Fact Check : सिलेबस के बदलाव के विरोध में शिवकुमार का पुराना वीडियो भ्रामक दावे से वायरल

वीडियो करीब एक साल पुराना है, जब डी के शिवकुमार ने कर्नाटक में स्कूल के पाठ्यक्रम को लेकर जारी नए सिलेबस की किताब को लेकर विरोध जताते हुए उसे फाड़ा था। इसका सावरकर से कोई संबंध नहीं है।

Fact Check : सिलेबस के बदलाव के विरोध में शिवकुमार का पुराना वीडियो भ्रामक दावे से वायरल

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर कर्नाटक के डिप्टी सीएम डी के शिवकुमार का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि बीजेपी सरकार ने कर्नाटक स्कूल पाठ्यक्रम में सावरकर के बारे में एक किताब छपवाई थी, जिसे डी के शिवकुमार ने फाड़ कर फेंक दिया। यूजर्स इस वीडियो को उनके शपथ ग्रहण से कुछ दिन पहले का बताते हुए शेयर कर रहे हैं। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। वीडियो करीब एक साल पुराना है, जब डी के शिवकुमार ने कर्नाटक में स्कूल के पाठ्यक्रम को लेकर जारी नए सिलेबस की किताब को लेकर विरोध जताते हुए उसे फाड़ दिया था।

क्या हो रहा है वायरल ?

ट्विटर यूजर ‘निधि  शर्मा’ ने 16 मई 2023 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है,  “बीजेपी सरकार ने कर्नाटक स्कूल पाठ्यक्रम में सावरकर के बारे में एक किताब छपवाई थी, और हमारे कांग्रेसी शेर डी. के. शिवकुमार जी ने उस पाठ का  डेन भोज्यम कर दिया ..अभी तो शपथग्रहण भी नहीं हुआ और कर्नाटका से ऐसी-2 वीडियो और न्यूज़ आने लगी कि…… छोड़ों मैं आगे नहीं बोलता।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

https://twitter.com/NidhiSharmainc/status/1658434931436183553

पड़ताल 

वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें पोस्ट से जुड़ा एक वीडियो न्यूज फर्स्ट कन्नड़ के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मिला। वीडियो को 19 जून 2022 को शेयर किया गया है। दी गई जानकारी के मुताबिक, डी के शिवकुमार ने नए सिलेबस के खिलाफ विरोध जताते हुए किताब को फाड़ा था। 

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट मिली। 18 जून 2022 को प्रकाशित इस रिपोर्ट के अनुसार, “डी के शिवकुमार ने कर्नाटक की किताबों में हुए नए बदलावों को लेकर पहले विरोध जताया था और फिर कुछ दिनों बाद मंच पर सार्वजनिक तौर पर किताब को फाड़कर इस कदम को गलत बताया था।” 

हमें पड़ताल के दौरान कई न्यूज रिपोर्ट मिली। लेकिन किसी में भी हमें इस बात का जिक्र नहीं मिला कि डी के शिवकुमार ने सावरकर को लेकर किताब को फाड़ा था। टीवी9 कन्नड़ रिपोर्ट के मुताबिक, डी के शिवकुमार ने कुछ स्कूल की किताबों से पुरानी जानकारियों को  हटाए जाने और नई जानकारियों को जोड़ने को लेकर विरोध जताया था। 

इंडियन एक्सप्रेस पर 19 जून 2022 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी ने पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल (सेक्युलर) के नेता एच डी देवेगौड़ा और राज्य कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख डी के शिवकुमार ने साथ आकर एक ही मंच से कर्नाटक की नई पाठ्यपुस्तकों को वापस लेने की मांग की थी। उनका कहना था कि बीजेपी ने बसवन्ना और डॉ बी आर अम्बेडकर जैसे प्रमुख समाज सुधारकों की भूमिकाओं को कम कर दिया है।

शिवकुमार ने कहा, “कर्नाटक बसवन्ना, कनकदास, शिशुनल्ला शरीफ और कुवेम्पु की भूमि है। हमें सभी समुदायों को साथ लेकर चलना चाहिए। हमारे सभी विचारकों और सुधारकों का अपमान किया गया है। इसे कोई भी बर्दाश्त नहीं करेगा। हमें राजनीति से ऊपर उठकर सोचना होगा और साथ आना होगा। हमें राज्य की विरासत की रक्षा करनी है और इसलिए हम विरोध कर रहे हैं।”

अधिक जानकारी के लिए हमने कर्नाटक के पत्रकार यासीर खान से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “वायरल दावा गलत है। यह वीडियो तकरीबन  एक साल पुराना है और नए सिलेबस के विरोध में उन्होंने किताब को फाड़ा था।”

आखिर में हमने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से प्रभावित है। यूजर को 73 लोग फॉलो करते हैं। यूजर  जनवरी 2023 से ट्विटर पर सक्रिय है।

निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि किताब फाड़ते डी के शिवकुमार के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। वीडियो करीब एक साल पुराना है, जब डी के शिवकुमार ने कर्नाटक में स्कूल के पाठ्यक्रम को लेकर जारी नए सिलेबस की किताब को लेकर विरोध जताते हुए उसे फाड़ा था। इसका सावरकर से कोई संबंध नहीं है।

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