FACT CHECK: शिवसेना ने कांग्रेस के साथ गठजोड़ के बाद नहीं बदला है सामना अखबार के मास्टहेड का रंग
- By: Pallavi Mishra
- Published: Dec 5, 2019 at 02:24 PM
- Updated: Aug 29, 2020 at 04:30 PM
नई दिल्ली विश्वास न्यूज। सोशल मीडिया पर आज कल एक पोस्ट वायरल हो रहा है जिसमें कहा जा रहा है कि शिवसेना ने कांग्रेस के साथ गठजोड़ के बाद सामना अखबार के मास्टहेड का रंग और टैगलाइन बदल दी है। पोस्ट में सामना अखबार के एक एडिशन का स्क्रीनशॉट है जिसमें सामना मास्टहेड का रंग हरा है। हमने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। सामना अखबार के मास्टहेड का रंग अभी भी केसरी है और टैगलाइन ‘ज्वलंत हिंदुत्वाचा पुरस्कार करणारे एकमेव मराठी दैनिक’ ही है।
CLAIM
वायरल पोस्ट में सामना अखबार के मास्टहेड की दो तस्वीरें हैं। पहली तस्वीर में सामना अखबार का मास्टहेड केसरी रंग का है और टैगलाइन में लिखा है ‘ज्वलंत हिंदुत्वाचा पुरस्कार करणारे एकमेव मराठी दैनिक’ है। इसके ऊपर हाथ से 22 नवंबर लिखा है। वहीँ उसके नीचे सामना का 18 नवंबर का मास्टहेड है जो हरे रंग का है और उसकी टैगलाइन है ‘सर्वधर्म समभावाचा पुरस्कार करणारे एकमेव मराठी दैनिक।’ हालाँकि इस पोस्ट में हरे मास्टहेड वाले अख़बार के स्क्रीनशॉट की डेटलाइन तो 18 नवंबर की है मगर उसके ऊपर पोस्ट शेयर करने वाले ने हाथ से 28 नवंबर लिखा है। इस पोस्ट के साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा है ‘कुर्सी के लालच में हिंदू शब्द ही गायब कर दिया।’
FACT CHECK
इस पोस्ट की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले सामना अखबार को खुद जांचने का फैसला किया। हमने सामना का इ-पेपर खोला और जानना चाहा कि सामना का अभी मास्टहेड कौनसे रंग का है। हमने पाया कि सामना का मास्टहेड केसरी रंग का ही है और उसकी टैगलाइन है ‘ज्वलंत हिंदुत्वाचा पुरस्कार करणारे एकमेव मराठी दैनिक।’
इसके बाद हमने सामना का 28 नवंबर का ईपेपर खोला। 28 नवंबर को जारी किए गए एडिशन में भी सामना का रंग केसरी ही था और उसकी टैग लाइन में ‘ज्वलंत हिंदुत्वाचा पुरस्कार करणारे एकमेव मराठी दैनिक’ ही था।
हमने सामना का 18 नवंबर का भी इ-पेपर खोला। उसमें भी सामना का रंग केसरी ही था और उसकी टैग लाइन में ‘ज्वलंत हिंदुत्वाचा पुरस्कार करणारे एकमेव मराठी दैनिक’ ही था।
अब हमने ज़्यादा पुष्टि के लिए शिवसेना की प्रवक्ता डॉ. मनीषा कायंदे से बात की। मनीषा ने हमें बताया ‘सामना के मास्टहेड का रंग नहीं बदला गया है और नाहीं उसका टैगलाइन बदला गया है। वायरल पोस्ट गलत है।” मनीषा ने हमारे साथ सामना के 18 नवंबर और 28 नवंबर दोनों के प्रिंट एडिशन के फोटो भी शेयर करे। इन तस्वीरों में साफ़ देखा जा सकता है कि सामना के मास्टहेड का रंग केसरी है और उसका टैगलाइन भी ‘ज्वलंत हिंदुत्वाचा पुरस्कार करणारे एकमेव मराठी दैनिक’ ही है।
वायरल फोटो में हरे रंग वाले एडिशन में अंक संख्या २८८ (288 ) दिख रही है। हमने ईपेपर पर ढूँढा तो हमें 11 नवंबर को ये अंक संख्या वाला अख़बार मिला। इस अख़बार के मास्टहेड का रंग केसरिया ही था। इसी अंक को फोटोशोशोप की मदद से हरे रंग में रंगा गया था।
इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर कई लोग शेयर करें हैं। इन्हीं में से एक है Manjeet Bagga नाम का फेसबुक प्रोफाइल। इस प्रोफाइल के लगभग 65858 फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: हमने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा और तस्वीर दोनों ही गलत हैं। सामना अखबार ने कांग्रेस और एनसीपी से गठजोड़ के बाद अपने मास्टहेड का रंग और टैगलाइन नहीं बदले गए हैं। सामना के मास्टहेड का रंग अभी भी केसरी ही है। और उसका टैगलाइन भी ‘ज्वलंत हिंदुत्वाचा पुरस्कार करणारे एकमेव मराठी दैनिक’ ही है।
- Claim Review : कुर्सी के लालच में हिन्दू शब्द ही ग़ायब कर दिया
- Claimed By : Manjeet Bagga
- Fact Check : झूठ
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