वायरल वीडियो न्यूज क्लिप तेलंगाना विधानसभा चुनाव 2018 के दौरान की है। इसका कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 से कोई संबंध नहीं है। इसमें किए गए दावों को भी कांग्रेस ने फेक बताया था।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 के संदर्भ से जोड़कर सोशल मीडिया पर एक वीडियो न्यूज की क्लिप वायरल हो रही है। टाइम्स नाउ की इस न्यूज क्लिप में एंकर कांग्रेस के घोषणापत्र को मुस्लिम समर्थक बता रहे हैं। इसमें दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस के मैनिफेस्टो में मुस्लिमों को केंद्रित करते हुए सात वादे किए गए हैं। इसे शेयर कर यूजर्स कांग्रेस को मुस्लिम समर्थक बता रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि न तो यह घोषणापत्र कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 से संबंधित है और न ही इसमें किए गए दावों में कोई सच्चाई है। वायरल न्यूज क्लिप दिसंबर 2018 की है। यह तेलंगाना विधानसभा चुनाव 2018 से संबंधित है। साथ ही खबर में बताए गए मैनिफेस्टो के बिंदुओं को बाद में कांग्रेस ने फेक बताया था। इससे पहले विश्वास न्यूज ने इन दावों की पड़ताल की थी। इसमें ये दावे झूठे निकले थे। उस फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
विश्वास न्यूज के टिपलाइन नंबर +91 95992 99372 पर हमें यह वीडियो चेक करने को मिला। इसमें टाइम्स नाउ के एंकर राहुल शिवशंकर कह रहे हैं कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में मुस्लिमों को केंद्र में रखकर वादे किए हैं। तेलुगु स्क्रिप्ट में उन्होंने कहा कि वे मुस्लिम युवाओं को सरकारी ठेके देंगे। गरीब मुस्लिम छात्र को 20 लाख रुपये दिए जाएंगे। अल्पसंख्यकों के लिए अस्पताल और मुस्लिमों के लिए स्कूल बनाएंगे। तेलंगाना में मस्जिदों और चर्चों को मुफ्त बिजली मिलेगी। धर्म के आधार पर नौकरी नहीं देने वाली निजी कंपनियों पर कार्रवाई की जाएगी। मुस्लिम शिक्षक रखने के लिए उर्दू जिला सेलेक्शन बोर्ड होगा। इसको लेकर कांग्रेस को कठघरे में खड़ा किया गया है।
फेसबुक यूजर Ijlas Singh (आर्काइव लिंक) ने भी 2.20 मिनट के इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है,
“Suicide is better for non-Muslims than voting for Congress. See the election manifesto of Congress offering facilities only to Muslims in a country where they use Secularism as the main piller of democracy”
(कांग्रेस को वोट देने से गैर-मुस्लिमों के लिए आत्महत्या बेहतर है। जिस देश में वे धर्मनिरपेक्षता को लोकतंत्र के मुख्य स्तंभ के रूप में इस्तेमाल करते हैं, वहां केवल मुसलमानों को सुविधाएं देने वाली कांग्रेस का चुनावी घोषणापत्र देखें।)
वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले वीडियो को ध्यान से देखा। इसमें एंकर तेलुगु स्क्रिप्ट का जिक्र कर रहे हैं, जबकि कर्नाटक विधानसभा चुनाव का घोषणापत्र कन्नड या अंग्रेजी में होगा।
इसके बाद वीडियो का एक कीफ्रेम निकालकर उसे गूगल लेंस की मदद से सर्च किया। ट्विटर यूजर ऋषि बागरी (आर्काइव लिंक) ने इस वीडियो को 27 नवंबर 2018 को ट्वीट करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा है। मतलब यह वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं है और न ही इसका कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 से कोई संबंध है।
इसके बाद कीवर्ड से सर्च करने पर हमें 26 नवंबर 2018 को टाइम्स नाउ के ट्विटर हैंडल से वायरल वीडियो न्यूज का एक हिस्सा ट्वीट किया गया है। इसमें रिपोर्टर बता रहा है कि अगले 24 से 48 घंटे में कांग्रेस घोषणापत्र जारी कर देगी। उसमें से कुछ दो पन्नों पर मुस्लिमों को केंद्र में रखकर किए गए वादे हैं।
टाइम्स नाउ पर इस मामले को लेकर 27 नवंबर 2018 को डिबेट शो भी चलाया गया।
1 दिसंबर 2018 को टाइम्स नाउ में इस बारे में खबर भी छपी है। इसके अनुसार, “कांग्रेस ने तेलंगाना चुनाव से पहले अपने ड्राफ्ट घोषणापत्र में मुसलमानों को हिंदुओं के खिलाफ खड़ा करने का प्रयास किया है। टाइम्स नाउ को मिली कॉपी से पता चलता है कि कांग्रेस ने तेलंगाना विधानसभा चुनाव 2018 से पहले समुदाय के मतदाताओं को लुभाने के लिए घोषणापत्र में सात ‘केवल-मुस्लिम’ योजनाओं का वादा किया है। ये योजनाएं हैं- मस्जिदों और चर्चों को मुफ्त बिजली, मुस्लिम युवाओं के लिए सरकारी ठेकों में विशेष अवसर, गरीब मुस्लिम छात्रों को 20 लाख रुपये की सहायता, मुसलमानों के लिए आवासीय विद्यालय, अल्पसंख्यकों के लिए अस्पताल, अल्पसंख्यकों के लिए विशेष उर्दू डीएससी (जिला चयन समिति) और धर्म के आधार पर काम पर रखने वाली फर्मों को सजा। हालांकि, तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (TPCC) के कोषाध्यक्ष गुडुर नारायण रेड्डी ने घोषणापत्र को मनगढ़ंत बताया है। रेड्डी ने कहा कि यह ड्राफ्ट घोषणापत्र मनगढ़ंत है। वे इसकी जांच कर रहे हैं कि इसके पीछे कौन है।”
2 दिसंबर 2018 को तेलंगाना कांग्रेस ने ट्वीट कर मस्जिद को चर्च को फ्री बिजली के वादे के दावे को फर्जी बताते हुए भाजपा पर निशाना साधा है।
इस बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रवक्ता सुजाता काल्वा से संपर्क किया। उनका कहना है, “यह वीडियो तेलंगाना विधानसभा चुनाव के पहले का है। इसमें किया जा रहा दावा फेक है। कांग्रेस सभी को साथ में लेकर चलती है।“
कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर और भी कई पोस्ट वायरल हुई हैं। विश्वास न्यूज की रिपोर्टस को यहां पढ़ा जा सकता है।
वीडियो को गलत दावे के साथ वायरल करने वाले फेसबुक यूजर इजलास सिंह की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। इसके मुताबिक, वह उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले हैं। वह एक विचारधारा से प्रभावित हैं।
निष्कर्ष: वायरल वीडियो न्यूज क्लिप तेलंगाना विधानसभा चुनाव 2018 के दौरान की है। इसका कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 से कोई संबंध नहीं है। इसमें किए गए दावों को भी कांग्रेस ने फेक बताया था।
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