Fact Check: तमिलनाडु में भविष्य बताने वाले शख्स को फॉरेस्ट पुलिस ने तोते को पिंजरे में कैद करने पर पकड़ा था, वायरल दावा भ्रामक

तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले में वहां की फॉरेस्ट पुलिस ने भविष्यवक्ता और उसके भाई को तोते को कैद में रखने के आरोप में हिरासत में लिया था। बाद में दोनों को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया था। सोशल मीडिया पर वायरल दावा भ्रामक है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। तमिलनाडु का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें पुलिस को दो लोगों को पकड़कर गाड़ी में बैठाते हुए देखा जा सकता है। कुछ यूजर्स इस वीडियो को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि तामिलनाडु के कुड्डालोर में पुलिस ने तोता ज्योतिषी को चुनाव में डीएमके की हार की भविष्यवाणी करने पर गिरफ्तार कर लिया।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि सोशल मीडिया पर वायरल दावा भ्रामक है। दरअसल, तामिलनाडु के कुड्डालोर में ज्योतिष ने एक उम्मीदवार की जीत की भविष्यवाणी की थी। वीडियो वायरल होने के बाद जिले की फॉरेस्ट पुलिस ने भविष्य बताने वाले शख्स और उसके भाई को तोते को पिंजरे में कैद करने के आरोप में हिरासत में लिया था। तोते को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत पिंजरे में रखना गैरकानूनी है।

क्या है वायरल पोस्ट

विश्वास न्यूज के टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर कुछ यूजर्स ने वीडियो को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का आग्रह किया। इसमें लिखा है,

“इसे कहते है ‘टपके का डर’

तामिलनाडु के कुड्डालोर के यह 81 साल के बुजुर्ग सड़क किनारे बैठने वाले तोता ज्योतिषी है। तमिलनाडु में इसे गिनी शास्त्र कहते हैं।

इस बुजुर्ग को उनके घर से खींचकर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया क्योंकि उसके तोते ने भविष्यवाणी की थी कि सनातन धर्म विरोधी पार्टी DMK इस बार चुनाव हार जाएगी।”

फेसबुक यूजर Gopesh Poshaks A Vasudev (आर्काइव लिंक) ने 16 अप्रैल को इसी वीडियो को समान दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल दावे की जांच के लिए हमने कीवर्ड से इस बारे में गूगल पर सर्च किया। 10 अप्रैल 2024 को एएनआई के एक्स हैंडल से एक फोटो पोस्ट (आर्काइव लिंक) कर इस बारे में जानकारी दी गई है। इसमें लिखा है, “तमिलनाडु में कुड्डालोर जिला वन पुलिस ने वीडियो वायरल होने के बाद सेल्वराज नाम के व्यक्ति को हिरासत में लिया है। सेल्वराज ने चुनाव में पीएमके कुड्डालोर निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवार थांगर बचन की जीत की भविष्यवाणी की थी। तोते को पिंजरे में कैद रखने के मामले में कुड्डालोर जिला वन विभाग ने यह कार्रवाई की है। कुड्डालोर जिला वन अधिकारियों के अनुसार, सेल्वराज और उनके भाई श्रीनिवासन को तोते को पिंजरे में कैद करने के लिए हिरासत में लिया गया था। बाद में उन्हें चेतावनी के साथ छोड़ दिया गया।” पोस्ट में वायरल वीडियो के कीफ्रेम का भी इस्तेमाल किया गया है।

10 अप्रैल को इंडिया टुडे में छपी खबर में लिखा है कि तमिलनाडु के कुड्डालोर में एक भविष्यवक्ता को तोते को कैद में रखने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। दरअसल, एक वीडियो वायरल होने के बाद जिला वन पुलिस ने यह कार्रवाई की थी। वीडियो में ज्योतिष सेल्वराज को कुड्डालोर लोकसभा सीट के एक उम्मीदवार की जीत की भविष्यवाणी करते हुए दिखाया गया था। उसके साथ भविष्यवक्ता के भाई को भी हिरासत में ले लिया गया था। ज्योतिष के निर्देश पर तोते को पिंजरे से बाहर आते और कार्ड चुनते देखा जा सकता था। वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने तोते को पिंजरे में बंद करने के आरोप में उस व्यक्ति और उसके भाई को पकड़ा था। बाद में दोनों को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट (1972) के शेड्यूल 4 के अनुसार, जंगली पक्षी या जानवर की श्रेणी में आने वाले पक्षियों या जानवरों को पिंजरे में रखना गैरकानूनी है।

टाइम्स ऑफ इंडिया में 9 अप्रैल को छपी खबर में लिखा है कि तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले में एक भविष्य बताने वाले को तोते को कैद में रखने के आरोप में हिरासत में लिया गया। कुड्डालोर जिले के वन रेंजर जे रमेश ने कहा कि तोते को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत अनुसूचित II प्रजातियों के तहत वर्गीकृत किया गया है। पक्षी को कैद में रखना अपराध है।

इस बारे में तमिलनाडु के स्थानीय पत्रकार मुरलीकृष्णनन का कहना है कि कुड्डालोर जिले की फॉरेस्ट पुलिस ने तोते के जरिए भविष्य बताने वाले व्यक्ति और उसके भाई को हिरासत में लिया था। उनको तोते को पिंजरे में कैद करने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। बाद में दोनों को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया था।

वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। एक विचारधारा से प्रभावित यूजर के करीब 1400 फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले में वहां की फॉरेस्ट पुलिस ने भविष्यवक्ता और उसके भाई को तोते को कैद में रखने के आरोप में हिरासत में लिया था। बाद में दोनों को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया था। सोशल मीडिया पर वायरल दावा भ्रामक है।

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