Fact Check : टमाटर की सुरक्षा के लिए सपा कार्यकर्ता ने रखा था बाउंसर

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। गलत खबर को पीटीआई ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से हटाकर माफी मांग ली है। वाराणसी पुलिस के अनुसार, टमाटर की दुकान पर बाउंसरों की तैनाती एक पॉलिट‍िकल ड्रामा था। इसे सपा कार्यकर्ता अजय यादव ने किया था। हालांकि, पुलिस ने अजय यादव के अलावा सब्जी बेचने वाले और उसके बेटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। इसके बाद सब्जी विक्रेता और उसके बेटे को गिरफ्तार कर लिया गया।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। देश में टमाटर की कीमतों में भारी इजाफे के बीच सोशल मीडिया पर एक पोस्‍ट वायरल हो रही है। इसमें एक सब्‍जी की दुकान के सामने खड़े एक शख्‍स को दो बाउंसर के साथ खड़े देखा जा सकता है। तस्‍वीर के साथ न्‍यूज एजेंसी पीटीआई के हवाले से दावा किया गया कि वाराणसी में एक सब्‍जीवाले ने टमाटर की सुरक्षा के लिए बाउंसर रखे। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। दावा भ्रामक साबित हुआ। दरअसल समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता ने एक स्‍थानीय सब्‍जी विक्रेता की दुकान पर जाकर पूरा पॉलिटिकल ड्रामा रचा था। इसके बाद वाराणसी पुलिस ने समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता अजय फौजी, सब्जी बेचने वाले और उसके बेटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। बाद में सब्जी बेचने वाले और उसके बेटे को गिरफ्तार कर लिया गया। पड़ताल में पता चला कि गलत खबर से संबंधित ट्वीट को पीटीआई ने डिलीट कर माफीनामा जारी किया। 

क्या हो रहा है वायरल?

इंस्टाग्राम यूजर ‘नौटीवर्ल्ड’ ने 9 जुलाई को एक पोस्‍ट को शेयर करते हुए अंग्रेजी में लिखा : ‘यूपी के वाराणसी में एक सब्जी विक्रेता ने ग्राहकों को टमाटर चोरी से रोकने के लिए बाउंसरों को काम पर रखा है, जिसकी कीमत पिछले कुछ दिनों में 400% बढ़ गई है। विक्रेता ने कहा, “मैंने बाउंसरों को काम पर रखा है क्योंकि टमाटर की कीमत बहुत अधिक है… लोग हिंसा कर रहे हैं और टमाटर भी लूट रहे हैं।” उन्होंने कहा, ”टमाटर 160 रुपये प्रति किलो बिक रहा है.” अधिक जानकारी के लिए  बाईं ओर स्वाइप करें। पीटीआई की कुछ घंटे पहले की खबर।”

  इस पोस्ट के आर्काइव  वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले गूगल सर्च किया। हमें इस विषय में जागरण डॉट कॉम पर पब्लिश एक खबर मिली। 10 जुलाई को पब्लिश इस खबर में बताया गया कि वाराणसी के लंका पुलिस क्षेत्र इलाके में सपा कार्यकर्ता अजय यादव ने टमाटर की महंगाई पर सरकार को घेरने के लिए एक सब्जी की दुकान पर दो बाउंसर तैनात किए थे। लंका पुलिस की जांच में पता चला कि दुकान सपा नेता की न होकर दूसरे किसी की थी। पुलिस सब्जी विक्रेता को पकड़कर थाने ले गई। संबंधित खबर को यहां पढ़ें। 

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, वाराणसी के ईपेपर को खंगालना शुरू किया गया। 10 जुलाई को प्रकाशित एक खबर में बताया गया कि लंका पुलिस सब्‍जी विक्रेता को पकड़कर थाने ले आई। दुकान पर दो बाउंसरों की ड्यूटी टमाटर की सुरक्षा के लिए लगाई गई थी। पूरी खबर को नीचे पढ़ें। 

11 जुलाई को दैनिक जागरण के वाराणसी संस्‍करण में एक खबर को प्रकाशित करते हुए लिखा गया कि टमाटर के बढ़े दाम को लेकर सीर गोवर्धनपुर के सपा कार्यकर्ता अजय यादव ने दूसरे की सब्‍जी की दुकान को अपना बताते हुए दो बाउंसर की तैनाती कर दी थी। लंका पुलिस की जांच में पता चला कि सब्‍जी दुकान राजनारायण और उनका बेटा विकास मिलकर चलाते हैं। पुलिस ने तीनों आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज करके राजनारायण और विकास को अरेस्‍ट कर लिया। अजय यादव अभी फरार है। संबंधित खबर को नीचे देखें। 

सर्च के दौरान हिंदुस्तान टाइम्स की वेबसाइट पर भी संबंधित घटना से जुड़ी खबर मिली। इसमें बताया गया, सपा कार्यकर्ता अजय फौजी ने वाराणसी के लंका इलाके में एक सब्जी की दुकान पर दो बाउंसर तैनात करके टमाटर की बढ़ती कीमतों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। दुकानदार राज नारायण को हिरासत में ले लिया गया है और नाटकीय विरोध प्रदर्शन का आयोजन करने वाले अजय फौजी फरार हैं। सब्जी विक्रेता ने पुलिस को बताया कि फौजी ने कहीं से 500 रुपये के टमाटर खरीदे और उन्हें उनकी सब्जी की दुकान पर एक टोकरी में रख दिया। विरोध स्वरूप फौजी खुद दुकान पर बैठ गए और टमाटर बेचने लगे। पूरी खबर यहां पढ़ें। 

वायरल पोस्ट में पीटीआई का हवाला दिया गया था। इस चलते हमने पीटीआई कीवर्ड के साथ सर्च किया। हमें इस मामले में पीटीआई का 9 जुलाई का एक ट्वीट मिला। इसमें लिखा गया कि आज सुबह पीटीआई ने वाराणसी में एक सब्जी विक्रेता द्वारा टमाटर की ऊंची कीमत के मद्देनजर बाउंसरों को काम पर रखने के बारे में एक खबर ट्वीट की थी। हमने ट्वीट हटा दिया है। हमने स्रोत की पुष्टि न करके गलती की। हम अपने लिए निर्धारित सटीकता और निष्पक्षता के उच्च मानकों को पूरा करने में विफल रहे। हम अपने पाठकों को आश्वस्त करते हैं कि पीटीआई सटीक और निष्पक्ष समाचार देने के लिए प्रतिबद्ध है। पूरा ट्वीट नीचे देखें। 

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, वाराणसी के वरिष्ठ संवाददाता प्रमोद यादव से संपर्क किया। उनके साथ वायरल पोस्‍ट को शेयर किया। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया कि वायरल पोस्‍ट में इस्‍तेमाल की गई तस्‍वीर सपा नेता अजय यादव फौजी है। सब्‍जी की दुकान पर उन्‍होंने बाउंसरों को रखकर पॉलिटिकल ड्रामा किया था। 

डीसीपी काशी जोन आरएस गौतम ने भी कन्फर्म किया, “मामला एक पोलिटिकल विरोध प्रदर्शन का था, जिसके जरिये सामाजिक सौहार्द्र  बिगाड़ने की कोशिश की गई  थी । संज्ञान लेते हुए एफआईआर फाइल की गई  और कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया।”  

इस मामले में फाइल की गई एफआईआर में IPC की 153A, 295A धाराएं और 505 की उपधारा 2 लगायी गई  है। 

पड़ताल के अंत में विश्वास न्यूज ने फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर ‘नौटीवर्ल्ड ’ की जांच की। इंस्टाग्राम पेज के 9.5 मिलियन फ़ॉलोअर्स हैं। पेज पर दी गई जानकारी के अनुसार, नौटीवर्ल्ड एक न्यूज़ और मीडिया संस्था है।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। गलत खबर को पीटीआई ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से हटाकर माफी मांग ली है। वाराणसी पुलिस के अनुसार, टमाटर की दुकान पर बाउंसरों की तैनाती एक पॉलिट‍िकल ड्रामा था। इसे सपा कार्यकर्ता अजय यादव ने किया था। हालांकि, पुलिस ने अजय यादव के अलावा सब्जी बेचने वाले और उसके बेटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। इसके बाद सब्जी विक्रेता और उसके बेटे को गिरफ्तार कर लिया गया।

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