Fact Check: शिवसेना नेता संजय राउत ने नहीं दिया चुनाव लड़ने के लिए एनसीपी के सिंबल का इस्तेमाल करने को लेकर यह बयान

विश्वास न्यूज की पड़ताल में सं वायरल पोस्ट फर्जी निकली। संजय राउत ने ऐसा बयान नहीं दिया और लोकसत्ता ने इसे नहीं छपा।

Fact Check: शिवसेना नेता संजय राउत ने नहीं दिया चुनाव लड़ने के लिए एनसीपी के सिंबल का इस्तेमाल करने को लेकर यह बयान

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली): महाराष्ट्र में राजनीतिक उथल-पुथल और शिवसेना के राजनीतिक चिह्न पर बहस के बीच, शिवसेना सांसद और प्रवक्ता संजय राउत के नाम पर एक पोस्ट फेसबुक पर साझा की जा रही है। पोस्ट में दावा किया गया है कि संजय राउत ने एक बयान देते हुए कहा कि अगर उनकी पार्टी शिवसेना के धनुष और तीर के निशान को खो देती है तो पार्टी एनसीपी के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। इस पोस्ट का श्रेय प्रमुख मराठी दैनिक, लोकसत्ता को दिया गया है। विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि संजय राउत ने ऐसा बयान नहीं दिया और लोकसत्ता ने इसे नहीं छपा।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर सुशांत येरोंडकर ने पोस्ट शेयर करते हुए लिखा: अनुवाद: वे तब तक चुप नहीं रहेंगे जब तक दुकान बंद नहीं हो जाती।
शेष शिवसैनिकों ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है, सर ने एक विकल्प चुना है। यदि शिवसेना धनुष और बाण का चुनाव चिन्ह हार जाती है, तो शिवसेना अपने सभी चुनाव एनसीपी के पार्टी चिन्ह पर लड़ेगी: संजय राउत।

पोस्ट और उसके आर्काइव वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने कीवर्ड सर्च से मामले की जांच शुरू की। हमने संजय राउत से जुड़ी हालिया सभी ख़बरों को खंगाला। हमें कई खबरें मिलीं मगर कहीं भी उनका एनसीपी को लेकर यह स्टेटमेंट नहीं मिला।

वायरल पोस्ट में लोकसत्ता का ज़िक्र है। इसलिए हमने लोकसत्ता की वेबसाइट चेक की। हमें वेबसाइट पर वायरल पोस्ट के बारे में कोई खबर नहीं मिली।

रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें संजय राउत की वायरल पोस्ट में इस्तेमाल तस्वीर वाली एक पोस्ट मिली। हालांकि, इस पोस्ट की सामग्री वायरल पोस्ट से अलग थी।

इसलिए साफ हो गया कि संजय राउत ने पार्टी के चुनाव चिह्न को लेकर वायरल हो रहे इस बयान को नहीं दिया।

जांच के अगले चरण में हमने एएनआई के संवाददाता सौरभ जोशी से संपर्क किया, जो शुरू से ही वर्तमान महाराष्ट्र की राजनीति को कवर कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि राउत ने वायरल बयान नहीं दिया है।

हमने लोकसत्ता डॉट कॉम के डिजिटल हेड योगेश मेहंदले से भी पूछा। उन्होंने भी पुष्टि की कि वायरल पोस्ट एडिटेड है और लोकसत्ता ने संजय राउत के बारे में ऐसी कोई पोस्ट या खबर नहीं की है।

हमने इस विषय में शिवसेना सांसद और प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी से भी बात की। उन्होंने भी इस पोस्ट को फेक बताया और कहा कि संजय राउत ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है।

आखिरी स्टेप में हमने वायरल पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर का सोशल बैकग्राउंड चेक किया। सुशांत यरोंडकर एक खास विचारधारा से ताल्लुक रखते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में सं वायरल पोस्ट फर्जी निकली। संजय राउत ने ऐसा बयान नहीं दिया और लोकसत्ता ने इसे नहीं छपा।

False
Symbols that define nature of fake news
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