Fact Check: 2018 की कौशाम्बी की तस्वीर किसानों से जोड़कर हो रही फर्जी दावे के साथ वायरल

विश्वास न्यूज़ ने इस फोटो की पड़ताल की तो हमें पता चला की यह तस्वीर 2018 की कौशाम्बी की है। इस फोटो का किसानों से कोई लेना-देना नहीं है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़). सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एक जीप के अंदर एक शख्स का शव पड़ा है और एक पुलिसवाला उसके ऊपर पैर रखे हुए नज़र आ रहा है। इस फोटो को यूपी में हाल में हुई  किसानों की मौत से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।  जब विश्वास न्यूज़ ने इस फोटो की पड़ताल की तो हमें पता चला की यह तस्वीर 2018 की कौशाम्बी की है। इस फोटो का किसानों से कोई लेना-देना नहीं है। 

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर किया जिसमें बंगाली भाषा में लिखा था, हिंदी अनुवाद: ‘शहीद किसानों को कुछ इस तरह सम्मान दे रही है उत्तर प्रदेश पुलिस।’

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देखें। 

पड़ताल 

अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने गूगल रिवर्स इमेज के ज़रिये वायरल फोटो को तलाश किया। सर्च में हमें यह तस्वीर लाइव हिन्दुस्तान समाचार नाम की वेबसाइट पर 18 अगस्त 2018 को पब्लिश हुई एक खबर में मिली। यहाँ खबर में दी गयी जानकारी के मुताबिक, ‘उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में पुलिस का अमानवीय चेहरा एक बार फिर सामने आया है। जहां दो पक्षों के बीच हुए झगड़े में 2 लोगों की मौत के बाद पुलिस ने शवों को बिना सील किए जीप में जानवरों की तरह लादकर पोस्टमार्टम हाउस पहुंचाया। इतना ही नहीं, जीप में लादे गए शवों के साथ बैठे सिपाही ने मानवता को शर्मसार करते हुए उनके ऊपर पैर रख लगभग 30 किमी का सफर तय किया। पूरी खबर यहाँ पढ़ें। 

इस मामले से जुडी खबर हमें यूपी पंजाब केसरी और ब्रेकिंग ट्यूब नाम की वेबसाइट पर भी मिली। खबर के मुताबिक, ‘कौशाम्बी के चंदूपुर अमरायिन गांव में गुरुवार सुबह खड़ंजा निर्माण को लेकर दो पक्षों के बीच गोलीबारी हुई थी। इस दौरान प्रधान के भाई रामलखन और विपक्षी ईश्वरशरण की मौत हो गई थी। दोहरे हत्याकांड के बाद हरकत में आई पुलिस ने शवों को सरकारी जीप से पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। जिस सिपाही को पीएम कराने की जिम्मेदारी दी गई थी वह जीप में एक मृतक के सीने पर पैर रखकर बैठा रहा। छाती पर पैर रखे हुए घटनास्थल से पोस्टमार्टम हाउस तक गया।’ पूरी खबर यहाँ और यहाँ पढ़ सकते हैं। 

पोस्ट से जुडी पुष्टि के लिए हमने दैनिक जागरण के कौशाम्बी ब्यूरो के चीफ रिपोर्टर शैलेन्द्र द्रिवेदी से संपर्क किया और वायरल पोस्ट उनके साथ शेयर की। उन्होंने हमें बताया, यह तस्वीर 2018 की है, जब आपसी लड़ाई के चलते कुछ लोगों की मौत हुई थी। उन्होंने आगे बताया की जो पुलिसवाला शव पर पैर रखे हुए दिखाई दे रहा है उसे सस्पेंड भी कर दिया गया था। 

पोस्ट को फर्जी दावे के साथ शेयर करने वाली फेसबुक यूजर Puja Santra की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया की यूजर ने खुद से जुडी़ कोई जानकारी पब्लिक नहीं की है। 

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने इस फोटो की पड़ताल की तो हमें पता चला की यह तस्वीर 2018 की कौशाम्बी की है। इस फोटो का किसानों से कोई लेना-देना नहीं है।

False
Symbols that define nature of fake news
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