter.com/BRAMBEDKAR7/status/977168171609227264/photo/1
खबर की आखिरी लाइन में लिखा गया है कि यह आदेश 19 मार्च को जारी किया गया है, वहीं हमें 23 मार्च 2018 को यह क्लिपिंग ट्विटर पर भी मिला। लिहाजा यह कहा जा सकता है कि यह खबर 20 मार्च 2018 से 23 मार्च 2018 के बीच ही प्रकाशित हुई होगी।
विश्वास न्यूज ने आज समाज अखबार के सीनियर एडिटर से संपर्क किया, जिन्होंने बताया कि वायरल पोस्ट में जयपुर, राजस्थान लिखने के लिए जिस फॉन्ट का इस्तेमाल किया गया है वह आज समाज के फॉन्ट से काफी अलग है। इसके अलावा जयपुर और राजस्थान काफी ऊपर-नीचे दिखता है, यह एक कतार में नहीं है। इसके अलावा डेटलाइन में जयपुर के बाद पूर्णविराम (।) की जगह अर्धविराम (,) का इस्तेमाल किया गया है और दोनों शब्दों में काफी ज्यादा स्पेस है। यह सब इसी ओर इशारा करते हैं कि इस क्लिप को टैम्पर्ड किया गया है।
फेसबुक पर यह पोस्ट “Bajrang Ambedkar” नामक यूजर ने साझा की थी। जब हमने इस यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया तो पाया कि यूजर स्कूल टीचर है।
निष्कर्ष: निष्कर्ष: राजस्थान सरकार ने नहीं उत्तरप्रदेश सरकार ने सरकारी दफ्तरों में बीआर अंबेडकर की तस्वीर लगाने के आदेश दिए थे। वायरल पोस्ट में दिख रही न्यूज पेपर की क्लिपिंग मॉर्फ्ड है।
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