विश्वास न्यूज की जांच में वायरल पोस्ट फर्जी निकली। मध्य प्रदेश के सीधी की घटना की एक तस्वीर को कुछ लोग गुजरात के शिक्षा मंत्री के विरोध प्रदर्शन के नाम पर वायरल कर रहे हैं.
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर एक तस्वीर को वायरल करते हुए गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू वघानी पर निशाना साधा जा रहा है। इस तस्वीर में कुछ युवकों को अर्धनग्न अवस्था में देखा जा सकता है। इस तस्वीर के ऊपर गुजराती में “जीतू वाघाणी माफी मांगे” लिखा गया है। तस्वीर को वायरल करते हुए कुछ यूजर्स दावा कर रहे हैं कि इन लोगों ने विरोध प्रदर्शन के लिए कपड़े उतार दिए थे। जिसके बाद सरकारी अफसरों को भी कुर्सी छोड़कर भागना पड़ा।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। यह फर्जी साबित हुई है। असल में यह तस्वीर मध्य प्रदेश के सीधी जिले की है। वहां एक रंगकर्मी के अरेस्ट होने के बाद एक पत्रकार और कुछ रंगकर्मियों के कपड़े उतरवा कर हवालात में रखा गया था। इस तस्वीर का गुजरात से किसी भी प्रकार का कोई संबंध नहीं है। जांच में यह भी पता चला कि हाल ही में गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू वघानी ने एक बयान दिया था, जिसके बाद उनका काफी विरोध हुआ था।
फेसबुक यूजर भावेश धमेलिया ने 7 अप्रैल को एक तस्वीर को पोस्ट किया। साथ में गुजराती में लिखा कि जबरदस्त विरोध प्रदर्शन… हाँ.. सरकारी अधिकारी भी कुर्सी छोड़ कर भाग गए।
तस्वीर के ऊपर गुजरात के शिक्षा मंत्री का जिक्र करते हुए लिखा गया कि जीतू वाघाणी माफी मांगे।
फैक्ट चेक के उद्देश्य से फेसबुक पोस्ट में लिखी गई बातों को हूबहू लिखा गया है। इसके आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता हैं। इस पोस्ट को दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट के दावे की सच्चाई पता करने के लिए सबसे पहले ऑनलाइन टूल का इस्तेमाल किया। गूगल रिवर्स इमेज टूल में तस्वीर को अपलोड करके सर्च किया। सर्च के दौरान हमें वायरल तस्वीर से जुड़ी कई मीडिया रिपोर्ट प्राप्त हुई।
नवभारत टाइम्स वेबसाइट पर 09 अप्रैल को प्रकाशित एक खबर में वायरल तस्वीर भी अपलोड मिली। खबर के अनुसार, 2 अप्रैल को मध्य प्रदेश के सीधी में रंगकर्मी नीरज कुंदेर की गिरफ्तारी के विरोध में कुछ नाट्य कलाकारों ने कोतवाली थाने के समक्ष प्रदर्शन किया था। जिसके बाद पुलिस ने एक पत्रकार सहित आठ व्यक्तियों को लॉकअप में केवल चड्ढी छोड़कर बाकी सारे कपड़े उतारवा दिए थे। पूरी खबर यहां पढ़ें।
पड़ताल के दौरान ईटीवी भारत की वेबसाइट पर भी वायरल तस्वीर मिली। 8 अप्रैल को प्रकाशित खबर में बताया गया कि सीधी में पत्रकार और रंगकर्मियों के उत्पीड़न मामले पर चिंता जताते हुए मानवाधिकार आयोग ने डीजीपी से जवाब मांगा है। संबंधित खबर यहां पढ़ें।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए तस्वीर में दिख रहे पत्रकार कनिष्क तिवारी से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि वायरल तस्वीर इसी महीने की दो तारीख की है। उन्होंने बताया कि शहर के रंगकर्मी नीरज कुंदेर को एक फेक अकाउंट के कारण अरेस्ट किया गया था। जिसके बाद उनके कुछ साथी रंगकर्मी और वे थाने पहुंचे थे। जहां उन सभी पर धारा 151 लगाकर सबके कपड़े उतार कर हवालात में रखा गया था। हम लोगों ने विरोध प्रदर्शन के लिए अपनी मर्जी से कपड़े नहीं उतारे थे। ना ही यहां कोई सरकारी अधिकारी कुर्सी छोड़कर भागा था। वायरल पोस्ट फर्जी है।
अब हमें यह जानना था कि क्या गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू वघानी को लेकर कोई विरोध प्रदर्शन हुआ था। गूगल में ओपन सर्च करने पर हमें 6 अप्रैल की एक खबर मिली। इंडिया टुडे की वेबसाइट पर पब्लिश इस खबर में बताया गया कि शिक्षा मंत्री जीतू वघानी के एक बयान के बाद उनका काफी विरोध हुआ। इस बयान में उन्होंने कहा था, “लोग यहां पढ़ते है और यही अपना बिजनेस करते हैं और अगर शिक्षा व्यवस्था कहीं और का पसंद है तो वो गुजरात छोड़ के वहां जा सकते हैं।” संबंधित खबर यहां पढ़ें।
विश्वास न्यूज ने जांच के आखिरी चरण में उस प्रोफाइल की पृष्ठभूमि की जांच की, जिसने वायरल पोस्ट को साझा किया। हमने पाया कि फेसबुक यूजर भावेश धामेलिया गुजरात के भावनगर के रहने वाले हैं। इनके 727 फॉलोअर्स हैं, जबकि पांच हजार मित्र हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की जांच में वायरल पोस्ट फर्जी निकली। मध्य प्रदेश के सीधी की घटना की एक तस्वीर को कुछ लोग गुजरात के शिक्षा मंत्री के विरोध प्रदर्शन के नाम पर वायरल कर रहे हैं.
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