Fact Check : सोनिया गांधी का नामाकंन जस्टिस मुरलीधर ने नहीं, एडवोकेट के सी कौशिक ने करवाया था

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि सोनिया गांधी का नामांकन जस्टिस मुरलीधर ने नहीं, बल्कि एडवोकेट केसी कौशिक ने करवाया था। वायरल पोस्‍ट फर्जी है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। दिल्‍ली में हुए सांप्रदायिक उपद्रव की सुनवाई करने वाले हाईकोर्ट के जज एस मुरलीधर के ट्रांसफर के बाद से उन्‍हें लेकर सोशल मीडिया में कई प्रकार के झूठ फैले हुए हैं। इसी क्रम में कहा जा रहा है कि जस्टिस मुरलीधर ने कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी का नामांकन करवाया था। इस झूठ को वायरल करने के दो तस्‍वीरों का कोलाज बनाकर वायरल किया जा रहा है।

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि कोलाज में यूज की गई पहली तस्‍वीर जस्टिस मुरलीधर की ही है, लेकिन दूसरी तस्‍वीर जिसे मुरलीधर की बताई जा रही है, वह उनकी नहीं है, बल्कि सोनिया गांधी के साथ दिख रहे शख्‍स का नाम एडवोकेट के सी कौशिक है। उन्‍होंने 2019 में रायबरेली में सोनिया गांधी का नामांकन करवाया था। उनकी तस्‍वीर को जस्टिस मुरलीधर के नाम से वायरल किया जा रहा है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक पर कई यूजर एक कोलाज को लगातार वायरल करते हुए दावा कर रहे हैं कि दिल्‍ली हाईकोर्ट के जस्टिस मुरलीधर ने सोनिया गांधी का नामांकन करवाया था।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले सोनिया गांधी वाली तस्‍वीर की पड़ताल की। जब हमने इस तस्‍वीर को Yandex में अपलोड करके सर्च किया तो हमें कई जगह यह फोटो मिली। abpganga.com वेबसाइट पर पिछले साल अप्रैल में अपलोड की गई खबर में हमें एक तस्‍वीर मिली, जिसमें सोनिया गांधी को नामांकन भरते हुए देखा जा सकता है। उनके बगल में एक शख्‍स खड़े हैं, जो सोनिया गांधी की मदद कर रहे हैं। खबर में बताया गया गया कि रायबरेली में सोनिया गांधी ने पर्चा भरा। उस दौरान पूरा गांधी परिवार भी मौजूद रहा।

https://www.abpganga.com/election/sonia-gandhi-files-nomination-fifth-time-850

पड़ताल के दौरान हमें आखिरकार ओरिजनल तस्‍वीर के सी कौशिक नाम के फेसबुक अकाउंट पर मिली। इस तस्‍वीर में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को भी देखा जा सकता है। फोटो के बारे में बताया गया कि 11 अप्रैल 2019 को सोनिया गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली में नामांकन भरा।

इस अकाउंट की स्‍कैनिंग करने पर हमें पता चला कि सोनिया गांधी के बगल में काला कोट पहने शख्‍स का नाम ही के सी कौशिक है। उन्‍होंने ही सोनिया गांधी का पर्चा भरवाया था।

सर्च के दौरान हमें यूथ कांग्रेस के ट्विटर हैंडल पर एक Tweet मिला। इसमें सोनिया गांधी को नामांकन करते हुए देखा जा सकता है। 11 अप्रैल 2019 को किए गए इस Tweet के अनुसार, तस्‍वीर रायबरेली में सोनिया गांधी के नामांकन के दौरान की है।

पड़ताल के अगले चरण में हमने वायरल पोस्‍ट की पहली तस्‍वीर को क्रॉप करके गूगल रिवर्स इमेज में अपलोड करके सर्च किया। हमें सबसे पुरानी तस्‍वीर livelaw.in नाम की वेबसाइट पर मिली। इस तस्‍वीर के ऊपर Live Law का लोगो लगा हुआ था। मतलब कि यह तस्‍वीर Live Law की ओरिजनल तस्‍वीर है। तस्‍वीर के बारे में बताया गया कि यह जस्टिस मुरलीधर की है।

इसके बाद हमने जस्टिस मुरलीधर के बारे में सर्च करना शुरू किया। हमें दिल्‍ली हाईकोर्ट की वेबसाइट delhihighcourt.nic.in पर उनके बारे में जानकारी मिली। हमें पता चला कि जस्टिस मुरलीधर ने सितंबर 1984 में चेन्‍नई में लॉ की प्रैक्टिस शुरू की। इसके बाद 1987 में पे दिल्‍ली आ गए और दिल्‍ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में वकालत करने लगे। इसके बाद 2006 में उन्‍हें दिल्‍ली हाईकोर्ट का जज बना दिया गया।

जब हमने कांग्रेस नेता मनीष तिवारी के बारे में जानकारी जुटाना शुरू की तो हमें myneta.info पर मौजूद अपडेट से पता चला कि इन्‍होंने 1992 में एलएलबी की थी,जबकि जस्टिस मुरलीधर ने 1984 में लॉ की प्रैक्टिस शुरू की थी। ऐसे में यह कहना भी फर्जी है कि जस्टिस मुरलीधर ने दस साल तक मनीष तिवारी के असिस्‍टेंट के रूप में काम किया।

इसके बाद विश्‍वास न्‍यूज ने एडवोकेट के सी कौशिक से बात की। उन्‍होंने विश्‍वास न्‍यूज को बताया, ”सोशल मीडिया में कुछ लोग जस्टिस मुरलीधर के नाम से मेरी तस्‍वीर को वायरल कर रहे हैं। यह बेहद ही घटिया करतूत है। पिछले लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नामांकन मैंने ही करवाया था।”

अंत में हमने फर्जी पोस्‍ट करने वाले AAP is No More for Aam Aadmi नाम के फेसबुक पेज की सोशल स्‍कैनिंग की। हमें पता चला कि इस पेज को 2.59 लाख लोग फॉलो करते हैं। पेज को 11 दिसंबर 2013 को बनाया गया था।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि सोनिया गांधी का नामांकन जस्टिस मुरलीधर ने नहीं, बल्कि एडवोकेट केसी कौशिक ने करवाया था। वायरल पोस्‍ट फर्जी है।

False
Symbols that define nature of fake news
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